पटनाः सात निश्चय पार्ट 2 में सीएम सोलर स्ट्रीट लाइट योजना (CM Nitish Kumar Solar Street Light Scheme) को लेकर भाजपा ने बिहार सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. भाजपा नेता ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने पंचायतों के विकास के लिए राशि मुहैया करायी थी, लेकिन बिहार सरकार इस राशि को सीएम सोलर स्ट्रीय लाइट योजना में इस्तेमाल कर रही है. इस आरोप पर मंत्री सुरेंद्र यादव ने BJP के आरोप का तीखा जवाब दिया है.
"बगैर ग्राम सभा की स्वीकृति के सरकार उस पैसे को ब्रेडॉ में ट्रांसफर करवा रही है, जो नियम संगत नहीं है. जो रकम केंद्र ने पंचायत के विकास के लिए दिया है उसका उपयोग सरकार जबरदस्ती मुख्यमंत्री सोलर लाइट योजना में करना चाह रही है. पूरा खेल कमीशनखोरी का है. कहीं न कहीं घोटाले की बू आती है. सरकार मनमाना कर रही है." -मनोज शर्मा, प्रवक्ता, BJP
गांव रोशन करने की योजनाः दरअसल, बिहार के कई ऐसे गांव हैं, जहां रात में लाइट नहीं होने से अंधेरा छाए रहता है. बिहार सरकार ने वैसे इलाकों को रोशन करने के लिए योजना बनाई है. 14 अप्रैल 2022 से मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना की शुरुआत की गई. इसके तहत राज्य में 2023 तक कुल 32000 वार्डों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. इसी बीच सरकार पर घोटाला करने का आरोप लगना शुरू हो गया है.
हर वार्ड 10 सोलर लाइट लगेगीः योजना के अनुसार हर वार्ड में कम से कम 10 सोलर लाइट लगाने का लक्ष्य रखा गया था. कुल मिलाकर 1177080 वार्ड को रोशन करना है. इसके साथ ही 10 9647 गांव को भी सोलर लाइट लगाना है. इसको लेकर पत्र भी जारी किया गया. वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023 24 के तहत 15 में वित्त आयोग के अनटाइड मद में जो राशि उपलब्ध कराई गई है उसे राशि को मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में व्यय हेतु सुरक्षित रखा जाए.
800 करोड़ की राशि इस्तेमाल का आरोपः वित्त आयोग की ओर से हर पंचायत को स्थानीय स्तर पर विकास के लिए 10 लाख रुपए केंद्र की ओर से दिए जाते हैं. जिसका उपयोग ग्राम सभा की स्वीकृति के बाद किया जा सकता है. लगभग 800 करोड़ की राशि बिहार के पंचायत और वार्डों के लिए आवंटित की गई है. इसी राशि का भाजपा द्वारा बिहार सरकार की योजना में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जा रहा है. इस आरोप को कैबिनेट मंत्री ने खारिज करते हुए तीखा प्रहार किया.
"सरकार योजनाओं की प्राथमिकता तय करती है. यह सरकार का स्वाभिलेख है कि वह राशि को किस योजना मध्य में खर्च करेगी. सरकार ने अगर तय किया है कि राशि को सोलर लाइट योजना में खर्च किया जाए तो इसमें कोई बुराई नहीं है. अब फलना-ढेकना क्या बोलता है, हम पार्टी का नाम नहीं लेना चाहते हैं. ये सब अलर बलर वाली पार्टी है. इसका कोई मतलब नहीं है." -सुरेंद्र यादव, कैबिनेट मंत्री, बिहार सरकार
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