पटना: अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष दोनों का कहना है कि न्यायालय के फैसले का सबको सम्मान करना होगा. कृषि मंत्री और बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने कहा कि सबकी इच्छा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो. लेकिन न्यायालय के फैसले का सबको सम्मान करना होगा. वहीं, जदयू अपने पुराने स्टैंड पर कायम है, जबकि राजद को कोर्ट के फैसले का इंतजार है.
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में अयोध्या मामले पर सुनवाई लगातार चल रही है. बुधवार को कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर की समय सीमा तय की है. इसके बाद सुनवाई में तेजी आने की उम्मीद है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों के वकीलों से कहा है कि वह 18 अक्टूबर तक अपनी दलील पूरी कर लें. ऐसे में माना जा रहा है कि अब बहुत जल्द अयोध्या भूमि विवाद मामले पर फैसला आएगा. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों ने भी बयानबाजी तेज कर दी है.
जल्द ही बनेगा राम मंदिर- बीजेपी
नीतीश कैबिनेट के कृषि मंत्री और बीजेपी नेता डॉक्टर प्रेम कुमार ने इस पर कहा कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोतम राम का मंदिर था. मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. हम फैसले का इंतजार कर रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि आशा करते हैं कि जल्द ही फैसला आयेगा. प्रेम कुमार के मुताबिक राम मंदिर लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है. बीजेपी नेता ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जल्द ही अयोध्या में भगवान मर्यादा पुरुषोतम श्री रीम का भव्य मंदिर बनेगा.
फैसले का इंतजार कर रही है RJD
वहीं, इस मुद्दे पर आरजेडी नेता शिवचंद्र राम ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. कोर्ट के फैसले का हम लोग इंतजार कर रहे हैं. कोर्ट जो भी फैसला देगी. वह सब के लिए सर्वमान्य होगा.
पुराने स्टैंड पर JDU कायम, कोर्ट का फैसला स्वीकार
वहीं, राम मंदिर के मुद्दे पर जदयू अपने पुराने स्टैंड पर कायम है. जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि इस मुद्दे पर जदयू की शुरू से मांग रही है कि राम मंदिर पर फैसला आपसी सहमति या फिर कोर्ट के माध्यम से हो. जदयू प्रवक्ता ने स्पष्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, या फिर आपसी रजामंदी के बाद फैसला आए, वो स्वीकार है.
नीतीश ने कमेंट करने से किया था इनकार
बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अयोध्या मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना सही नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने हिसाब से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं.