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सरकारी अस्पताल से जारी होने वाली रिपोर्ट को डिजिटल करने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर - etv news live

बिहार के सरकारी अस्पतालों से जारी होने वाली रिपोर्टों को डिजिटल करने को लेकर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया गया है. याचिका में कहा गया है कि हाथ से रिपोर्ट लिखा होने के कारण उसे पढ़ेने में दिक्कतें होती हैं. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट
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Published : Nov 16, 2021, 7:06 PM IST

पटना: राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों से जारी की जाने वाली मेडिकल, इंजुरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को डिजिटल करने के लिए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में जनहित याचिका (Public Interest Litigation) दायर किया गया है. इस जनहित याचिका में यह कहा कि अधिकतर सरकारी और निजी अस्पतालों से निर्गत मेडिकल, इंजुरी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट हाथों से लिखा होता है. इसे न सिर्फ पढ़ने में कठिनाई होती है, बल्कि इसका सही अर्थ भी नहीं निकल पाता है.

ये भी पढ़ें:पटना हाईकोर्ट में 7 नए जजों ने ली पद और गोपनीयता की शपथ

जनहित याचिका अधिवक्ता ओम प्रकाश ने दायर किया है. जनहित याचिका में लिखा गया है कि रिपोर्ट की लिखावट साफ नहीं होने के कारण उसे पढ़ने में बहुत मुश्किलें होती है. वहीं रिपोर्ट पुलिस थाना से होते हुए कोर्ट में आता है. यहां इस तरह के रिपोर्ट पढ़ने में मुश्किल होने के कारण न्यायिक प्रक्रिया मे बाधा आती है. इससे पूर्व 16 दिसंबर, 2020 को याचिकाकर्ता ने इस सम्बन्ध में जनहित याचिका दायर किया था.

हाईकोर्ट ने इस मामले पर सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इस सम्बन्ध में अभ्यावेदन दायर करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही सम्बंधित अधिकारी को यह निर्देश दिया था कि इस मामले में विचार कर दो माह में निर्णय लें. लेकिन सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस सम्बन्ध में याचिककर्ता दोबारा हाईकोर्ट के समक्ष ये जनहित याचिका दायर किया है.

ये भी पढ़ें:बिहार विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी, पटना HC के चीफ जस्टिस ने किया उद्घाटन

पटना: राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों से जारी की जाने वाली मेडिकल, इंजुरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को डिजिटल करने के लिए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में जनहित याचिका (Public Interest Litigation) दायर किया गया है. इस जनहित याचिका में यह कहा कि अधिकतर सरकारी और निजी अस्पतालों से निर्गत मेडिकल, इंजुरी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट हाथों से लिखा होता है. इसे न सिर्फ पढ़ने में कठिनाई होती है, बल्कि इसका सही अर्थ भी नहीं निकल पाता है.

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जनहित याचिका अधिवक्ता ओम प्रकाश ने दायर किया है. जनहित याचिका में लिखा गया है कि रिपोर्ट की लिखावट साफ नहीं होने के कारण उसे पढ़ने में बहुत मुश्किलें होती है. वहीं रिपोर्ट पुलिस थाना से होते हुए कोर्ट में आता है. यहां इस तरह के रिपोर्ट पढ़ने में मुश्किल होने के कारण न्यायिक प्रक्रिया मे बाधा आती है. इससे पूर्व 16 दिसंबर, 2020 को याचिकाकर्ता ने इस सम्बन्ध में जनहित याचिका दायर किया था.

हाईकोर्ट ने इस मामले पर सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इस सम्बन्ध में अभ्यावेदन दायर करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही सम्बंधित अधिकारी को यह निर्देश दिया था कि इस मामले में विचार कर दो माह में निर्णय लें. लेकिन सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस सम्बन्ध में याचिककर्ता दोबारा हाईकोर्ट के समक्ष ये जनहित याचिका दायर किया है.

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