पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार (Mahagathabandhan Government In Bihar) के मंत्रीमंडल का विस्तार हुआ था. तब मंत्रियों की संख्या बढ़कर 33 हो गई थी. लेकिन इस बीच आरजेडी के दो मंत्री के इस्तीफा देने के कारण यह संख्या घटकर 31 हो गई है. मंत्रीमंडल विस्तार इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास 5 विभाग है. और वो सभी महत्वपूर्ण विभाग है. बजट सत्र के समय परेशानी बढ़ सकती है.
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बिहार में मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर राजनीति : ऐसे उपेंद्र कुशवाहा के उपमुख्यमंत्री को लेकर भी चर्चा हो रही है. लेकिन इस पर आरजेडी की तरफ से सहमति बनेगी. इसकी संभावना कम ही है. राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इस मामले में बयान देकर आरजेडी की तरफ से विरोध भी जता दिया है. बिहार में नीतीश सरकार में अभी 5 मंत्री पद खाली पड़े हुए हैं. चर्चा है कि मकर संक्रांति के बाद यानि खरमास के बाद मंत्रीमंडल का विस्तार हो सकता है.
उपेंद्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाने को लेकर चर्चा : संभव है कि मुख्यमंत्री अपनी यात्रा के बीच में भी मंत्रीमंडल का विस्तार कर दें. क्योंकि फरवरी के अंतिम सप्ताह में बजट सत्र की भी शुरुआत हो जाएगी. इसलिए बजट सत्र शुरू होने से पहले कुछ महत्वपूर्ण विभागों के नए मंत्री बना दिया जाए. आरजेडी के दो मंत्री पद एक सुधाकर सिंह और दूसरा कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे के कारण खाली हुआ है. कांग्रेस का भी एक मंत्री पद खाली पड़ा हुआ है.
कांग्रेस की तरफ से 4 मंत्री पद की मांग : कांग्रेस की तरफ से 4 मंत्री पद की मांग पहले से हो रही है. दो मंत्री कांग्रेस से बनाए गए थे. दो और मांग हो रही है. सूत्रों से जो जानकारी मिली है, फिलहाल आरजेडी के दो और कांग्रेस के एक मंत्री पद का ही शपथ ग्रहण होगा. पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भी मुख्यमंत्री ने इसके संकेत दिए थे. उप मुख्यमंत्री को लेकर काफी चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा बनाए जा सकते हैं.
डिप्टी सीएम को लेकर RJD और JDU में खींचतान : उपेंद्र कुशवाहा भी कह रहे हैं कि जो चर्चा हो रही है उससे खुश हैं. लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का अधिकार क्षेत्र में है. मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला मुख्यमंत्री को ही फैसला लेना है. उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान पर आरजेडी की तरफ से वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बयान देकर विरोध भी जताया है. ऐसे में आरजेडी इस पर सहमति देगी इसकी संभावना कम है.
'राजनीति में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बनने की इच्छा सबको होती है. लेकिन इसका फैसला तो मुख्यमंत्री ही करेंगे.' - शक्ति यादव, आरजेडी प्रवक्ता
'सीएम नीतीश सरकार में 5 मंत्री और बनाए जा सकते हैं. दो मंत्री तो आरजेडी के ही खाली पड़े हुए हैं. कांग्रेस की तरफ से भी दो दावेदारी हो रही है और एक और मंत्री बनाया जा सकता है. उपेंद्र कुशवाहा के उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की जो चर्चा हो रही है. उस पर तो फैसला मुख्यमंत्री को ही करना है.' - अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक
मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज : अरुण पांडे का कहना है कि आरजेडी के जो मंत्री इस्तीफा दिए हैं. दोनों अपरकास्ट से थे तो ऐसे में अपर कास्ट का कहीं न कहीं दबाव रहेगा और बीजेपी को टक्कर देना है तो आरजेडी और कांग्रेस को अपर कास्ट से मंत्री बनाना होगा. उनका ये भी कहना है कि मंत्रीमंडल का विस्तार खरमास के बाद अवश्यंभावी है. मुख्यमंत्री समाधान यात्रा पर है तो पहले चरण की यात्रा की समाप्ती के बाद भी मंत्रीमंडल का विस्तार हो सकता है. वहीं तेजस्वी यादव के पास अभी 5 विभाग हैं तो नए मंत्री के आने से उन्हें भी राहत मिलेगी.
मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर माथापच्ची : आरजेडी के दो मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद बिहार में अभी नीतीश सरकार में मंत्रियों की कुल संख्या--31 है.
आरजेडी में डिप्टी तेजस्वी यादव के साथ कुल मंत्री- 15 हैं. जदयू के सीएम नीतीश कुमार के साथ कुल मंत्री-12 हैं. कांग्रेस के मंत्री- दो है. हम के मंत्री-एक है.
निर्दलीय-एक है. बिहार विधानसभा में महागठबंधन के दलों की स्थिति-- राजद-79, जदयू-45, कांग्रेस-19, हम-04, निर्दलीय- 01 हैं. वामपंथी दलों के सदस्य जिसमें माले के 12 सीपीआई के दो, सीपीएम के 2 सदस्य हैं. जो बाहर से समर्थन कर रहे हैं.
आरजेडी में भी कई दावेदार हैं : मंत्रिमंडल विस्तार में जहां आरजेडी में भी कई दावेदार हैं. वहीं, कांग्रेस में अजीत शर्मा का नाम पहले भी चर्चा में रहा. साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का नाम भी इस बार की चर्चा में है. तो इन दोनों में से एक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कांग्रेस के लिए दो मंत्री पद की दावेदारी लगातार की है. आरजेडी के पहले ही दोनों मंत्री इस्तीफा दे दिए थे. जो अपर कास्ट से थे.
आरजेडी के पहले ही दो मंत्री इस्तीफा दे चुकें हैं : जिसमें एक भूमिहार वर्ग से थे तो वहीं दूसरा राजपूत जाति से. ऐसे में आरजेडी भी इन्हीं दोनों में से मंत्री बनाएगी, यह तय माना जा रहा है. इसमें विधान पार्षद सुनील सिंह का नाम चर्चा में है. जो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नजदीकी भी हैं. हालांकि आरजेडी में फैसला लालू प्रसाद यादव की सहमति के बाद ही होगा. लेकिन सबसे अधिक चर्चा उपमुख्यमंत्री को लेकर हो रही है.
डिप्टी सीएम पद को लेकर चर्चा : एनडीए सरकार में जहां बीजेपी कोटे से 2 उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे. लेकिन महागठबंधन में आरजेडी कोटे से केवल एक उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं. और इसलिए यह चर्चा हो रही है कि एक उपमुख्यमंत्री और बनाया जा सकता है. ऐसे महागठबंधन सरकार बनने के दौरान यह चर्चा थी कि कांग्रेस से एक उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. लेकिन राजद उसके लिए तैयार नहीं हुई. इसलिए इसकी संभावना कम ही है कि तेजस्वी यादव के अलावा कोई और उपमुख्यमंत्री इस सरकार में होगा.