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ठप है आमदनी, निगम को कहां से देंगे मवेशी पालने का टैक्स? मवेशी पालकों ने आंदोलन की चेतावनी - पशुपालकों से टैक्स लेगा पटना नगर निगम

पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने राजधानी के मवेशी पालकों से 30 रुपये प्रति मवेशी टैक्स वसूलने की तैयारी की है. पशुपालकों ने इस फैसले का पुरजोर विरोध किया है. कई राजनीतिक दल भी उनका साथ दे रहे हैं. जानें क्या है पूरा मामला...

पशुपालन पर टैक्स
पशुपालन पर टैक्स
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Published : Jul 3, 2021, 3:59 PM IST

पटनाः पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने राजधानी पटना के मवेशी पालकों से हर महीने प्रति मवेशी 30 रुपये की दर से टैक्स वसूलने का फैसला किया है. निगम के इस फैसले का पशुपालकों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि एक तो अभी आमदनी ठप है, दूसरी ओर चारा महंगा हो गया है. पशुपालकों ने जबरन टैक्स वसूलने की कोशिश पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

इसे भी पढ़ेंः पटना नगर निगम की चेतावनी: एजेंसियां आउटसोर्स पर बहाल सुरक्षा गार्ड्स को वेतन दें नहीं तो....

स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में फैसला
पटना नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में मंगलवार को पशुपालकों से टैक्स वसूलने का फैसला लिया गया था. इस फैसले के पीछे निगम का तर्क है कि मवेशियों से शहर गंदा हो रहा है, इसलिए साफ-सफाई के लिए टैक्स वसूला जा रहा है. इसके बाद राजधानी में मवेशी पालकर जीवन यापन करने वालों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. पशुपालकों के इस विरोध का राजद और हम पार्टी ने भी समर्थन किया है.

"कोरोना काल के दौरान आमदनी तो ऐसे ही ठप है, ऊपर से चारा महंगा हो गया है. दूसरी बात ये कि हम तो सरकारी जमीन पर मवेशियों को पाल भी नहीं रहे हैं, फिर इसपर टैक्स लगाना अनुचित है. अगर प्रशासन टैक्स को लेकर जोर-जबरदस्ती करेगा तो हम अपने जानवरों के साथ राजधानी की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे"- पशुपालक

भाई वीरेन्द्र, राजद नेता
भाई वीरेन्द्र, राजद नेता

"यह किसानों का शोषण है. किसान ही मवेशी पालता है. किसानों के साथ ज्यादती हो रही है. सरकार हर आदमी की जेब को खाली कर अडानी और अंबानी का पॉकेट भरना चाहती है. हम बिहार सरकार से आग्रह करना चाहेंगे कि मवेशी पालकों से किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाए."- भाई वीरेन्द्र, राजद नेता

इसे भी पढ़ेंः पटना में खटाल वालों को प्रति मवेशी 30 रुपये देना होगा टैक्स

"नगर निगम का दिमाग खराब हो गया है. मवेशी पालन पर टैक्स लगाने से पटना की सड़कों पर मवेशी आ जाएंगे, जबकि पटना इस समस्या से पहले ही जूझ रहा है. सरकार सिर्फ जनता को परेशान करने का काम कर रही है."- विजय यादव, हम प्रवक्ता

विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी
विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी

"दुर्भावना से ग्रस्त होकर नगर निगम ने यह फैसला लिया है. सबसे पहले तो टैक्स लगाने से पहले नगर निगम को ये बताना चाहिए कि मवेशी पालकों के लिए उनकी तरफ से क्या व्यवस्था की गई है? मवेशियों के अवशेष के डिस्पोजल की क्या व्यवस्था की गई है? आज होल्डिंग टैक्स के रूप में हर कोई नगर निगम को टैक्स का भुगतान कर रहा है."- विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी

देखें वीडियो

फैसले का पहले भी हो चुका है विरोध
बताते चलें कि पिछले दिनों भी सभी वार्ड पार्षद और पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव की मौजूदगी में नगर निगम बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें मवेशी पालकों से टैक्स वसूलने के प्रावधान का विरोध किया गया था. अब निगम के द्वारा मवेशी पालकों से टैक्स वसूलने का फैसला लिया जा चुका है, जिसके खिलाफ आंदोलन करने की पशुपालकों ने चेतावनी दी है.

इसे भी पढ़ेंः पटना नगर निगम के 5 ईओ का तबादला, सुशील कुमार मिश्रा बने नगर विकास में परियोजना पदाधिकारी

पटनाः पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने राजधानी पटना के मवेशी पालकों से हर महीने प्रति मवेशी 30 रुपये की दर से टैक्स वसूलने का फैसला किया है. निगम के इस फैसले का पशुपालकों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि एक तो अभी आमदनी ठप है, दूसरी ओर चारा महंगा हो गया है. पशुपालकों ने जबरन टैक्स वसूलने की कोशिश पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में फैसला
पटना नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में मंगलवार को पशुपालकों से टैक्स वसूलने का फैसला लिया गया था. इस फैसले के पीछे निगम का तर्क है कि मवेशियों से शहर गंदा हो रहा है, इसलिए साफ-सफाई के लिए टैक्स वसूला जा रहा है. इसके बाद राजधानी में मवेशी पालकर जीवन यापन करने वालों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. पशुपालकों के इस विरोध का राजद और हम पार्टी ने भी समर्थन किया है.

"कोरोना काल के दौरान आमदनी तो ऐसे ही ठप है, ऊपर से चारा महंगा हो गया है. दूसरी बात ये कि हम तो सरकारी जमीन पर मवेशियों को पाल भी नहीं रहे हैं, फिर इसपर टैक्स लगाना अनुचित है. अगर प्रशासन टैक्स को लेकर जोर-जबरदस्ती करेगा तो हम अपने जानवरों के साथ राजधानी की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे"- पशुपालक

भाई वीरेन्द्र, राजद नेता
भाई वीरेन्द्र, राजद नेता

"यह किसानों का शोषण है. किसान ही मवेशी पालता है. किसानों के साथ ज्यादती हो रही है. सरकार हर आदमी की जेब को खाली कर अडानी और अंबानी का पॉकेट भरना चाहती है. हम बिहार सरकार से आग्रह करना चाहेंगे कि मवेशी पालकों से किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाए."- भाई वीरेन्द्र, राजद नेता

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"नगर निगम का दिमाग खराब हो गया है. मवेशी पालन पर टैक्स लगाने से पटना की सड़कों पर मवेशी आ जाएंगे, जबकि पटना इस समस्या से पहले ही जूझ रहा है. सरकार सिर्फ जनता को परेशान करने का काम कर रही है."- विजय यादव, हम प्रवक्ता

विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी
विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी

"दुर्भावना से ग्रस्त होकर नगर निगम ने यह फैसला लिया है. सबसे पहले तो टैक्स लगाने से पहले नगर निगम को ये बताना चाहिए कि मवेशी पालकों के लिए उनकी तरफ से क्या व्यवस्था की गई है? मवेशियों के अवशेष के डिस्पोजल की क्या व्यवस्था की गई है? आज होल्डिंग टैक्स के रूप में हर कोई नगर निगम को टैक्स का भुगतान कर रहा है."- विनय कुमार पप्पू, पूर्व डिप्टी मेयर, पीएमसी

देखें वीडियो

फैसले का पहले भी हो चुका है विरोध
बताते चलें कि पिछले दिनों भी सभी वार्ड पार्षद और पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव की मौजूदगी में नगर निगम बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें मवेशी पालकों से टैक्स वसूलने के प्रावधान का विरोध किया गया था. अब निगम के द्वारा मवेशी पालकों से टैक्स वसूलने का फैसला लिया जा चुका है, जिसके खिलाफ आंदोलन करने की पशुपालकों ने चेतावनी दी है.

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