पटना: राजधानी स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू का खतरा नहीं है. जल्द ही इसे आम लोगों के लिए भी खोल दिया जाएगा. बता दें कि छह मोरों की मौत के बाद जू प्रशासन ने इसे अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया था.
बीते 15 जनवरी को दूसरी बार विभिन्न पक्षियों के भेजे गए 26 सैंपल की जांच रिपोर्ट आ चुकी है. राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल से आई जांच रिपोर्ट निगेटिव है. जू प्रशासन ने बताया कि चिड़ियाघर के आसपास एक से 10 किमी. तक के दायरे में जिन पक्षियों की मौत हुई थी, उनके भी सैंपल भेजे गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो जाए कि अब बर्ड फ्लू का कोई खतरा नहीं है.
जू के डायरेक्टर अमित कुमार ने कहा चिड़ियाघर के जिन पक्षियों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, वे सब निगेटिव पाए गए हैं. इसको देखते हुए हम लोगों ने नए सिरे से एसओपी के लिए चार सैंपल फिर से भेजे हुए हैं. वह भी प्रक्रिया चल रही है. जांच रिपोर्ट आते ही चिड़ियाघर को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली पशु-पक्षियों के अंतिम मृत्यु के 21 दिन बाद चिड़ियाघर खोलने की इजाजत देता है. जिसके अनुसार यह समय सीमा भी पूरी हो चुकी है. चिड़ियाघर में 29 दिसंबर के बाद से एक भी जीव की मौत नहीं हुई है. अभी भी कीटनाशक का छिड़काव चल रहा है. बर्ड फ्लू के संदेह पर पिछले 25 दिसंबर से चिड़ियाखाना बंद पड़ा है.
बता दें अब चिड़ियाघर को खोलने के लिए जू प्रशासन को सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमानुसार बिहार पशुपालन निदेशालय से प्रमाण पत्र लेना होगा. जिसकी कार्रवाई चल रही है. यह कार्रवाई पूरी होते ही जू प्रशासन को प्रमाण पत्र मिलेगा. इसके बाद चिड़ियाघर खोलने की तिथि तय हो जाएगी.