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पटना: शिया समुदाय के लोगों ने इमाम हुसैन को किया याद, कहा- इस्लाम को झुकने नहीं देंगे

मौलाना नवी अहमद ने कहा कि हम भी इस्लाम धर्म को झुकने नहीं देंगे लड़ते-लड़ते अपनी शहादत दे देंगे. लेकिन इस्लाम को कभी झुकने नहीं देंगे.

जंजीरी मातम
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Published : Sep 10, 2019, 8:36 PM IST

पटना: राजधानी में शिया समुदाय के लोगों ने कर्बला के जंग में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन समेत 72 लोगों को याद किया. किसी ने जंजीरी मातम के जरिए तो किसी ने अपने सीने पर ठोक कर उनकी शहादत को याद किया है.

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सीने पर ठोक कर याद की शहादत

इस्लाम की रक्षा के लिए शहादत
बताया जाता है कि इस्लाम धर्म की रक्षा के खातिर कर्बला की जंग में अपने 72 साथियों के साथ लड़ते-लड़ते हजरत इमाम हुसैन ने शहादत दे दी थी. लेकिन इस्लाम को झुकने नहीं दिया था. इस जंग में छोटे-छोटे बच्चे, निर्दोष औरतें मार दी गयी थी. उन्हीं की शहादत को याद करके शिया समुदाय के लोग अपने शरीर को काटकर खून निकालते है. साथ ही इस बात को बताते है कि उस समय हम भी होते तो अपनी कुर्बानी देकर इस्लाम को बचाते.

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मौलाना नवी अहमद

इस्लाम को झुकने नहीं देंगे- नवी अहमद
शिया समुदाय के लोगो ने मोहर्रम के अंतिम दिन जंजीरी मातम के साथ हाय हुसैन की याद को गमहीन माहौल में मनाया है. सभी वर्ग के युवा, बूढ़े और छोटे-छोटे बच्चों ने कर्बला के जंग में शहीद इमाम हुसैन के साथ उनके 72 साथियों को याद किया. साथ ही मौलाना नवी अहमद ने कहा कि यह शहादत उस जमाने को याद दिलाता है. जब इस्लाम धर्म को बचाने के लिये इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों ने लड़ते- लड़ते शहादत दे दी थी. हम भी इस्लाम धर्म को झुकने नहीं देंगे. लड़ते-लड़ते अपनी शहादत दे देंगे.

जंजीरी मातम के जरिए शहीद हजरत इमाम हुसैन को किया याद

पटना: राजधानी में शिया समुदाय के लोगों ने कर्बला के जंग में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन समेत 72 लोगों को याद किया. किसी ने जंजीरी मातम के जरिए तो किसी ने अपने सीने पर ठोक कर उनकी शहादत को याद किया है.

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सीने पर ठोक कर याद की शहादत

इस्लाम की रक्षा के लिए शहादत
बताया जाता है कि इस्लाम धर्म की रक्षा के खातिर कर्बला की जंग में अपने 72 साथियों के साथ लड़ते-लड़ते हजरत इमाम हुसैन ने शहादत दे दी थी. लेकिन इस्लाम को झुकने नहीं दिया था. इस जंग में छोटे-छोटे बच्चे, निर्दोष औरतें मार दी गयी थी. उन्हीं की शहादत को याद करके शिया समुदाय के लोग अपने शरीर को काटकर खून निकालते है. साथ ही इस बात को बताते है कि उस समय हम भी होते तो अपनी कुर्बानी देकर इस्लाम को बचाते.

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मौलाना नवी अहमद

इस्लाम को झुकने नहीं देंगे- नवी अहमद
शिया समुदाय के लोगो ने मोहर्रम के अंतिम दिन जंजीरी मातम के साथ हाय हुसैन की याद को गमहीन माहौल में मनाया है. सभी वर्ग के युवा, बूढ़े और छोटे-छोटे बच्चों ने कर्बला के जंग में शहीद इमाम हुसैन के साथ उनके 72 साथियों को याद किया. साथ ही मौलाना नवी अहमद ने कहा कि यह शहादत उस जमाने को याद दिलाता है. जब इस्लाम धर्म को बचाने के लिये इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों ने लड़ते- लड़ते शहादत दे दी थी. हम भी इस्लाम धर्म को झुकने नहीं देंगे. लड़ते-लड़ते अपनी शहादत दे देंगे.

जंजीरी मातम के जरिए शहीद हजरत इमाम हुसैन को किया याद
Intro:आज सिया समुदाय के लोगो ने कर्बला के जंग में शहीद हुए हजरत इमाम हुशैन समेत 72 लोगो को याद किया गया।कोई जंजीरी मातम तो कोई अपने सीने ठोक कर उनकी शहादत को याद किया।


Body:इस्लाम धर्म की रक्षा के खातिर कर्बला की जंग में अपने 72 साथियों के साथ लड़ते लड़ते अपनी शहादत दे दिया लेकिन इस्लाम को झुकने नही दिया।इस जंग में छोटे-छोटे मासूम बच्चे,निर्दोष औरते और निश्शस्त्र लोग मारे गये।आज उन्ही को शहादत याद दिलाने के लिये सिया समुदाय के लोग अपने अपने स्तर से शरीर को ब्लेड से काटकर खून निकाल इस बात को बतलाते हैं कि उस जमाने मे हमभी होते तो अपनी कुर्वानी देकर इस्लाम को बचाते।


Conclusion:स्टोरी:-जंजीरी मातम।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-10-09-019.
एंकर:-पटना सिटी,आज सिया समुदाय के लोगो ने मोहर्रम के अंतिम दिन जंजीरी मातम के साथ हाय हुसैन की याद को गमहीन माहौल में मनाया।सभी बर्ग के युवाओ,बूढ़े,और छोटे छोटे मासूम बच्चो ने कर्बला के जंग में शहीद हुए इमाम हुशैन सहित 72 साथियों को शहादत अपने शरीर से खून निकाल कर याद किया।यह शहादत उस जमाने को याद दिलाता है इस्लाम धर्म को बचाने के लिये इमाम हुसैन ने 72 साथियों ने लड़ते लड़ते शहादत दिया है हम भी इस्लाम धर्म को झुकने नही देंगे लड़ते लड़ते हम अपनी शहादत देदेंगे लेकिन इस्लाम को झुकने नही देंगे।
बाईट(मौलाना नवी अहमद,अक़ीक़तमन्द)
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