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लॉकडाउन अवधि में बंद प्रतिष्ठान का दिया है कचरा शुल्क तो अगले बिल में होगी कटौती - Garbage fee will not be charged during lockdown

पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बंद घरों और प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है. जिन लोगों ने पहले कचरा शुल्क जमा कर दिया है उन्हें अगले बिल में उतना कम पैसा देना होगा.

Municipal Commissioner Himanshu Sharma
Patna Municipal Corporation
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Published : Jul 13, 2021, 9:16 PM IST

पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते लगे लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बंद दुकानों, कॉलेजों, स्कूलों और अन्य प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है. जिन लोगों ने इस दौरान का शुल्क दे दिया है उन्हें अगले बिल में राहत मिलेगी. पहले जमा किए गए पैसे को घटाकर उनका बिल बनाया जाएगा.

यह भी पढ़ें- पटना में कब खुलेंगे मोहल्ला क्लीनिक? फरवरी 2021 में लिए गए फैसले का प्रारूप भी तैयार नहीं

नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बंद मकानों और प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क नहीं लिया जाएगा. ऐसे लोगों से कचरा शुल्क नहीं वसूला जाएगा जो कोरोना काल या लॉकडाउन में शहर में नहीं थे. कई माह से बंद शहर के होटल, गोदाम, मकान और व्यावसायिक संस्थानों से कचरा उठाव के लिए शुल्क नहीं देना होगा.

देखें वीडियो

मकान एवं प्रतिष्ठान में किरायेदार रहते हैं तो उनसे चार्ज लिया जाएगा. इसके लिए मकान मालिक को पुष्टि करनी होगी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क हर घर और प्रतिष्ठान से लिया जा रहा है. किरायेदारों से अलग से शुल्क वसूल किया जाएगा. इसके लिए मकान मालिकों को पुष्टि करनी होगी कि उनकी संपत्ति (घर एवं प्रतिष्ठान) में कितने किराएदार हैं.

किरायेदारों की विस्तृत विवरणी टैक्स कलेक्टर के माध्यम से प्राप्त की जाएगी. शहर वासियों को यह छूट दी गई है कि वह अपने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क की राशि का भुगतान त्रैमासिक (3 महीने का एक साथ), अर्धवार्षिक (6 महीने का एक साथ) और वार्षिक कर सकते हैं.

शहर वासियों को यह छूट है कि वे अपने घर और प्रतिष्ठान में गीले कचरे की प्रोसेंसिंग स्वंय कर सकते हैं. ऐसा करने पर उन्हें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क से 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. ऐसा कर वे न सिर्फ शहर को गीले कचरे से मुक्ति देने में अपना योगदान देंगे बल्कि कचरा शुल्क में भी कटौती करवा सकेंगे.

यह भी पढ़ें- नीतीश के मंत्री ट्वीट कर समझा रहे बिहार में कैसे आती है बाढ़, लोग बोले- समस्या नहीं... समाधान बताइये

पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते लगे लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बंद दुकानों, कॉलेजों, स्कूलों और अन्य प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है. जिन लोगों ने इस दौरान का शुल्क दे दिया है उन्हें अगले बिल में राहत मिलेगी. पहले जमा किए गए पैसे को घटाकर उनका बिल बनाया जाएगा.

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नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बंद मकानों और प्रतिष्ठानों से कचरा शुल्क नहीं लिया जाएगा. ऐसे लोगों से कचरा शुल्क नहीं वसूला जाएगा जो कोरोना काल या लॉकडाउन में शहर में नहीं थे. कई माह से बंद शहर के होटल, गोदाम, मकान और व्यावसायिक संस्थानों से कचरा उठाव के लिए शुल्क नहीं देना होगा.

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मकान एवं प्रतिष्ठान में किरायेदार रहते हैं तो उनसे चार्ज लिया जाएगा. इसके लिए मकान मालिक को पुष्टि करनी होगी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क हर घर और प्रतिष्ठान से लिया जा रहा है. किरायेदारों से अलग से शुल्क वसूल किया जाएगा. इसके लिए मकान मालिकों को पुष्टि करनी होगी कि उनकी संपत्ति (घर एवं प्रतिष्ठान) में कितने किराएदार हैं.

किरायेदारों की विस्तृत विवरणी टैक्स कलेक्टर के माध्यम से प्राप्त की जाएगी. शहर वासियों को यह छूट दी गई है कि वह अपने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क की राशि का भुगतान त्रैमासिक (3 महीने का एक साथ), अर्धवार्षिक (6 महीने का एक साथ) और वार्षिक कर सकते हैं.

शहर वासियों को यह छूट है कि वे अपने घर और प्रतिष्ठान में गीले कचरे की प्रोसेंसिंग स्वंय कर सकते हैं. ऐसा करने पर उन्हें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क से 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. ऐसा कर वे न सिर्फ शहर को गीले कचरे से मुक्ति देने में अपना योगदान देंगे बल्कि कचरा शुल्क में भी कटौती करवा सकेंगे.

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