पटना: 7 जनवरी से बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census in Bihar) हो रही है. यह गणना आगामी 21 जनवरी तक चलेगी. इसके तहत प्रथम चरण की गणना में मकानों को सूचीबद्ध किया जा रहा है और साथ ही नजरी नक्शा भी तैयार किया जा रहा है. इस चरण की समाप्ति के बाद दूसरे चरण में लोगों की जाति के बारे में पूछताछ करने के लिए घर-घर प्रगणक जाएंगे. जातीय जनगणना को लेकर आम लोग क्या सोचते हैं, इसको जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने मसौढ़ी में लोगों से बात की. जहां लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी.
0
ये भी पढ़ें: Caste Census in Bihar : 'कर्नाटक मॉडल' अपनाएंगे नीतीश, उपजातियां हैं बड़ी चुनौती
जातिगत जणगणना पर जनता की राय: राजधानी पटना से सटे ग्रामीण इलाकों में जाति आधारित गणना को लेकर गणना कर्मी युद्ध स्तर पर मकानों की नंबरिंग करने में जुटे हुए हैं. इस कार्यक्रम के अनुसार सारे प्रगणक अभी प्रथम चरण में मकानों को सूचीबद्ध करने में जुटे हैं. इसी मामले पर हमने गांव के लोगों से जानने की कोशिश की कि आखिर इस जातिगत जणगणना से क्या नफा और क्या नुकसान है..? इसी के तहत हमारी टीम ने पटना से सटे मसौढ़ी के कुछ गांवों में जाकर ग्रामीणों से फीडबैक लिया. जिसपर ग्रामीणों ने अपनी राय बड़ी बेबाकी से देने की कोशिश की है.
जातिगत जणगणना से कई रूपए की बर्बादी: ग्रामीणों से हमारी टीम ने जब जानने की कोशिश की तब ग्रामीणों ने बताया कि हमें सिर्फ विकास चाहिए. यहां कोई भी व्यक्ति जात-पात में उलझना नहीं चाहते हैं. हमारे गांव में आज भी सड़क नहीं है. यहां स्कूल की व्यवस्था बदहाल है. नल जल योजना के तहत पानी ठीक से नहीं मिल रहा है. सरकार इस बारे में न सोचकर सबको जात-पात में बांटकर अपना फायदा जुटाने में लगी है. इस जणगणना से आमजन को कोई लाभ नहीं होने वाला है. सरकार इसपर जितने भी रूपए खर्च कर रही है. उस पैसे से न जाने कितने गांव में विकास हो जाएगी. कितने बच्चों के भविष्य सुधारने के लिए स्कूल, कॉलेज बनाए जा सकते हैं.
सियासत के लिए गणना करवा रही सरकार: कुछ ग्रामीणों का कहना था कि यह सरकार सिर्फ अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने में जुटी हुई है. उनलोगों ने कहा कि गांव में आज भी कई बुनियादी समस्याएं हैं. जिनकी भरपाई होनी चाहिए. इन मुद्दे पर बातचीत में कंसारा गांव निवासी अजय कुमार शर्मा, शंकर प्रसाद सिंह ,सतीश कुमार सिंह, सहित कई लोग मौजूद थे. उन सभी लोगों का एक सूर में कहा कि सरकार अपनी सियासत करने के लिए गणना करवा रही है. इससे आम जनों को कोई फायदा नहीं होने वाला है.
ये भी पढ़ें- ...तो इसलिए हो रही है 'जातिगत जनगणना' की मांग! किसे होगा नफा, कौन उठाएगा नुकसान.. जानिए सब कुछ