पटना : पीएम नरेंद्र मोदी ने छठ महापर्व पर बधाई देते हुए अपने मन की बात कही है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सूर्य की आराधना के महापर्व छठ की समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत मंगलकामनाएं. छठी मइया सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और सूर्यदेव के ओज का संचार करें.' इसके साथ ही पीएम मोदी ने वीडियो जारी करते हुए मन की बात कही है.
पीएम मोदी ने कहा, 'दीपावली के 6 दिन बाद, मनाया जाने वाला महापर्व छठ हमारे देश में सबसे अधिक नियम निष्ठा के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है, जिसमें खान-पान से लेकर वेशभूषा तक हर बात में पारंपारिक नियमों का पालन किया जाता है. छठ पूजा का अनुपम पर्व, प्रकृति से आप्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है.'
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सूर्य की आराधना के महापर्व छठ की समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत मंगलकामनाएं। छठी मइया सभी के जीवन में सुख-समृद्धि और सूर्यदेव के ओज का संचार करें। pic.twitter.com/MK1j3jkhXk
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'सूर्य और जल, महापर्व छठ की उपासना के केंद्र में हैं तो बांस और मिट्टी से बने बर्तन और कंद मूल इनकी पूजन विधि से जुड़ी अभिन्न सामाग्रियां हैं. आस्था के इस पर्व में उगते और डूबते हुए सूर्य की आरधना का संदेश अद्वितीय संस्कार से परिपूर्ण है. दुनिया उगने वालों को पूजने में लगी रहती है लेकिन छठ पूजा हमें उनकी भी आराधना करने का संदेश देती है, जिनका डूबना भी प्राय: निश्चित है.'- पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस पर्व में समाहित है. छठ के पहले पूरे घर की सफाई, साथ ही नदी, पोखर और तलाब के किनारे यानी घाटों की सफाई भी सभी जोश और उत्साह के साथ सभी लोग जुड़कर करते हैं. सूर्य वंदना या छठ पूजा, पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण और अनुशासन का पर्व है.
महान परंपरा पर गर्व- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, 'सामान्य रूप से लोग कुछ मांगकर लेने को हीन भाव समझते हैं. लेकिन छठ पर्व के सुबह के अर्घ्य के बाद लोग प्रसाद मांगकर लेते हैं. इसकी एक विशेष परंपरा रही है. प्रसाद मांगने की इस परंपरा के पीछे, यह मान्यता भी बताई जाती है कि इससे अहंकार भी नष्ट होता है. एक ऐसी भावना जो व्यक्ति की प्रगति की राह की में बाधक बनती है. भारत की इस महान परंपरा के प्रति हर किसी को गर्व होना बहुत स्वभाविक है.'