पटना: बिहार पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सों के लिए सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं. प्रत्येक दिन पशु चिकित्सा क्लिनिक में 50 से 60 छोटे बड़े जानवरों का इलाज किया जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि यहां एंडोस्कोपी और लेप्रोस्कोपी के जरिए छोटे और बड़े जानवरों की सर्जरी भी की जाती है. यहां अल्ट्रासाउंड एक्स-रे से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
वेटरनरी कॉलेज के अंदर बना हुआ यह पशु चिकित्सा क्लिनिक पहले आम लोगों की पहुंच से दूर हुआ करता था. लेकिन धीरे-धीरे जब सुविधाएं बढ़ने लगी तब लोग अपने पशुओं के इलाज के लिए यहां आने लगे. इस वेटनरी कॉलेज में आधुनिक तरीके से पशुओं का इलाज किया जाता है.
अत्याधुनिक सुविधओं से लैस है चिकित्सालय
वैसे तो इस क्लीनिक में सबसे ज्यादा लोग अपने पालतू कुत्ते को लेकर आते हैं, लेकिन बड़े जानवरों के इलाज की भी सुविधा यहां उपलब्ध है. पशुओं की इमरजेंसी सेवा भी बहाल की गई है. राजधानी पटना के लोग अपने पालतू जानवरों को इलाज के लिए प्राइवेट पशु चिकित्सक के पास ले जाते थे. लेकिन जैसे-जैसे वेटनरी कॉलेज में सुविधाएं बढ़ती गई लोग पशु क्लीनिक में आने लगे.
इलाज के लिए कराना होता है रजिस्ट्रेशन
यहां की सुविधाओं को लेकर भी आम जनता काफी खुश नजर आ रही है. उनका कहना है कि यहां के डॉक्टर पशुओं का अच्छी तरीके से इलाज करते हैं. यहां पशुओं के इलाज के लिए पहले रजिस्ट्रेशन किया जाता है. रेजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपये जमा किये जाते हैं. क्लीनिक कैंपस में ही मेडिकल की दुकान भी है, जहां पर कम पैसे में ही दवा मुहैया कराई जाती है.
क्या कहते हैं पशु चिकित्सक
पशु चिकित्सक के मुताबिक बिहार पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में पशुओं के इलाज करने के लिए सभी अत्याधुनिक मशीन मौजूद है. क्लीनिक सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक खुला रहता है. वेटरनरी के 15 डॉक्टर इसमें सेवा देते हैं. साथ ही पोस्ट ग्रैजुएट कर रहे स्टूडेंट्स भी उनका साथ देते हैं.