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काम बंद: वेतन मानदेय को लेकर नाराज फार्मासिस्ट और ANM कर्मी सोमवार से होम क्वारंटीन में रहेंगे

नाराज फार्मासिस्ट और एएनएम कर्मियों ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मामले में संज्ञान लेकर आश्वासन देते हैं, तभी काम पर वापस लौटेंगे नहीं तो हड़ताल जारी रहेगी.

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Published : Jun 14, 2020, 7:09 PM IST

पटना: आरबीएसके फार्मासिस्ट और एएनएम कर्मी ने बिहार सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है. उनका कहना है कि 15 जून से सभी कर्मी काम का बहिष्कार करेंगे. फार्मासिस्टों का कहना है कि वे अब होम क्वारंटीन में रहेंगे.

2015 में हुई बहाली
आरबीएसके फार्मासिस्ट और एएनएम कर्मी ने बताया कि उनकी बहाली साल 2015 में हुई थी. इसमें फार्मासिस्ट का मानदेय 12 हजार रुपये और एनएम कर्मियों का 11 हजार 500 रुपये है. वहीं आयुष चिकित्सकों का मानदेय 20 हजार रुपए था. दोनों की बहाली एक ही प्रक्रिया से हुई थी. इसके बावजूद कोरोना काल मे आयुष चिकित्सकों का मानदेय 20 हजार से बढ़ाकर 44 हजार कर दिया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

फार्मासिस्ट और एएनएम के वेतन में बढ़ोतरी नहीं
आरोप है कि इसके बावजूद फार्मासिस्ट और एएनएम के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. इससे नाराज फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग को लगातार पत्र भेजकर अपनी परेशानी की जानकारी भी दी. लेकिन स्वास्थ विभाग की तरफ से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला.

15 जून से होम क्वारंटीन पर जाने की चेतावनी
कोरोना काल में भी लगातार फार्मासिस्ट एवं एएनएम कर्मी अपनी सेवा दे रहे हैं. लेकिन सभी कर्मी सरकार के नकारात्मक रवैये से काफी निराश हैं. फार्मासिस्ट और एएनएम कर्मियों ने फैसला किया है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो वे लोग 15 जून से होम क्वारंटीन पर जाएंगे. अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. नाराज कर्मियों ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मामले में संज्ञान लेकर आश्वासन देते हैं, तभी काम पर वापस लौटेंगे नहीं तो हड़ताल जारी रहेगी.

पटना: आरबीएसके फार्मासिस्ट और एएनएम कर्मी ने बिहार सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है. उनका कहना है कि 15 जून से सभी कर्मी काम का बहिष्कार करेंगे. फार्मासिस्टों का कहना है कि वे अब होम क्वारंटीन में रहेंगे.

2015 में हुई बहाली
आरबीएसके फार्मासिस्ट और एएनएम कर्मी ने बताया कि उनकी बहाली साल 2015 में हुई थी. इसमें फार्मासिस्ट का मानदेय 12 हजार रुपये और एनएम कर्मियों का 11 हजार 500 रुपये है. वहीं आयुष चिकित्सकों का मानदेय 20 हजार रुपए था. दोनों की बहाली एक ही प्रक्रिया से हुई थी. इसके बावजूद कोरोना काल मे आयुष चिकित्सकों का मानदेय 20 हजार से बढ़ाकर 44 हजार कर दिया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

फार्मासिस्ट और एएनएम के वेतन में बढ़ोतरी नहीं
आरोप है कि इसके बावजूद फार्मासिस्ट और एएनएम के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. इससे नाराज फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग को लगातार पत्र भेजकर अपनी परेशानी की जानकारी भी दी. लेकिन स्वास्थ विभाग की तरफ से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला.

15 जून से होम क्वारंटीन पर जाने की चेतावनी
कोरोना काल में भी लगातार फार्मासिस्ट एवं एएनएम कर्मी अपनी सेवा दे रहे हैं. लेकिन सभी कर्मी सरकार के नकारात्मक रवैये से काफी निराश हैं. फार्मासिस्ट और एएनएम कर्मियों ने फैसला किया है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो वे लोग 15 जून से होम क्वारंटीन पर जाएंगे. अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. नाराज कर्मियों ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मामले में संज्ञान लेकर आश्वासन देते हैं, तभी काम पर वापस लौटेंगे नहीं तो हड़ताल जारी रहेगी.

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