पटना: बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) में बड़ी उम्मीद से बेबस और लाचार मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. लेकिन, पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में बदइंतजामी और इलाज में लापरवाही (Negligence) के कई मामले सामने आए हैं.
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ऐसे में अस्पताल प्रबंधन (Hospital Management) ने अपनी कुव्यवस्था को छिपाने के लिए पदाधिकारियों, चिकित्सकों और अन्य कर्मियों के मीडिया (Media) से बातचीत पर रोक लगा दी है. इसके लिए अधीक्षक कार्यालय के तरफ से आदेश भी निर्गत किए गए हैं. बता दें कि बीते कुछ महीनों में अस्पताल में कुप्रबंधन के कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसने अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल दी है.
पोस्टमार्टम (Post Mortem) के बाद शव परिजनों को सुपुर्द करने के लिए पैसे की उगाही, अस्पताल में एंबुलेंस पार्किंग से जुड़े वर्चस्व के मसले पर गोलीबारी, अस्पताल के थैलेसीमिया वार्ड में जाने के लिए लिफ्ट का खराब होना, शिशु वार्ड में बेड फटे हुए होना और आसपास गंदगी बिखरे होना, ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों के लिए दवा की कमी और सही इलाज ना होने का मामला संबंधी अन्य कई हाल के दिनों में पीएमसीएच से खबरें मीडिया में सामने आई है. जो पीएमसीएच की पुरानी गरिमा के खिलाफ थी.
ऐसे में अस्पताल से कोई खबरें लीक ना हो इसे लेकर पीएमसीएच के अधीक्षक कार्यालय के तरफ से अस्पताल के सभी वरीय पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि किसी भी हाल में वह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक किसी भी प्रकार की मीडिया को स्टेटमेंट नहीं देंगे.
पीएमसीएच अधीक्षक कार्यालय की तरफ से जारी कार्यालय आदेश में साफ लिखा गया है कि "देखा जा रहा है कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पटना से संबंधित सूचना प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बिना अधोहस्ताक्षरी के अनुमति से दे दिया जा रहा है.
ऐसे में सभी विभागाध्यक्ष, दोनों उपाधीक्षक, मुख्य आकस्मिक चिकित्सा पदाधिकारी, आईजीसीसी, चिकित्सा पदाधिकारी औषधि भंडार, चिकित्सा पदाधिकारी शल्य भंडार, नोडल पदाधिकारी कोविड-19 कंट्रोल, अस्पताल प्रबंधक, मेट्रोन, सहायक मातृका, प्राचार्य नर्सिंग स्कूल, गृह संरक्षिका पीएमसीएच को आदेश दिया जाता है कि किसी भी तरह सूचना प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अधोहस्ताक्षरी के अनुमति के बिना नहीं दे. मीडिया को सूचना देने के लिए अधीक्षक पटना मेडिकल कॉलेज ही अधिकृत हैं."
अधीक्षक ने कार्यालय से आदेश निर्गत कर सभी को मीडिया से बातचीत के लिए रोक लगा दिया है और किसी विशेष विषय पर अगर मीडिया कर्मी बातचीत की अनुमति भी चाहते हैं, तो अधीक्षक अनुमति नहीं देते हैं और अपने कार्यालय में अधीक्षक मीडिया को एंट्री भी नहीं देते है.
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बता दें कि पीएमसीएच में कोविड-19 (COVID-19) के समय काफी फंड भी आए और फंड को कैसे उपयोग में लाया गया, इस बाबत अस्पताल ने कोई श्वेत पत्र भी नहीं जारी किया है. अस्पताल के कर्मचारी और डॉक्टर के बीच इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि कोरोना के नाम पर अस्पताल के वरीय पदाधिकारी खूब लूट मचा रहे हैं. तीसरी लहर की तैयारी के नाम पर शिशु वार्ड को डेवलप करने के लिए भी खूब बातें कही गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ. ऐसे में यह राशि कहां गई पता नहीं. इन सब बातों को लेकर अस्पताल के अंदर गॉसिप खूब हो रही है, मगर खुलकर कोई भी नहीं बोल रहा है.