पटनाः नीति आयोग की रिपोर्ट (Niti Ayog) के बाद बिहार में सियासी घमासान जारी है. बिहार में तेजी से हो रहे विकास के दावे को यह रिपोर्ट ने आईना दिखा दिया है. इसके बाद राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हो गई है. नीति आयोग की सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स एंड डैशबोर्ड 2020-21 में बिहार 52 अंकों के साथ निचले पायदान पर रहा.
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17 मानकों के आधार पर बनी रिपोर्ट
जारी रिपोर्ट में 75 अंकों के साथ केरल अव्वल रहा तो वहीं हिमाचल प्रदेश को 74, तमिलनाडु को 74, आंध्र प्रदेश को 72 ,गोवा को 72 और कर्नाटक को 72 अंक मिले. वहीं राजस्थान को 60, उत्तरप्रदेश को 60, असम को 57 और झारखंड को 56 अंक मिले. बिहार 52 अंकों के साथ सबसे निचले पायदान पर रहा. नीति आयोग ने 17 मानकों के आधार पर रिपोर्ट जारी की थी.
शिक्षा के क्षेत्र में ग्रेडिंग अच्छी नहीं
स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए उठाए गए कदमों को लेकर शिक्षा मंत्रालय की ओर से परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट आई जिसमें बिहार की ग्रेडिंग अच्छी नहीं रही. शिक्षा के मायने में भी बिहार छठे कैटेगरी में शामिल रहा. असम, बिहार, मध्य प्रदेश और मिजोरम को छठे कैटेगरी में रखा गया.
बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा की मांग
बिहार-झारखंड बंटवारे के बाद से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लैंडलॉक्ड और खनिज पदार्थों का अभाव को लेकर इस दर्जे की मांग की है. बिहार विधानसभा से सर्व सम्मत प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा जा चुका है. सीमाओं के चलते केंद्र की यूपीए और एनडीए सरकार ने बिहार कोई स्पेशल स्टेटस देने में असमर्थता जाहिर की.
रिपोर्ट के बाद एनडीए में तकरार
नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद नेता अपनी-अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर मढ़ना शुरु कर दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने इसका ठीकरा प्रधानमंत्री पर मढ़ दिया और कहा कि स्पेशल स्टेटस बिहार को मिल गया होता तो आज नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार निचले स्थान पर नहीं होता. वहीं भाजपा ने भी इसका दो टूक जवाब देते हुए कहा कि केन्द्र ने स्पेशल स्टेटस की जगह स्पेश पैकेज दिया, जिससे बिहार में तरक्की दिख रही है.
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लगे हाथ राजद ने किया हमला
रिपोर्ट पर जदयू नेताओं के स्टैंड के बाद लगे हाथ राजद ने भी हमला बोल दिया. राजद प्रवक्ता भाई बिरेंद्र ने कहा स्पेशल स्टेटस का मुद्दा सबसे पहले राजद ने उठाया था और उस नीतीश कुमार केंद्र में मंत्री थे. नीतीश कुमार ने ही तत्कालीन प्रधानमंत्री को इस बात के लिए मना कर दिया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाए. राजद नेता ने कहा कि जदयू के लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. बिहार के हितों से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
भाजपा ने राजद को बताया तीसरी पंक्ति
बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा की मांग की लड़ाई में कूदे राजद प्रवक्ता पर भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार ऐसे मुद्दों पर बात कर सकते हैं. इसलिए तीसरी पंक्ति के नेता के बयान का कोई मतलब नहीं है.
स्पेशल स्टेटस सिर्फ राजनीतिक हथकंडा
राजनीतिक जानकार डॉ संजय कुमार का मानना है कि स्पेशल स्टेटस सिर्फ राजनीतिक हथकंडा रह गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार से ऊपर कई ऐसे राज्य हैं, जिन्हें स्पेशल स्टेटस नहीं मिला है. फिर भी उनका परफॉर्मेंस बढ़िया रहा है. बिहार के नेता स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर सिर्फ फेस सेविंग गेम खेल रहे हैं.