पटनाः कोरोना ने बिहार सहित देश भर में जन जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया. हर तरह से उद्योग-धंधों पर इसका असर दिखा. लेकिन लॉकडाउन 4.0 में ढील मिलने के बाद से बाजार खुलने लगे हैं. सड़क किनारे फूल के पौधों की दुकानें भी सजने लगीं हैं. जिससे नर्सरी संचालकों को थोड़ी राहत मिली है. लोग भी खरीदारी के लिए यहां पहुंच रहे हैं.
रोजाना 3000 की हो रही बिक्री
राजधानी के बेली रोड स्थित आरपीएस मोड़ के पास फूल के पौधों की नर्सरी चलाने वाले विद्यापति नर्सरी के मालिक राम नाथ भगत ने बताया कि जैसे-जैसे लॉकडाउन में ढील मिल रही है, फूल के पौधों की बिक्री बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई थी. वहीं, अब रोजाना लगभग 3000 रुपए की बिक्री हो रही है. उन्होंने बताया कि अभी ऑक्सीजन प्लांट, मेडिसिनल प्लांट, सीजनल फूल के पौधे और इंडोर प्लांट की डिमांड लोग कर रहे हैं.
ऑक्सीजन प्लांट की है मांग
गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन के पास त्रिपुरम नर्सरी के संचालक संतोष राय ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से दुकान पूरी तरह से बंद थी. 20 मई के बाद से दुकानें खुल रहीं हैं. उन्होंने बताया कि अभी बड़े आर्डर नहीं मिल रहे हैं. इस सीजन में जिस तरह बिक्री होती थी. वैसी बिक्री नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि लोकल ग्राहक खरीददारी करने पहुंच रहे हैं. फिलहाल शो प्लांट, ऑक्सीजन प्लांट, तुलसी, समी और सीजनल फूल के पौधे बिक रहे हैं.
लोग कर रहे हैं खरीदारी
ज्ञान भवन के पास नर्सरी से फूल के पौधों की खरीदारी कर रही महिला संध्या कुमारी ने बताया कि वह सिविल कोर्ट में कार्यरत हैं. ड्यूटी से लौटने के दौरान नर्सरी सजी हुई दिखी तो रुक गईं. लॉकडाउन की वजह से काफी दिनों बाद नर्सरी खुली है. उन्होंने बताया कि उन्हें फूल के पौधों बहुत पसंद हैं. घर के बागवान के लिए अड़हुल और लीली की कई वैरायटी के पौधे खरीद रहीं हैं.
जल जीवन हरियाली अभियान का असर
मुख्यमंत्री के जल जीवन हरियाली अभियान के बाद कहीं न कहीं लोगों में हरियाली को लेकर सकारात्मक माहौल बना है. इसी का नतीजा है कि लॉकडाउन में ढील मिलते नर्सरी में पौधों की बिक्री बढ़ने लगी और लोग ऑक्सीजन प्लांट पर विशेष जोर दे रहे हैं.