पटनाः बिहार में एनपीआर को लेकर सियासी संग्राम जारी है. एक तरफ राजद नेता भाजपा के मंसूबे पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के नेता भी उन पर पलटवार कर रहे है.
घोषणा पत्र को लेकर सियासी संग्राम
बिहार में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. महागठबंधन नेता लगातार केंद्र सरकार के मंसूबों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि एनपीआर जैसे महत्वपूर्ण निर्णय का ऐलान भी भाजपा पार्टी दफ्तर से करती है. भाजपा अपने संकल्प पत्र और घोषणा पत्र की बात कहती है और विपक्ष संविधान की बात करता है. उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि घोषणा पत्र और संविधान में प्राथमिकता किसको दी जाए.
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जनसंघ के जमाने से ही भाजपा एनपीआर को लेकर गंभीर
राजद के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा है कि एनपीआर महात्मा गांधी का सपना था और कांग्रेस के समय देश में एनपीआर लाने का फैसला लिया गया था. आज अगर भाजपा एनपीआर को देश में लागू कर रही है तो विपक्ष के नेता बेचैन क्यों हैं.