पटना: पूरे प्रदेश में बिहार दिवस का भव्य आयोजन चल रहा है. बिहार ने 111 वर्ष की अपनी यात्रा में आज पूरी कर ली. इसके बाद भी बिहार अन्य प्रदेशों से कई मायने में काफी पीछे है. खासकर उद्योग और निवेश के मामले में यहां अब भी बेहतर माहौल नहीं है. यही कारण है कि बिहार के उद्यमी अन्य प्रदेशों में निवेश कर रहे हैं और उन्हें वहां उचित सम्मान मिल रहा है. साकेत गौरव पटना के ऐसे ही एक युवा उद्यमी हैं, जो आंध्र प्रदेश में 250 करोड़ का निवेश (Patna Saket investment in Andhra Pradesh) करेंगे. वहां की सरकार ने इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया है और सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई है.
ये भी पढ़ेंः Bihar Day 2023: आज बिहार का 111वां स्थापना दिवस, जानिये कब से हुई बिहार दिवस मनाने की शुरुआत
पटना के साकेत आंध्रप्रदेश में करेंगे 250 करोड़ का निवेशः पटना के श्री कृष्णा नगर के साकेत गौरव आंध्र प्रदेश में 250 करोड़ का निवेश करने जा रहे हैं. साकेत बताते हैं कि बिहार में अगर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, गंगा नदी में पोर्ट की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, सड़कें बेहतर हो, तो यहां निवेश करने में कोई दिक्कत नहीं होगी और लोग यहां आकर निवेश करना चाहेंगे, उद्योग स्थापित करना चाहेंगे.साकेत गौरव ने 12वीं की शिक्षा पटना के ए एन कॉलेज से ग्रहण किया और फिर उच्च शिक्षा के लिए मॉस्को चले गए. साल 1998 में उन्होंने मास्को के कॉलेज में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. दो वर्षों तक वहां जॉब किया फिर भारत आ गए. भारत में 2002 तक जॉब किया और फिर बेहतर काम की तलाश में दुबई के लिए माइग्रेट कर गए.
"बिहार सरकार से यही आग्रह करेंगे कि बिहार दिवस के मौके पर बिहार के युवाओं का पलायन रोकने, उन्हें रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में निवेश का बेहतर माहौल तैयार करें. गंगा नदी में वाटर ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था दुरुस्त करें, ताकि उद्यमियों को गुड्स एंड लॉजिस्टिक का खर्च कम पड़े. इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़कों का नेटवर्क बेहतर बनाया जाए. ऐसा होगा तो बिहार में भी निवेश बहुत होगा और यहां के लोगों को अधिक रोजगार भी मिलेगा" -साकेत गौरव, सीएमडी, एलिस्टा
दुबई में 2006 में इलेक्ट्राॅनिक्स के बिजनेस से जुड़े: साकेत गौरव बताते हैं कि 2006 से दुबई में वह इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस से जुड़ गए. इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में तमाम बड़ी कंपनियों के साथ वह काम कर चुके हैं. साल 2020 में आत्मनिर्भर भारत के तहत मेक इन इंडिया पर बल दिया गया. केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रोत्साहन देना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने एलिस्टा (Elista) नाम की कंपनी बनाकर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मैन्युफैक्चरिंग के मार्केट में अपनी एंट्री की. वह टीवी, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, एयर कूलर, मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस इत्यादि की बनाते हैं.
आंध्र प्रदेश सरकार ने इंवेस्टर समिट में दिया आमंत्रणः साकेत ने बताया कि शुरुआती 2 साल तक उन्होंने आउट सोर्स मैन्युफैक्चरिंग किया और वह अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट सेटअप स्थापित करना चाहते थे. फिर आंध्र प्रदेश में जब ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया, तो उसमें आंध्र प्रदेश की सरकार से उन्हें निमंत्रण गया. उस समय वह दुबई में थे. वह इसी माह मार्च के फर्स्ट वीक में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल हुए और आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें 4 एकड़ जमीन निवेश के लिए मुहैया कराया गया. यहां वह 250 करोड़ का निवेश करने जा रहे हैं.
2024 में तैयार हो जाएगा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट: साकेत ने बताया कि अप्रैल 2024 तक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पूरी तरह तैयार हो जाएगा. उनका लक्ष्य है कि साल 2025 तक 1 साल में 2 लाख सेट टीवी और मॉनिटर का वह तैयार कर दें. शुरुआत में वह देश में टीवी और मॉनिटर का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट सेटअप करने जा रहे हैं. एलिस्टा कंपनी के सीएमडी साकेत गौरव ने बताया कि साल 2022 में दुबई में उन्होंने अपने प्रोडक्ट की लॉन्चिंग की, ताकि इंटरनेशनल मार्केट में भी एक्सपोर्ट किया जा सके. प्रोडक्ट लांचिंग के समय उनके ब्रांड एंबेसडर सुरेश रैना मौजूद थे. उनके ब्रांड एंबेस्डर बिहार के साथ ईशान किशन भी हैं.
आंध्र प्रदेश में सुविधा मिली, लेकिन बिहार में ध्यान भी नहीं दिया गयाः साकेत ने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य सिर्फ यह नहीं है कि अपने लोकल मार्केट में विदेशी प्रोडक्ट के डिमांड को कम किया जाए, बल्कि यह भी है कि दूसरे देशों में अपने प्रोडक्ट के डिमांड को बढ़ाया जाए. उन्होंने बताया कि इस बात का उन्हें मलाल होता है कि उनके जैसे बिजनेसमैन को आंध्र प्रदेश की सरकार ने कंसीडर किया. आंध्र प्रदेश की सरकार ने उन्हें इन्वेस्टर्स समिट में न्योता दिया और उन्हें इन्वेस्ट करने के लिए जमीन मुहैया कराई, लेकिन बिहार में अब तक बिहार सरकार की ओर से उन्हें कभी भी इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित नहीं किया गया है.
बिहार में भी प्लांट खोलने की चाहतः उनकी मातृभूमि बिहार है, शुरुआती शिक्षा बिहार और इसी पटना से हुई है. उनका अपने प्रदेश से लगाव है और वह चाहते हैं कि बिहार में भी अपना मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करें और यहां निवेश करें. साकेत ने बताया कि बिहार में किसी भी इंडस्ट्री के लिए निवेश करने में सबसे बड़ी समस्या यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. साकेत ने बताया कि कोई भी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए रॉ मैटेरियल का सुगम और सस्ता ट्रांसपोर्टेशन बेहद जरूरी होता है. आंध्र प्रदेश पोर्ट के नजदीक है. इसलिए वहां ट्रांसपोर्टेशन सस्ता है.
गंगा नदी में पोर्ट बनाना जरूरीः साकेत ने कहा कि बिहार में गंगा नदी के पोर्ट को बेहतर डेवेलप किया जाए और कोलकाता के पोर्ट से इसे जोड़ा जाए. बेहतर सड़कों का नेटवर्क तैयार किया जाए तो यहां भी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित हो सकते हैं और यहां के उद्यमी बाहर निवेश करने के बजाय बिहार ही आकर निवेश करना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों में या उनके यहां जो डायरेक्ट रूप से 500 से अधिक कर्मचारी जुड़े हुए हैं. उनमें अधिकांश स्किल्ड लेबर बिहारी हैं. देशभर में विभिन्न जगहों पर विभिन्न इंडस्ट्री में स्किल्ड लेबर में बिहारी मिलेंगे.
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से ही बिहार में बन पाएगा उद्योग का माहौलः सकेत कहते हैं कि ऐसे में अगर यहां इन्वेस्टमेंट का उचित माहौल मिले, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, तो बिहार के स्किल्ड लेबर को बिहार में ही नौकरी मिल जाएगी और बिहार भी बेहतर विकास करेगा. साकेत गौरव ने कहा कि आज बिहार दिवस है और इस बात की खुशी है कि वह बिहार दिवस के मौके पर बिहार में मौजूद हैं. वह बिहार सरकार से यही आग्रह करेंगे कि बिहार दिवस के मौके पर बिहार के युवाओं का पलायन रोकने, उन्हें रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में निवेश का बेहतर माहौल तैयार करें. इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ करने के लिए अपनी कोशिशों को तेज करे.