पटनाः बिहार में विकास मित्र और तालिमी मरकज के बढ़े मानदेय को लेकर महागठबंधन में सियासत शुरू हो गई है. जहां विकास मित्र एससी एसटी से बनाए जाते हैं तो वहीं तालिमी मरकज अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को बनाया जाता है. आरजेडी और जेडीयू दोनों की नजर इन दोनों वर्गों पर है, इसलिए जहां जदयू के लोग इसे नीतीश कुमार का फैसला बता रहे हैं तो वहीं राजद के लोग तेजस्वी यादव को क्रेडिट दे रहे हैं.
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नीतीश सरकार की ओर से बड़ा फैसला: बिहार सरकार ने महादलित टोलों में काम कर रहे 20 हजार शिक्षा सेवक 10000 तालिमी मरकज के शिक्षा सेवक और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए संचालित योजना का लाभ पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले 9825 विकास मित्रों का मानदेय सीधे दोगुना कर दिया है. विकास मित्र को अभी 13700 मानदेय दिया जाता है लेकिन अब इसे बढ़ाकर 25000 कर दिया गया है तो वहीं तालीमी मरकज को फिलहाल 11000 रुपए मानदेय मासिक मिलता है, उसे बढ़ाकर 22000 कर दिया गया है.
सरकार के फैसलों पर क्रेडिट लेने की कोशिशः लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार की ओर से ये बड़ा फैसला है क्योंकि विकास मित्र और तालिमी मरकज लगातार मानदेय बढ़ाने और स्थाई करने की मांग कर रहे थे. फिलहाल सरकार ने इनका मानदेय दोगुना तो कर ही दिया है, साथ ही कुछ नई जिम्मेवारिया भी इनको दी जाएगी. कैबिनेट में लिए गए इन बड़े फैसलों का क्रेडिट लेने की कोशिश सरकार के अंदर शुरू हो गई है. सरकार के दो प्रमुख घटक दल राजद और जदयू के नेता इसे भुनाने में लगे हैं. आरजेडी कह रही है कि तेजस्वी यादव के कारण सरकार ने यह फैसला लिया है.
अपनी-अपनी पार्टी को श्रेय दिलाने में जुटे नेताः आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है विकास मित्र और तालिमी मरकज के विभिन्न संगठन के लोग लगातार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलते रहे हैं और 2020 चुनाव में ही तेजस्वी यादव ने तालिमी मरकज और विकास मित्रों को आश्वासन दिया था. वहीं जदयू का कहना है कि ये फैसला नीतीश कुमार का है. विधानसभा में उपाध्यक्ष और जदयू के वरिष्ठ नेता महेश्वर हजारी का कहना है कि विकास मित्र या तालिमी मरकज की नियुक्ति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही की था.
"यह फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट में लिया गया है. इसलिए सारा श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है और इसके लिए उनको हम धन्यवाद भी देते हैं क्योंकि उन्होंने सबसे नीचे पायदान के लोगों को आगे लाने की कोशिश की है"- महेश्वर हजारी, वरिष्ठ नेता, जदयू
"विकास मित्र और तालिमी मरकज के विभिन्न संगठन के लोग लगातार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलते रहे हैं. 2020 के चुनाव में ही तेजस्वी यादव ने मानदेय बढ़ाने का आश्वासन तालिमी मरकज और विकास मित्रों को दिया था"- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
आरजेडी-जेडीयू की वोट बैंक पर नजरः आपको बता दें कि सरकार के इस फैसले को वोट बैंक की नजर से भी देखा जा रहा है, क्योंकि विकास मित्र महादलित विकास मिशन के तहत दलितों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. और उनकी नियुक्ति इस वर्ग के लोगों के बीच से की जाती है. तो सरकार इनके माध्यम से एक बड़े वर्ग को मैसेज देने की कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी तरफ तालिमी मरकज का सीधा संबंध अल्पसंख्यक वर्ग से है, जिस पर जदयू और राजद दोनों की नजर है और इसलिए उनकी दावेदारी दोनों पर होती रही है. अब दोनों दलों की ओर से इस फैसले पर अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश हो रही है.