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'समाजवादी नीतीश' के बहाने यूपी के कुर्मी वोट बैंक पर BJP की नजर, PM मोदी ने एक तीर से साधे कई निशाने!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने समाजवाद का मतलब नीतीश कुमार (Nitish Kumar Example of Socialism) बताकर बड़ा मास्टर स्ट्रोक चला है. माना जा रहा है कि इससे न केवल उन्होंने यूपी के कुर्मी मतदाताओं को बीजेपी के साथ जोड़ने की कोशिश की है, बल्कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को यह भी संदेश दे दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) एनडीए के साथ बने रहेंगे.

समाजवाद का मतलब नीतीश कुमार
समाजवाद का मतलब नीतीश कुमार
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Published : Feb 14, 2022, 9:28 PM IST

Updated : Feb 15, 2022, 7:32 AM IST

पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. पार्टी ने मिशन यूपी को लेकर पूरी ताकत झोंक रखी है. बिहार बीजेपी के कार्यकर्ता लगातार उत्तर प्रदेश में कैंप किए हुए हैं. जेडीयू और बीजेपी में गठबंधन नहीं होने के कारण जेडीयू की ओर से भी प्रत्याशी खड़े किए गए हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) को समाजवादी करार देकर कुर्मी वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है.

ये भी पढ़ें: PM मोदी ने बताया असली समाजवादी तो बोले नीतीश- 'ये तो उनकी कृपा है, पूरा बिहार मेरा परिवार'

देखें रिपोर्ट

पीएम मोदी के द्वारा नीतीश कुमार को असली समाजवादी बताने से कुर्मी वोट बैंक की सहानुभूति भी बीजेपी के पक्ष में हो सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार की तारीफ में कसीदे कढ़े हैं. ऐसी परिस्थितियों में यूपी में जेडीयू नेताओं के लिए प्रधानमंत्री पर सीधा वार करना आसान नहीं होगा. पीएम मोदी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए पिच भी तैयार कर दिए हैं. नीतीश कुमार को साथ रखकर बीजेपी ज्यादातर सीटों को अपने पक्ष में करना चाहेगी.

दरअसल, स्पेशल स्टेटस और जातीय जनगणना को लेकर जिस तरीके से जेडीयू नेता मुहिम चला रहे थे, पीएम के बयान के बाद स्पेशल स्टेटस इन मुहिम को भी एक तरीके से झटका लगा है. हाल के दिनों में बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बीच बयानों के तीर चले हैं. प्रदेश स्तर के नेताओं के बयान से रिश्तो में कड़वाहट भी आई है. प्रधानमंत्री ने दोनों दलों के रिश्तो में मिठास घोलने की कोशिश भी की है. समाजवाद पर बहस छेड़कर प्रधानमंत्री ने परिवारवाद की राजनीति करने वालों पर चोट किया है. पीएम के बयान से विपक्षी खेमे में भी बेचैनी का आलम है.

वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि प्रधानमंत्री में यूपी चुनाव के ठीक पहले बयान देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. पीएम ने एक तीर से कई निशाना साधे हैं. नीतीश कुमार की तारीफ कर प्रधानमंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी रोडमैप तैयार कर लिया है.

उधर, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के व्यक्तित्व को उजागर किया है. कर्पूरी ठाकुर और जेपी लोहिया के बाद नीतीश कुमार बड़े समाजवादी नेता हैं. विपक्ष परिवार की राजनीति करता है. नीतीश कुमार ने विकास की राजनीति की है.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि पीएम के बयान का कोई राजनैतिक मतलब निकालना सही नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री ने वैसे लोगों को आईना दिखाया है, जो परिवारवादी और जातिवादी राजनीति करते हैं. नीतीश कुमार बड़े समाजवादी नेता हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है.

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी कहा- परिवारवाद लोकतंत्र के लिए खतरा

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पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. पार्टी ने मिशन यूपी को लेकर पूरी ताकत झोंक रखी है. बिहार बीजेपी के कार्यकर्ता लगातार उत्तर प्रदेश में कैंप किए हुए हैं. जेडीयू और बीजेपी में गठबंधन नहीं होने के कारण जेडीयू की ओर से भी प्रत्याशी खड़े किए गए हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) को समाजवादी करार देकर कुर्मी वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है.

ये भी पढ़ें: PM मोदी ने बताया असली समाजवादी तो बोले नीतीश- 'ये तो उनकी कृपा है, पूरा बिहार मेरा परिवार'

देखें रिपोर्ट

पीएम मोदी के द्वारा नीतीश कुमार को असली समाजवादी बताने से कुर्मी वोट बैंक की सहानुभूति भी बीजेपी के पक्ष में हो सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार की तारीफ में कसीदे कढ़े हैं. ऐसी परिस्थितियों में यूपी में जेडीयू नेताओं के लिए प्रधानमंत्री पर सीधा वार करना आसान नहीं होगा. पीएम मोदी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए पिच भी तैयार कर दिए हैं. नीतीश कुमार को साथ रखकर बीजेपी ज्यादातर सीटों को अपने पक्ष में करना चाहेगी.

दरअसल, स्पेशल स्टेटस और जातीय जनगणना को लेकर जिस तरीके से जेडीयू नेता मुहिम चला रहे थे, पीएम के बयान के बाद स्पेशल स्टेटस इन मुहिम को भी एक तरीके से झटका लगा है. हाल के दिनों में बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बीच बयानों के तीर चले हैं. प्रदेश स्तर के नेताओं के बयान से रिश्तो में कड़वाहट भी आई है. प्रधानमंत्री ने दोनों दलों के रिश्तो में मिठास घोलने की कोशिश भी की है. समाजवाद पर बहस छेड़कर प्रधानमंत्री ने परिवारवाद की राजनीति करने वालों पर चोट किया है. पीएम के बयान से विपक्षी खेमे में भी बेचैनी का आलम है.

वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि प्रधानमंत्री में यूपी चुनाव के ठीक पहले बयान देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. पीएम ने एक तीर से कई निशाना साधे हैं. नीतीश कुमार की तारीफ कर प्रधानमंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी रोडमैप तैयार कर लिया है.

उधर, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के व्यक्तित्व को उजागर किया है. कर्पूरी ठाकुर और जेपी लोहिया के बाद नीतीश कुमार बड़े समाजवादी नेता हैं. विपक्ष परिवार की राजनीति करता है. नीतीश कुमार ने विकास की राजनीति की है.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि पीएम के बयान का कोई राजनैतिक मतलब निकालना सही नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री ने वैसे लोगों को आईना दिखाया है, जो परिवारवादी और जातिवादी राजनीति करते हैं. नीतीश कुमार बड़े समाजवादी नेता हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है.

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी कहा- परिवारवाद लोकतंत्र के लिए खतरा

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Last Updated : Feb 15, 2022, 7:32 AM IST
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