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नक्सल प्रभावित इलाकों में पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस मुख्यालय अलर्ट, पहले चरण में होगी वोटिंग - Bihar Police

बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election 2021) के पहले चरण के चुनाव के लिए 10 जिले के 12 प्रखंडों के लिए 24 सितंबर को मतदान होगा. इस दौरान कई ऐसे प्रखंडों में चुनाव होना है जो नक्सली प्रभावित हैं. ऐसे में शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव कराने के लिए पुलिस मुख्यालय ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. पढ़िए पूरी खबर..

Bihar Panchayat Election
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Published : Sep 15, 2021, 1:06 PM IST

पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के पहले चरण में कई नक्सली प्रभावित प्रखंडों में चुनाव होना है. मतदान के लिए 10 जिलों में 2119 बूथ स्थापित किए गए हैं. प्रथम चरण में शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव कराया जा सके, इसको लेकर पुलिस मुख्यालय अलर्ट (Police Headquarters) है. गया जिले के अनेकों प्रखंड के क्षेत्र नक्सल प्रभावित जोन में आते हैं, इन सभी बूथों पर शांतिपूर्ण चुनाव करवाने की जिम्मेवारी बिहार पुलिस (Bihar Police) के कंधे पर है.

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पहले चरण में मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, वार्ड समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. प्रथम चरण में रोहतास, कैमूर, नवादा, जहानाबाद, अरवल, मुंगेर, जमुई समेत 10 जिलों के 12 प्रखंडों में 24 सितंबर को मतदान होगा.

इस बार बिहार में पंचायत चुनाव 11 चरणों में कराया जा रहा है, जो कि 24 सितंबर से लेकर 12 दिसंबर तक होना है. बिहार में प्रथम चरण के पंचायत चुनाव में 10 जिलों के 12 प्रखंड में से ज्यादातर नक्सल प्रभावित हैं. दरअसल 90 के दशक में बिहार में नक्सलियों का अच्छा खासा प्रभाव हुआ करता था, पर अब हालात वैसे नहीं है. बीते कुछ वर्षों में वह जंगल और पहाड़ी इलाकों तक सिमट कर रह गए हैं.

यह भी पढ़ें- VIDEO: पंचायत चुनाव के लिए नामांकन करने आई विधवा महिला की देवर ने भर दी मांग

हालांकि माना जा रहा है कि दूरवर्ती इलाकों में ही वह अपने चहेते उम्मीदवारों की मदद करने की कोशिश जरूर करेंगे. ऐसे में उन इलाकों में सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसी की पैनी नजर है. पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों और खुफिया एजेंसियों की नजर सिर्फ नक्सलियों पर ही नहीं है, बल्कि उन इलाकों के प्रत्याशियों पर भी है. ताकि कोई नक्सलियों की मदद लेने की कोशिश ना कर सके.

बिहार में पंचायत चुनाव में लगभग 100000 पुलिसकर्मी की तैनाती की जाएगी. जिसमें होमगार्ड, जिला पुलिस बल और नक्सली प्रभावित बूथों पर बिहार विशेष सशस्त्र बल तैनात रहेंगे.

पहले चरण में जिन 10 जिलों के 12 प्रखंडों में मतदान होना है उनमें रोहतास जिले के दावथ और संझौली प्रखंड, कैमूर जिले के कुदरा प्रखंड, गया जिले के बेलागंज और खिजरसराय प्रखंड, नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड, औरंगाबाद जिले का मुख्य प्रखंड, जहानाबाद का काको प्रखंड, अरवल के सोनभद्र, वंशी, सूर्यपुर प्रखंड, मुंगेर जिले के तारापुर, जमुई जिले के सिकंदरा और बांका जिले के धैर्यया प्रखंड शामिल हैं.

इन जिलों के मतगणना 26 और 27 से सितंबर को कराई जाएगी. 6 में से 4 पद मुखिया ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य का चुनाव ईवीएम से होगा, जबकि सरपंच और पंच के लिए बैलेट पेपर से मतदान होगा.

नक्सल प्रभावित इलाकों पर चुनाव आयोग के साथ ही पुलिस मुख्यालय की भी विशेष नजर है. हालांकि बिहार में नक्सली बैकफुट पर हैं लेकिन प्रशासन फिर भी उनको लेकर सतर्क है. चुनाव से पहले सभी फोर्स को अलर्ट कर दिया गया है.

नक्सलियों का बिहार में गया, औरंगाबाद, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, नवादा और झारखंड की सीमा से लगने वाले इलाकों में ज्यादा प्रभाव है. पंचायत चुनाव में नक्सली ज्यादा ही सक्रिय रहते हैं. दरअसल माना जाता है कि नक्सली अपने ही पसंद के प्रत्याशियों को ही जिताते हैं ताकि नक्सलियों का फायदा हो.

पहले के चुनाव में भी कई नक्सली कमांडर अपने चहेतों को जीत दिलवा चुके हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव को नक्सली प्रभावित न कर सके, इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने कमर कस रखी है. नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों के साथ खुफिया एजेंसी भी पूरी तरह से चौकस है. नक्सल प्रभावित बूथों पर बिहार सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पारा मिलिट्री फोर्स जोकि बिहार में पहले से तैनात हैं, उनकी भी मदद ली जाएगी.

औरंगाबाद जिले के 11 प्रखंडों में 10 चरणों में चुनाव कराने के लिए नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर स्टैटिक फोर्स की तैनाती की जा रही है. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार नक्सल प्रभावित मतदान शांतिपूर्ण करवाने के लिए लगातार मतदाताओं को जागरूक करने के लिए एरिया डोमिनेशन (Area Domination) कार्य किया जा रहा है.इसके अलावा नक्सलियों पर सुरक्षा बलों के साथ खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर है. अगर कोई भी प्रत्याशी नक्सली की मदद लेता है तो उसके खिलाफ भी निर्वाचन आयोग द्वारा एक्शन लिया जाएगा.

नोट: 11 पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने वोटरों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 3457 243 जारी किया है. इस नंबर पर चुनाव से जुड़े सुझाव व शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

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पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के पहले चरण में कई नक्सली प्रभावित प्रखंडों में चुनाव होना है. मतदान के लिए 10 जिलों में 2119 बूथ स्थापित किए गए हैं. प्रथम चरण में शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव कराया जा सके, इसको लेकर पुलिस मुख्यालय अलर्ट (Police Headquarters) है. गया जिले के अनेकों प्रखंड के क्षेत्र नक्सल प्रभावित जोन में आते हैं, इन सभी बूथों पर शांतिपूर्ण चुनाव करवाने की जिम्मेवारी बिहार पुलिस (Bihar Police) के कंधे पर है.

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पहले चरण में मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, वार्ड समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. प्रथम चरण में रोहतास, कैमूर, नवादा, जहानाबाद, अरवल, मुंगेर, जमुई समेत 10 जिलों के 12 प्रखंडों में 24 सितंबर को मतदान होगा.

इस बार बिहार में पंचायत चुनाव 11 चरणों में कराया जा रहा है, जो कि 24 सितंबर से लेकर 12 दिसंबर तक होना है. बिहार में प्रथम चरण के पंचायत चुनाव में 10 जिलों के 12 प्रखंड में से ज्यादातर नक्सल प्रभावित हैं. दरअसल 90 के दशक में बिहार में नक्सलियों का अच्छा खासा प्रभाव हुआ करता था, पर अब हालात वैसे नहीं है. बीते कुछ वर्षों में वह जंगल और पहाड़ी इलाकों तक सिमट कर रह गए हैं.

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हालांकि माना जा रहा है कि दूरवर्ती इलाकों में ही वह अपने चहेते उम्मीदवारों की मदद करने की कोशिश जरूर करेंगे. ऐसे में उन इलाकों में सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसी की पैनी नजर है. पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों और खुफिया एजेंसियों की नजर सिर्फ नक्सलियों पर ही नहीं है, बल्कि उन इलाकों के प्रत्याशियों पर भी है. ताकि कोई नक्सलियों की मदद लेने की कोशिश ना कर सके.

बिहार में पंचायत चुनाव में लगभग 100000 पुलिसकर्मी की तैनाती की जाएगी. जिसमें होमगार्ड, जिला पुलिस बल और नक्सली प्रभावित बूथों पर बिहार विशेष सशस्त्र बल तैनात रहेंगे.

पहले चरण में जिन 10 जिलों के 12 प्रखंडों में मतदान होना है उनमें रोहतास जिले के दावथ और संझौली प्रखंड, कैमूर जिले के कुदरा प्रखंड, गया जिले के बेलागंज और खिजरसराय प्रखंड, नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड, औरंगाबाद जिले का मुख्य प्रखंड, जहानाबाद का काको प्रखंड, अरवल के सोनभद्र, वंशी, सूर्यपुर प्रखंड, मुंगेर जिले के तारापुर, जमुई जिले के सिकंदरा और बांका जिले के धैर्यया प्रखंड शामिल हैं.

इन जिलों के मतगणना 26 और 27 से सितंबर को कराई जाएगी. 6 में से 4 पद मुखिया ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य का चुनाव ईवीएम से होगा, जबकि सरपंच और पंच के लिए बैलेट पेपर से मतदान होगा.

नक्सल प्रभावित इलाकों पर चुनाव आयोग के साथ ही पुलिस मुख्यालय की भी विशेष नजर है. हालांकि बिहार में नक्सली बैकफुट पर हैं लेकिन प्रशासन फिर भी उनको लेकर सतर्क है. चुनाव से पहले सभी फोर्स को अलर्ट कर दिया गया है.

नक्सलियों का बिहार में गया, औरंगाबाद, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, नवादा और झारखंड की सीमा से लगने वाले इलाकों में ज्यादा प्रभाव है. पंचायत चुनाव में नक्सली ज्यादा ही सक्रिय रहते हैं. दरअसल माना जाता है कि नक्सली अपने ही पसंद के प्रत्याशियों को ही जिताते हैं ताकि नक्सलियों का फायदा हो.

पहले के चुनाव में भी कई नक्सली कमांडर अपने चहेतों को जीत दिलवा चुके हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव को नक्सली प्रभावित न कर सके, इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने कमर कस रखी है. नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों के साथ खुफिया एजेंसी भी पूरी तरह से चौकस है. नक्सल प्रभावित बूथों पर बिहार सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पारा मिलिट्री फोर्स जोकि बिहार में पहले से तैनात हैं, उनकी भी मदद ली जाएगी.

औरंगाबाद जिले के 11 प्रखंडों में 10 चरणों में चुनाव कराने के लिए नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर स्टैटिक फोर्स की तैनाती की जा रही है. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार नक्सल प्रभावित मतदान शांतिपूर्ण करवाने के लिए लगातार मतदाताओं को जागरूक करने के लिए एरिया डोमिनेशन (Area Domination) कार्य किया जा रहा है.इसके अलावा नक्सलियों पर सुरक्षा बलों के साथ खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर है. अगर कोई भी प्रत्याशी नक्सली की मदद लेता है तो उसके खिलाफ भी निर्वाचन आयोग द्वारा एक्शन लिया जाएगा.

नोट: 11 पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने वोटरों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 3457 243 जारी किया है. इस नंबर पर चुनाव से जुड़े सुझाव व शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

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