पटना: बिहार की राजधानी पटना के पटना विश्वविद्यालय में पीएचडी में दाखिले के लिए पीएचडी ऐडमिशन टेस्ट (पैट) (phd entrance exam in patna university) के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और यह आवेदन 28 जनवरी तक चलेगा. पांच साल बाद यहां पैट आयोजित की जा रही है. 25 फरवरी को पीयू में पैट आयोजित किया जाएगा. इस बार कुल 28 विषयों में विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए दाखिला होगा. इसके लिए लगभग 500 सीटें हैं. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ ने पैट टेस्ट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की मांग की है.
ये भी पढ़ेंः PU के स्नातक कोर्सेज में नामांकन के लिए एंट्रेंस परीक्षा आज से शुरू, 12 केंद्रों पर होगा टेस्ट
25 फरवरी को होगा पैट: वहीं पटना विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में लंबे समय के बाद पैट परीक्षा आयोजित होने जा रही है. साल 2018 में आखिरी बार पैट परीक्षा आयोजित की गई थी. इसके बाद कोरोना महामारी के कारण विश्वविद्यालय में पढ़ाई-लिखाई काफी प्रभावित हुआ. धीरे-धीरे अब शैक्षणिक सत्र और शैक्षणिक गतिविधियां सामान्य पटरी पर आ रही है. इसी के तहत लगभग 500 सीटों के लिए पेट टेस्ट 25 फरवरी को आयोजित करने कि विश्वविद्यालय की तैयारी है.
28 कोर्सों के लिए होगी परीक्षाः डीन ने बताया कि एंट्रेंस टेस्ट के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि 28 विषयों के लिए जो विश्वविद्यालय में रेगुलर कोर्स हैं. उनमें पीएचडी के लिए दाखिला होगा और जो सेल्फ फाइनेंस के कोर्स है उसमें दाखिला नहीं होगा. डीन प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में पीएचडी कोर्स के दाखिले के लिए नियम है कि जिस विषय में स्थाई और रेगुलर प्राध्यापक रहते हैं उसी विषयों में पीएचडी के लिए दाखिला लिया जाता है. सेल्फ फाइनेंस और अन्य वोकेशनल कोर्स में स्थाई शिक्षक नहीं हैं. इसलिए ऐसे विषयों में पीएचडी के लिए दाखिला नहीं होगा.
500 सीटों पर होगा नामांकनः उन्होंने बताया कि पीएचडी में दाखिले के लिए शिक्षकों की कमी जैसी कोई समस्या नहीं है. कोरोना के कारण बीते तीन-चार वर्ष में पीएचडी दाखिले के लिए देरी हुई इसके अलावा विभिन्न विषयों में शिक्षकों के अंदर सीटें खाली नहीं थी. इस बार लगभग 500 सीटों के लिए नामांकन कराया जाएगा और सबसे अधिक सीटें साइंस डिपार्टमेंट में है जहां 50 से अधिक सीटें हैं इसके अलावा बाकी विभागों से सीटों की जानकारी मांगी गई है. पैट टेस्ट के अलावा नेट जेआरएफ के उत्तीर्ण छात्र भी पीएचडी के लिए दाखिला ले पाएंगे.
पैट का आवेदन शुल्क 1100 रुपयेः अनिल कुमार ने बताया कि पैट टेस्ट में उत्तीर्ण छात्र और नेट जेआरएफ की उत्तीर्ण छात्र की आवेदन विभिन्न विभागों में आएंगे और उनका वाइबा होगा और फिर वायवा में प्राप्त अंक और परीक्षा में उत्तीर्ण अंकों के आधार पर संबंधित विभागों में उनकी सूची जारी की जाएगी. नामांकन प्रक्रिया में सरकार के लागू आरक्षण पद्धति का भी पालन किया जाएगा. पैट टेस्ट में आवेदन के लिए सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को पीजी और इसके समकक्ष परीक्षा में 55 फ़ीसदी से अधिक अंक जरूरी है वही आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए 50 फ़ीसदी से अधिक अंक जरूरी है. पैट टेस्ट में आवेदन के लिए ₹1100 आवेदन शुल्क तय किया गया है.
पैट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की मांगः ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर पैट में छात्र संघ के अध्यक्ष आनंद मोहन और महासचिव विपुल कुमार ने इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन भी दिया है. महासचिव विपुल कुमार ने बताया कि 5 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद विश्वविद्यालय में लगभग 500 सीटों के लिए पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जा रहा है. इसके माध्यम से 28 विषयों में पीएचडी के लिए छात्र दाखिला लेंगे. उन्होंने कहा कि पीएचडी दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लागू नहीं किया गया है. ऐसे में छात्र संघ की मांग है कि पीएचडी दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया जाए, ताकि सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों को भी पीएचडी में दाखिले का मौका मिले.
ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू नहीं होने पर होगा आंदोलनः विपुल कुमार ने कहा कि इस संबंध में वह विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन देने जा रहे हैं. यदि पीएचडी दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू नहीं किया गया तो छात्र संघ विश्वविद्यालय में आंदोलन शुरू करेगा. साल 2018 में विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए आखरी बार इंट्रेंस एग्जामिनेशन हुआ था और उस समय ईडब्ल्यूएस आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन साल 2019 में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू हुआ है और उसके बाद से पहली बार साल 2023 में विश्वविद्यालय पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने जा रहा है. ऐसे में वह विश्वविद्यालय प्रबंधन से अपील करेंगे कि पीएचडी दाखिले के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन में सुधार करते हुए उसमें ईडब्ल्यूएस आरक्षण का भी प्रावधान करें.
"पीएचडी दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लागू नहीं किया गया है. ऐसे में छात्र संघ की मांग है कि पीएचडी दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया जाए, ताकि सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों को भी पीएचडी में दाखिले का मौका मिले. यदि पीएचडी दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू नहीं किया गया तो छात्र संघ विश्वविद्यालय में आंदोलन शुरू करेगा" - विपुल कुमार, छात्र संघ महासचिव पटना विश्वविद्यालय