पटनाः केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार समेत विभिन्न राज्यों के लगभग 100 व्यापारी नेताओं के साथ आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस दौरान गोयल ने पुलिस, चिकित्सा और पैरा मेडिकल सेवाओं के समकक्ष "कोरोना वारियर्स" संबोधित किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में कई बाधाओं और कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की सुचारू और कुशल आपूर्ति जारी है. इसके लिए देश भर के व्यापारियों का योगदान अहम है.
इस दौरान गोयल ने व्यापारियों और छोटे उद्योगों को गुणवत्ता के सामान का उत्पादन करने के लिए कहा. स्वदेशी उत्पादों पर जोर देते हुए कहा कि इससे दूसरे देशों पर निर्भरता कम से कम होगा. चुनौती को स्वीकार कर अवसर में बदलने से समाज में बदलाव लाते हैं. व्यापारी बेहतर तकनीक को अपना कर व्यवसाय को आगे बढ़ाएं और नए भारत का निर्माण करें.
लॉक डाउन में उम्मीदों पर खरा उतर रहे व्यापारी
कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा एंव अन्य व्यापारीयों को पीयूष गोयल ने संबोधित किया. गोयल ने कहा कि व्यापारी उम्मीदों पर खरा उतरे हैं और आवश्यक वस्तुओं की समुचित आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्व बाजार के बड़े हिस्से को भारतीय उत्पादों द्वारा जोड़ने के लिए भारत से निर्यात को उच्चतम स्तर पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
कैट ने उपभोक्ताओं तक निर्बाध रूप से आवश्यक सामान पहुंचाने की बात कही. इसके लिए थोक एवं खुदरा व्यापारी, वितरक, निर्माता, परिवहन सेवा, कूरियर सेवा, कच्चे माल निर्माता या उसके उत्पादक और वितरक, पैकेजिंग उत्पादों के निर्माता आदि के बीच बेहतर तालमेल को जरूरी बताया. इसके लिए मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करने की बात कही.
व्यापारियों को मिले 3 प्रतिशत की दर से ब्याज
वही, विभिन्न राज्यों के व्यापारी नेताओं ने कहा कि भुगतान में 30-60 दिनों की छूट अवधि की अनुमति देने की बात कही. जिससे उनके क्रेडिट इतिहास को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए. व्यापारियों और एमएसएमई को मानक ऋण पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज देने की घोषणा होनी चाहिए. कैट बिहार ने मांग किया कि पीएफ, ईएसआईसी भुगतान में व्यापारियों के योगदान को सरकार द्वारा दिया जाए. प्रीमियम पर व्यावसायिक बीमा पॉलिसियां और कवरेज प्रदान किया जाए. लॉक डाउन की अवधि के दौरान बिजली के बिलों पर फिक्स्ड शुल्क बिजली आपूर्तिकर्ताओं द्वारा नहीं लिया जाए.
ईएसआई से हो वेतन का भुगतान
कैट बिहार ने कर्मचारियों के वेतन, वेतन का भुगतान ईएसआई से करने की मांग की. क्योंकि लॉकडाउन चिकित्सा आपातकाल के समान है. यहां तक कि उन कर्मचारियों को जिन्हें ईएसआई के तहत कवर नहीं किया गया है, उनकी मजदूरी का भुगतान श्रम कल्याण बोर्ड के फंड से किया जाना चाहिए. फ़ोर्स मैज्योर की शर्तों को बंदरगाहों और हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और सभी बैंकिंग सेवाओं पर लागू किया जाए. ताकि, व्यापारियों को लॉकडाउन अवधि के लिए दंड या ब्याज का भुगतान न करना पड़े.