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पटनाः कोरोना वैक्सीन के फर्स्ट फेज के स्वास्थ्य कर्मियों के नाम की लिस्ट तैयार

कोरोना की वैक्सीन पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को दी जानी है. जिसके पटना में स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य कर्मियों की लिस्ट बनाने में जुटा है.

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Published : Dec 16, 2020, 10:55 PM IST

डॉ. एसपी विनायक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
डॉ. एसपी विनायक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी

पटनाः देश में कोरोना वैक्सीन के फरवरी माह तक आने की प्रबल संभावना बन रही है. ऐसे में सरकार की तरफ से दिशा निर्देश भी आ चुका है कि फर्स्ट फेज में हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन का टीका लगेगा. वहीं राजधानी पटना में जिला स्वास्थ्य समिति पटना जिले के स्वास्थ्य कर्मियों की सूची लाइन लिस्टिंग करने में लगा है. ताकि किसी भी स्वास्थ्य कर्मी का नाम छूटने न पाए.

फर्स्ट फेज में 30 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी वैक्सीन


पटना के डिस्ट्रिक्ट वैक्सीनेशन ऑफिसर यानी कि जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनके पास जो पत्र आया है. उसके अनुसार सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का टीका पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के स्वास्थ्य कर्मियों को लगेगा. इसके बाद सेकंड फेज में 50 वर्ष से अधिक उम्र के कोमोरबिड व्यक्ति को लगेगा. उन्होंने बताया कि फर्स्ट फेज में पटना जिले के कितने स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन का टीका लगना है, इसकी लाइन लिस्टिंग हो रही है. 2 से 3 दिनों के अंदर यह पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर को मिलाकर अब तक 20000 से ऊपर स्वास्थ्य कर्मियों के नाम सूची में चढ़ चुका है.

उम्मीद है कि पटना जिले में लगभग 30 हजार तक स्वास्थ्य कर्मियों के नाम की सूची तैयार होगी. जिन्हें फर्स्ट फेज में वैक्सीन का टीका लगेगा. अभी भी प्राइवेट सेक्टर के स्वास्थ्य कर्मियों के नाम लगातार प्रतिदिन उनके पास पहुंच रहे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही पूरी संख्या उनके पास पहुंच जाएगी. हेल्थ वर्कर में सरकारी और रजिस्टर्ड प्राइवेट हेल्थ सेंटर के हेल्थ वर्कर के अलावा जितने भी पैथोलॉजी जांच वाले हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में अपना क्लीनिक चलाते हैं उन्हें भी शामिल किया गया है.

देखें रिपोर्ट

जिले के 73 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से 11 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के नाम सामने आए हैं. वही लगभग 750 प्राइवेट क्लीनिक से अब तक फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन के लिए 9000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के नाम सामने आ चुके हैं. लगभग 500 के करीब प्राइवेट हेल्थ सेक्टर रजिस्टर्ड हैं, मगर जो हेल्थ सेंटर रजिस्टर्ड नहीं है उनके स्वास्थ्य कर्मियों को भी फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन में शामिल किया जा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग को भी अभी नहीं पता कैसे काम करेगी वैक्सीन
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि कौन सी वैक्सीन प्रदेश में आ रही है. वैक्सीन के डोज के बारे में अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. मगर जो कुछ भी अंदरूनी जानकारी है 0.5ml वैक्सीन का डोज होगा. संभावना है कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन राज्य में वैक्सीनेशन के लिए पहुंचेगी. इस वैक्सीन का दो डोज प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाना है. पहले डोज के लेने के 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा. दोनों डोज लेने के बाद ही वैक्सीन कारगर होगा. उन्होंने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि वैक्सीन का फर्स्ट डोज लेने के बाद व्यक्ति के शरीर में कोरोना के प्रति लगभग 70% की इम्युनिटी बनती है और दूसरा डोज लेने के बाद 95% से अधिक की इम्युनिटी व्यक्ति के शरीर के अंदर बन जाती है.


वैक्सीन के नियमों का होगा पालन

जो भी वैक्सीन का नियम है, वही इसमें भी पालन किया जाएगा और नॉन वर्किंग हैंड में वैक्सीन वैक्सीनेट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए पब्लिक और प्राइवेट सभी सेक्टर के हेल्थ वर्कर का लाइन लिस्टिंग किया जा रहा है. और वैक्सीनेशन में पब्लिक और प्राइवेट सभी हेल्थ वर्कर शामिल होंगे. एएनएम, जीएनएम, आशा कार्यकर्ताओं के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ (आम भाषा में जिन्हें झोलाछाप डॉक्टर कहा जाता है) वह सभी शामिल होंगे. इसके लिए बकायदा जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी सभी प्रखंडों में. उन्होंने बताया कि वैक्सीन को कैसे सेफ हैंडल करना है और कैसे सेफली वैक्सीनेट करना है इसके बारे में जिला स्वास्थ्य समिति को राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशिक्षित कर्मी प्रशिक्षण देंगे. फिर प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जिला स्वास्थ्य समिति वैक्सीनेशन के लिए चयनित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे.

डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि यह अभी नहीं कहा जा सकता कि एक बार कोरोना वैक्सीन लेने के बाद जीवन में इसकी कभी जरूरत नहीं पड़ेगी. यह लाइफ लॉन्ग होगा क्योंकि इस बारे में अब तक कोई अधिक जानकारी उनके पास नहीं आई है. उन्होंने बताया कि जिसे कोरोना हो रहा है. उसके अंदर भी कोरोना के प्रति बिल्ट हुई इम्यूनिटी 1 से 3 महीने तक ही टिक पा रही है. ऐसे में यह 2- 3 साल बाद और आगे की केस स्टडी के बाद ही पता चलेगा कि यह वैक्सीन लाइफ लॉन्ग है या फिर इसे नियमित अंतराल पर लेना है.

टीम में रहेंगे 5 लोग

जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन का टीका चयनित स्वास्थ्य केंद्रों पर लगेगा. जब फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन का कार्य पूरा हो जाएगा और स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लग जाएगा उसके बाद टीकाकरण के लिए प्रखंड स्तर पर कई केंद्र बनाए जाएंगे. हर एक टीकाकरण केंद्र पर टीकाकरण के लिए 5 सदस्य टीम होगी और प्रतिदिन सौ से डेढ़ सौ व्यक्तियों को कोरोना का टीका दिया जाएगा. 5 सदस्यीय टीम में टीकाकरण के लिए दो स्वास्थ्य कर्मी, एक सुरक्षाकर्मी और एक टीका लगाने के बाद निगरानी रखने वाले स्वास्थ्य कर्मी और एक स्वास्थ्य कर्मी टीका लगाने आए लोगों की पड़ताल करेंगे. उनके पहचान पत्रों की जांच कर उन्हें सत्यापित करेंगे. हालांकि इस बारे में और विस्तृत और सटीक जानकारी स्वास्थ्य विभाग के तरफ से एडवाइजरी आने के बाद ही पता चल पाएगी.

पटनाः देश में कोरोना वैक्सीन के फरवरी माह तक आने की प्रबल संभावना बन रही है. ऐसे में सरकार की तरफ से दिशा निर्देश भी आ चुका है कि फर्स्ट फेज में हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन का टीका लगेगा. वहीं राजधानी पटना में जिला स्वास्थ्य समिति पटना जिले के स्वास्थ्य कर्मियों की सूची लाइन लिस्टिंग करने में लगा है. ताकि किसी भी स्वास्थ्य कर्मी का नाम छूटने न पाए.

फर्स्ट फेज में 30 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी वैक्सीन


पटना के डिस्ट्रिक्ट वैक्सीनेशन ऑफिसर यानी कि जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनके पास जो पत्र आया है. उसके अनुसार सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का टीका पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के स्वास्थ्य कर्मियों को लगेगा. इसके बाद सेकंड फेज में 50 वर्ष से अधिक उम्र के कोमोरबिड व्यक्ति को लगेगा. उन्होंने बताया कि फर्स्ट फेज में पटना जिले के कितने स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन का टीका लगना है, इसकी लाइन लिस्टिंग हो रही है. 2 से 3 दिनों के अंदर यह पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर को मिलाकर अब तक 20000 से ऊपर स्वास्थ्य कर्मियों के नाम सूची में चढ़ चुका है.

उम्मीद है कि पटना जिले में लगभग 30 हजार तक स्वास्थ्य कर्मियों के नाम की सूची तैयार होगी. जिन्हें फर्स्ट फेज में वैक्सीन का टीका लगेगा. अभी भी प्राइवेट सेक्टर के स्वास्थ्य कर्मियों के नाम लगातार प्रतिदिन उनके पास पहुंच रहे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही पूरी संख्या उनके पास पहुंच जाएगी. हेल्थ वर्कर में सरकारी और रजिस्टर्ड प्राइवेट हेल्थ सेंटर के हेल्थ वर्कर के अलावा जितने भी पैथोलॉजी जांच वाले हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में अपना क्लीनिक चलाते हैं उन्हें भी शामिल किया गया है.

देखें रिपोर्ट

जिले के 73 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से 11 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के नाम सामने आए हैं. वही लगभग 750 प्राइवेट क्लीनिक से अब तक फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन के लिए 9000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के नाम सामने आ चुके हैं. लगभग 500 के करीब प्राइवेट हेल्थ सेक्टर रजिस्टर्ड हैं, मगर जो हेल्थ सेंटर रजिस्टर्ड नहीं है उनके स्वास्थ्य कर्मियों को भी फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन में शामिल किया जा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग को भी अभी नहीं पता कैसे काम करेगी वैक्सीन
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि कौन सी वैक्सीन प्रदेश में आ रही है. वैक्सीन के डोज के बारे में अब तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. मगर जो कुछ भी अंदरूनी जानकारी है 0.5ml वैक्सीन का डोज होगा. संभावना है कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन राज्य में वैक्सीनेशन के लिए पहुंचेगी. इस वैक्सीन का दो डोज प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाना है. पहले डोज के लेने के 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा. दोनों डोज लेने के बाद ही वैक्सीन कारगर होगा. उन्होंने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि वैक्सीन का फर्स्ट डोज लेने के बाद व्यक्ति के शरीर में कोरोना के प्रति लगभग 70% की इम्युनिटी बनती है और दूसरा डोज लेने के बाद 95% से अधिक की इम्युनिटी व्यक्ति के शरीर के अंदर बन जाती है.


वैक्सीन के नियमों का होगा पालन

जो भी वैक्सीन का नियम है, वही इसमें भी पालन किया जाएगा और नॉन वर्किंग हैंड में वैक्सीन वैक्सीनेट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए पब्लिक और प्राइवेट सभी सेक्टर के हेल्थ वर्कर का लाइन लिस्टिंग किया जा रहा है. और वैक्सीनेशन में पब्लिक और प्राइवेट सभी हेल्थ वर्कर शामिल होंगे. एएनएम, जीएनएम, आशा कार्यकर्ताओं के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ (आम भाषा में जिन्हें झोलाछाप डॉक्टर कहा जाता है) वह सभी शामिल होंगे. इसके लिए बकायदा जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी सभी प्रखंडों में. उन्होंने बताया कि वैक्सीन को कैसे सेफ हैंडल करना है और कैसे सेफली वैक्सीनेट करना है इसके बारे में जिला स्वास्थ्य समिति को राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशिक्षित कर्मी प्रशिक्षण देंगे. फिर प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जिला स्वास्थ्य समिति वैक्सीनेशन के लिए चयनित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे.

डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि यह अभी नहीं कहा जा सकता कि एक बार कोरोना वैक्सीन लेने के बाद जीवन में इसकी कभी जरूरत नहीं पड़ेगी. यह लाइफ लॉन्ग होगा क्योंकि इस बारे में अब तक कोई अधिक जानकारी उनके पास नहीं आई है. उन्होंने बताया कि जिसे कोरोना हो रहा है. उसके अंदर भी कोरोना के प्रति बिल्ट हुई इम्यूनिटी 1 से 3 महीने तक ही टिक पा रही है. ऐसे में यह 2- 3 साल बाद और आगे की केस स्टडी के बाद ही पता चलेगा कि यह वैक्सीन लाइफ लॉन्ग है या फिर इसे नियमित अंतराल पर लेना है.

टीम में रहेंगे 5 लोग

जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन का टीका चयनित स्वास्थ्य केंद्रों पर लगेगा. जब फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन का कार्य पूरा हो जाएगा और स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लग जाएगा उसके बाद टीकाकरण के लिए प्रखंड स्तर पर कई केंद्र बनाए जाएंगे. हर एक टीकाकरण केंद्र पर टीकाकरण के लिए 5 सदस्य टीम होगी और प्रतिदिन सौ से डेढ़ सौ व्यक्तियों को कोरोना का टीका दिया जाएगा. 5 सदस्यीय टीम में टीकाकरण के लिए दो स्वास्थ्य कर्मी, एक सुरक्षाकर्मी और एक टीका लगाने के बाद निगरानी रखने वाले स्वास्थ्य कर्मी और एक स्वास्थ्य कर्मी टीका लगाने आए लोगों की पड़ताल करेंगे. उनके पहचान पत्रों की जांच कर उन्हें सत्यापित करेंगे. हालांकि इस बारे में और विस्तृत और सटीक जानकारी स्वास्थ्य विभाग के तरफ से एडवाइजरी आने के बाद ही पता चल पाएगी.

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