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VIDEO: ' मां गंगा अब शांत हो जाइं, अब नहीं सह पाएंगे आपका कहर' - बाढ़ के प्रकोप से बचाव को लेकर मां गंगा की पूजा

बिहार में गंगा के रौद्र रुप से बाढ़ के हालात हो गये हैं. जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण भागलपुर के कई प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति बनी है. लोग अपना घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, अब गांव की महिलाएं बाढ़ के प्रकोप से बचने के लिए 'मां' गंगा की शरण में आ गई हैं. गीत गाकर मां गंगा से प्रार्थना कर रही हैं कि अपना प्रकोप कम करें. देखें वीडियो...

बाढ़ में मां गगा की गीत गा रही महिलाएं
बाढ़ में मां गगा की गीत गा रही महिलाएं
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Published : Aug 15, 2021, 4:41 PM IST

Updated : Aug 15, 2021, 5:35 PM IST

भागलपुर: बिहार में गंगा के रौद्र रुप से तबाही मचा रखी है. भागलपुर जिले में पिछले एक हफ्ते से गंगा के जलस्तर (Water Level of Ganga) में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है. 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ रहा है. बाढ़ से जिले के 11 प्रखंड के तकरीबन 121 गांव प्रभावित है. 98 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गये हैं. जिससे लोग पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, कुछ लोग पानी भरने के बावजूद चोरी के डर से घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं. सरकारी व्यवस्था से नाखुश लोगों को अब भगवान पर ही भरोसा है. यही वजह है कि भागलपुर में बाढ़ प्रभावित लोग 'मां' गंगा की पूजा अर्चना कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : VIDEO: 'शांत हो जाइं हे गंगा मइया.. गीतों से गूंजा पटना गंगा घाट..

जिले के सबौर प्रखंड के संतनगर गांव में सैकड़ों की संख्या में घर जलमग्न है. बावजूद लोग अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है. यहां के लोग गंगा मां की शरण में आ गए हैं. गंगा के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोग अब गंगा की पूजा, आरती कर जल चढ़ा रहे हैं, ताकि मां गंगा शांत हो जाए. लोग अब गंगा से अपने स्थान पर जाने की प्रार्थना कर रहे हैं. यहां की महिलाएं देवी गीत गाकर अस्तुति कर रही है ताकि गंगा शांत होकर अपने स्थान पर जाए जिससे लोगों को बाढ़ से राहत मिल सके.

देखें वीडियो

संतनगर में बाढ़ पीड़ित महिला किरण देवी ने बताया कि सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है. कोई देखने के लिए नहीं आ रहा है. इसलिए अब हम लोगों को गंगा मैया पर ही भरोसा है. वहीं अब अपने रूद्र रूप को कम करेगी. जिससे हमलोगों को राहत मिलेगी. गंगा मैया से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे अब अपने स्थान पर जाए. हम लोग काफी परेशान हैं. घर सब डूब गया है. खाना खाने के लिए नहीं मिल रहा है. भूखे रहने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें : भागलपुर: घरों में बह रहा 10 फीट पानी, फिर भी जान जोखिम में डालकर डटे हैं बाढ़ पीड़ित

'गांव में गाय, भैंस और बकरी सब पानी के बीच रह रहे हैं. गांव में 10 दिनों से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. कोई देखने के लिए सरकारी अधिकारी नहीं आ रहे. इसलिए वह अब गंगा मैया पर ही भरोसा है. उनसे प्रार्थना कर रही हूं कि अब अपने स्थान पर जाए और हम लोगों को राहत दें.' :- शीला देवी, बाढ़ पीड़ित

वहीं संतनगर की बाढ़ पीड़ित सुमित्रा देवी ने बताया कि उनके गांव में बाढ़ का पानी 10 दिनों से है. लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा है. इसलिए वह गंगा मां से अब अपने धार में जाने के लिए प्रार्थना कर रही है. उन्होंने कहा कि पानी के कारण वह घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. पूरा गांव बाढ़ में फंसा हुआ है. खाना पीना मुश्किल हो गया है. मवेशियों को भी खाना नहीं मिल रहा है. सरकार की तरफ अभी तक मदद नहीं मिल पायी है.

इसे भी पढ़ें : ये भी पढ़ें- मवेशियों के साथ पलायन कर रहे बाढ़ पीड़ित, सड़कों पर रहने को मजबूर लोग

बता दें कि भागलपुर में 12 प्रखंड के 74 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं. जिला प्रशासन इसको लेकर शनिवार को प्रभावित परिवार के बीच 790 पॉलिथीन शीट्स का वितरण किया गया है. जिले में नवगछिया, कहलगांव और सदर अनुमंडल 3 आपदा राहत केंद्र चलाई जा रही हैं. यहां रहने वाले परिवार के संख्या 458 है. वहीं15 स्थानों पर सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है. इसमें एक 11825 व्यक्ति कब तक भोजन कराया गया है.

वहीं स्वास्थ्य को लेकर सभी प्रखंड अस्पताल को 24 घंटे खोलने का निर्देश जारी किया गया है. 24 घंटे डॉक्टरों को रहने का निर्देश दिया है. करीब 1840 व्यक्तियों के बीच हैलोजन टेबलेट का वितरण किया गया है. वही महामारी फैलने से रोकने के लिए ब्लीचिंग का छिड़काव करवाया जा रहा है. मवेशियों के लिए पशु कैंप खोले गए हैं.

बता दें कि जल संसाधन विभाग के अनुसार भागलपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर रविवार तक 34.79 मीटर तक पहुंचाने का अनुमान है. 2016 में आयी भयावह बाढ़ का रिकार्ड इस बार टूट सकता है. 2016 में गंगा नदी का जलस्तर 34.72 मीटर तक पहुंच गया था. बाढ़ की स्थिति को लेकर अगले 2 दिनों तक भागलपुर के लिए काफी अहम माना जा रहा है.

भागलपुर: बिहार में गंगा के रौद्र रुप से तबाही मचा रखी है. भागलपुर जिले में पिछले एक हफ्ते से गंगा के जलस्तर (Water Level of Ganga) में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है. 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ रहा है. बाढ़ से जिले के 11 प्रखंड के तकरीबन 121 गांव प्रभावित है. 98 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गये हैं. जिससे लोग पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, कुछ लोग पानी भरने के बावजूद चोरी के डर से घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं. सरकारी व्यवस्था से नाखुश लोगों को अब भगवान पर ही भरोसा है. यही वजह है कि भागलपुर में बाढ़ प्रभावित लोग 'मां' गंगा की पूजा अर्चना कर रहे हैं.

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जिले के सबौर प्रखंड के संतनगर गांव में सैकड़ों की संख्या में घर जलमग्न है. बावजूद लोग अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है. यहां के लोग गंगा मां की शरण में आ गए हैं. गंगा के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोग अब गंगा की पूजा, आरती कर जल चढ़ा रहे हैं, ताकि मां गंगा शांत हो जाए. लोग अब गंगा से अपने स्थान पर जाने की प्रार्थना कर रहे हैं. यहां की महिलाएं देवी गीत गाकर अस्तुति कर रही है ताकि गंगा शांत होकर अपने स्थान पर जाए जिससे लोगों को बाढ़ से राहत मिल सके.

देखें वीडियो

संतनगर में बाढ़ पीड़ित महिला किरण देवी ने बताया कि सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है. कोई देखने के लिए नहीं आ रहा है. इसलिए अब हम लोगों को गंगा मैया पर ही भरोसा है. वहीं अब अपने रूद्र रूप को कम करेगी. जिससे हमलोगों को राहत मिलेगी. गंगा मैया से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे अब अपने स्थान पर जाए. हम लोग काफी परेशान हैं. घर सब डूब गया है. खाना खाने के लिए नहीं मिल रहा है. भूखे रहने को मजबूर हैं.

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'गांव में गाय, भैंस और बकरी सब पानी के बीच रह रहे हैं. गांव में 10 दिनों से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. कोई देखने के लिए सरकारी अधिकारी नहीं आ रहे. इसलिए वह अब गंगा मैया पर ही भरोसा है. उनसे प्रार्थना कर रही हूं कि अब अपने स्थान पर जाए और हम लोगों को राहत दें.' :- शीला देवी, बाढ़ पीड़ित

वहीं संतनगर की बाढ़ पीड़ित सुमित्रा देवी ने बताया कि उनके गांव में बाढ़ का पानी 10 दिनों से है. लगातार पानी का स्तर बढ़ रहा है. इसलिए वह गंगा मां से अब अपने धार में जाने के लिए प्रार्थना कर रही है. उन्होंने कहा कि पानी के कारण वह घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. पूरा गांव बाढ़ में फंसा हुआ है. खाना पीना मुश्किल हो गया है. मवेशियों को भी खाना नहीं मिल रहा है. सरकार की तरफ अभी तक मदद नहीं मिल पायी है.

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बता दें कि भागलपुर में 12 प्रखंड के 74 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं. जिला प्रशासन इसको लेकर शनिवार को प्रभावित परिवार के बीच 790 पॉलिथीन शीट्स का वितरण किया गया है. जिले में नवगछिया, कहलगांव और सदर अनुमंडल 3 आपदा राहत केंद्र चलाई जा रही हैं. यहां रहने वाले परिवार के संख्या 458 है. वहीं15 स्थानों पर सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है. इसमें एक 11825 व्यक्ति कब तक भोजन कराया गया है.

वहीं स्वास्थ्य को लेकर सभी प्रखंड अस्पताल को 24 घंटे खोलने का निर्देश जारी किया गया है. 24 घंटे डॉक्टरों को रहने का निर्देश दिया है. करीब 1840 व्यक्तियों के बीच हैलोजन टेबलेट का वितरण किया गया है. वही महामारी फैलने से रोकने के लिए ब्लीचिंग का छिड़काव करवाया जा रहा है. मवेशियों के लिए पशु कैंप खोले गए हैं.

बता दें कि जल संसाधन विभाग के अनुसार भागलपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर रविवार तक 34.79 मीटर तक पहुंचाने का अनुमान है. 2016 में आयी भयावह बाढ़ का रिकार्ड इस बार टूट सकता है. 2016 में गंगा नदी का जलस्तर 34.72 मीटर तक पहुंच गया था. बाढ़ की स्थिति को लेकर अगले 2 दिनों तक भागलपुर के लिए काफी अहम माना जा रहा है.

Last Updated : Aug 15, 2021, 5:35 PM IST
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