पटना: बिहार में कोरोना के संक्रमण को लेकर सरकार एक बार फिर से सतर्क हो गई है. घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. दूसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा पटना में पहले जितने भी कंटेंटमेंट जोन बनाए गए थे उनमें नगर निगम को हर 7 दिन में सैनिटाइजेशन और फॉगिंग के साथ ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने के आदेश दिए गए थे. इस आदेश का कितना पालन हो रहा है और कंटेनमेंट जोन की जमीनी हकीकत क्या है हमारे संवाददाता अरविंद राठौर ने लोगों से बात कर जानने की कोशिश की.
सैनिटाइजेशन तो दूर, सफाई भी नहीं होती
लॉकडाउन के समय राजधानी पटना में संक्रमित मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही थी उसी अनुसार शहर में कंटेंटमेंट जोन की संख्या भी बढ़ रही थी. वहां लगातार सैनिटाइजेशन और फॉगिंग कराई जा रही थी.
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बाद में मरीजों की संख्या में कमी आई तो कंटेनमेंट जोन में लगी पाबंदी को हटा दिया गया. हर 7 दिन में कंटेनमेंट जोन में नगर निगम द्वारा सैनिटाइजेशन और फॉगिंग के साथ ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाना था, लेकिन यह कागजों पर ही हुआ.
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राजा बाजार में 6 कंटेनमेंट जोन बनाए गए थे. सभी जोन में सैनिटाइजेशन करवानी थी. ईटीवी भारत इन इलाकों में पहुंचा तो जमीनी हकीकत कुछ और ही पता चला. हर सात दिन में सैनिटाइजेशन तो दूर यहां गंदगी फैली हुई है. कचरा का उठाव समय पर नहीं हो पाता. स्थानीय लोगों ने बताया कि शुरुआती दिनों में नगर निगम सैनिटाइजेशन और सफाई को लेकर मुस्तैद थी, लेकिन अब सब बंद है.
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मास्क पहने बिना घर से निकल रहे लोग
कंटेनमेंट जोन रहे इलाकों में कुछ लोग मास्क पहने बिना घर से निकल रहे हैं. ऐसे लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने अपनी गलती मानी. स्थानीय लोगों ने कहा कि थोड़ी-बहुत जागरूकता की कमी है. सरकार को चाहिए कि इन इलाकों में लोगों के बीच जागरूकता फैलाए ताकि लोग जब घर से बाहर निकलें तो मास्क का प्रयोग जरूर करें.