पटना: कोरोना संक्रमण से राजधानी पटना में हर दिन हो रही मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. पहले तो अस्पताल में लोगों को इलाज कराने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. उसके बावजूद भी बेड की कमी की वजह से लोगों की अस्पताल के बाहर ही मौत हो जा रही है. वहीं अब अंतिम संस्कार के लिए भी कतार लगी है. हालात ऐसे हैं कि पटना के बांस घाट पर इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शवों को जलाने के लिए परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
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कतार में लगे नजर आए परिजन
गुरुवार को सुबह 10:30 बजे तक पटना के बांस घाट पर कोरोना संक्रमण से मरे 4 शव को जलाने के लिए परिजन कतार में लगे नजर आए. मृतकों के शव को जलाने के लिए लोगों को 8 से 10 घंटे घाटों पर इंतजार करना पड़ रहा है. पटना के बांस घाट पर दोपहर 3:30 बजे तक 9 लोगों के शव को जलाने के लिए परिजन घंटों से इंतजार कर रहे हैं. वहीं लकड़ियों पर जलाए जा रहे शवों का कोई हिसाब-किताब घाटों पर नहीं रखा जा रहा है. जानकारी मांगने पर घाटों पर मौजूद संबंधित शव जला रहे लोग अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
बांस घाट पर जलाए गए 18 शव
पटना के बांस घाट की अगर हम बात करें तो, यहां 24 घंटों में 25 से 26 शव जलाए जा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि इतनी तेजी के साथ शवों को जलाने की प्रक्रिया के कारण पटना के बांस घाट पर मौजूद विद्युत शवदाह गृह कई बार बंद पड़ जा रहा है. तो मजबूरन लोग अंतिम संस्कार लकड़ियों पर ही करते नजर आ रहे हैं. बुधवार की रात 12 बजे से गुरुवार की सुबह 10 बजे तक पटना के बांस घाट पर कुल 18 शव जलाए गए हैं.
फिलहाल अभी भी चार शव जलाने के लिए परिजन कतार में लगे हुए नजर आए. हालांकि इस दौरान विद्युत शवदाह गृह में कोई खराबी आने के कारण मौके पर मौजूद मृतकों के परिजन बांस घाट पर ही मृतकों के शव को लकड़ियों पर जलाते नजर आए.
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गुलबी घाट पर भी विद्युत शवदाह गृह
बता दें इस संक्रमण से मरने वाले लोगों को जलाने के लिए पटना के बांस घाट के साथ-साथ पटना सिटी स्थित गुलबी घाट विद्युत शवदाह गृह में भी व्यवस्था की गई है. हालात ऐसे हैं कि एनएमसीएच में संक्रमण से मौत होने के बाद भी लोग अपने परिजनों के शव को लेकर बांस घाट ही पहुंच रहे हैं और कहीं ना कहीं लोगों के बीच जानकारी के अभाव के कारण इस संक्रमण से मरने वाले अधिकांश लोगों के शव पटना के बांस घाट पर ही अंत्येष्टि की प्रक्रिया करने पहुंच रहे हैं.
लोगों में जानकारी के अभाव
इस कारण बांस घाट का लोड काफी बढ़ा हुआ नजर आ रहा है. बांस घाट विद्युत शवदाह गृह में शव को जलाने के लिए दो मशीनें लगाई गईं हैं और गुलबी घाट पर भी संक्रमण से मरे लोगों के अंत्येष्टि की व्यवस्था की गई है. लेकिन कहीं ना कहीं जानकारी के अभाव के कारण लोग गुलबी घाट पर शवों को नहीं ले जा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि पटना सिटी स्थित गुलबी घाट पर सोमवार को संक्रमण के कारण मरे एक व्यक्ति का शव जलाया गया. तो मंगलवार को दूसरे व्यक्ति का और बुधवार को तीन व्यक्तियों का शव जलाया गया.
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बंद पड़ा है मशीन
बता दें कि खाजेकलां घाट में भी विद्युत शवदाह गृह की व्यवस्था तो जरूर है. लेकिन खाजेकलां घाट पर मौजूद विद्युत शवदाह गृह करीब 2 माह से तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़ा है. अगर समय रहते इसे भी चालू करा दिया जाए तो, ऐसे में शव जलाने के लिए घाटों पर इंतजार करने वाले लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.