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स्मार्ट सिटी की दौड़ में पिछड़ा पटना, विपक्ष ने कहा- केंद्र सरकार की योजनाएं सिर्फ 'आई वाश' - केंद्र सरकार की योजना

नवंबर महीने के अंत तक जारी अपडेट रिपोर्ट के अनुसार पटना की रैंकिंग 35वें नंबर पर है. वहीं भागलपुर 66वां और बिहार शरीफ को 67वां रैंक मिला है जबकि वाराणसी और रांची ने लंबी छलांग लगाते हुए अपनी रैंकिंग बड़े शहरों के बराबर कर ली है.

Patna
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Published : Dec 1, 2020, 8:42 PM IST

पटनाः पूरे देश में केंद्र सरकार की 100 शहरों को स्मार्ट करने वाली योजना चल रही है. इन शहरों में केंद्र सरकार की तरफ से हर तीन महीने में स्वच्छता को लेकर रैंकिंग जारी की जाती है. इस बार फिर पटना रैंकिंग में पीछे हो गया है. इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. विपक्ष एक तरफ केंद्र सरकार की योजना को आई वास करार दे रहा है तो वहीं सरकार की ओर से आने वाले समय में पटना के स्मार्ट होने के दावे किए जा रहे हैं.

टॉप 20 शहरों में शामिल था पटना
पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना देश भर के सबसे गंदे शहरों में शामिल था. इस मामले में पटना को नीचे से प्रथम स्थान मिला था. अब स्मार्ट सिटी की दौड़ में बिहार के 4 शहरों की रैंकिंग लगातार पीछे हो रही है. स्मार्ट सिटी को लेकर कभी टॉप 20 शहरों में शामिल पटना अब काफी पीछे चला गया है. खास बात यह है कि पटना पहले अहमदाबाद, सूरत और इंदौर जैसे बड़े शहरों से पीछे था. वहीं अब वाराणसी और रांची से भी पीछे हो गया है.

विपक्ष ने खड़े किए सवाल
नवंबर महीने के अंत तक जारी अपडेट रिपोर्ट के अनुसार, पटना की रैंकिंग 35वें नंबर पर है. वहीं भागलपुर 66वां और बिहारशरीफ को 67वां रैंक मिला है जबकि वाराणसी और रांची ने लंबी छलांग लगाते हुए अपनी रैंकिंग बड़े शहरों के बराबर कर ली है. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार की योजना पर सवाल खड़ा किया है.

देखें रिपोर्ट

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितनी योजनाएं चला रहे हैं ,वह लोगों का आई वाश करने के लिए सिर्फ अखबारी योजनाएं हैं. सरकार बताए कि 6 साल के बाद भी पटना स्मार्ट क्यों नहीं बना, जबकि किसी भी शहर को स्मार्ट बनाने में 3 साल का समय लगता है."- राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस

कांग्रेस को बीजेपी ने दी सलाह
वहीं विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने कांग्रेस को अपना शासनकाल याद करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी दूसरे पर उंगली उठाने से अपने शासनकाल को देख ले.

"सभी शहरों में जिस तरह से योजनाएं चल रही है, उससे काम में तेजी आएगी. आने वाले समय में पटना स्मार्ट हो जाएगा और रैंकिंग में भी सुधार दिखने लगेगा."- अरुण सिन्हा, विधायक, बीजेपी

शहरों की रैकिंग में गिरावट
गौरतलब है कि एक तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर निगम कई योजनाएं चला रहा है. वहीं, दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी योजना धरातल पर नहीं उतरने की वजह से शहरों की रैकिंग में गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में सरकार की तरफ से किया जा रहा दावा कितना सही साबित होता है, यह आने वाला समय ही बताएगा.

पटनाः पूरे देश में केंद्र सरकार की 100 शहरों को स्मार्ट करने वाली योजना चल रही है. इन शहरों में केंद्र सरकार की तरफ से हर तीन महीने में स्वच्छता को लेकर रैंकिंग जारी की जाती है. इस बार फिर पटना रैंकिंग में पीछे हो गया है. इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. विपक्ष एक तरफ केंद्र सरकार की योजना को आई वास करार दे रहा है तो वहीं सरकार की ओर से आने वाले समय में पटना के स्मार्ट होने के दावे किए जा रहे हैं.

टॉप 20 शहरों में शामिल था पटना
पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना देश भर के सबसे गंदे शहरों में शामिल था. इस मामले में पटना को नीचे से प्रथम स्थान मिला था. अब स्मार्ट सिटी की दौड़ में बिहार के 4 शहरों की रैंकिंग लगातार पीछे हो रही है. स्मार्ट सिटी को लेकर कभी टॉप 20 शहरों में शामिल पटना अब काफी पीछे चला गया है. खास बात यह है कि पटना पहले अहमदाबाद, सूरत और इंदौर जैसे बड़े शहरों से पीछे था. वहीं अब वाराणसी और रांची से भी पीछे हो गया है.

विपक्ष ने खड़े किए सवाल
नवंबर महीने के अंत तक जारी अपडेट रिपोर्ट के अनुसार, पटना की रैंकिंग 35वें नंबर पर है. वहीं भागलपुर 66वां और बिहारशरीफ को 67वां रैंक मिला है जबकि वाराणसी और रांची ने लंबी छलांग लगाते हुए अपनी रैंकिंग बड़े शहरों के बराबर कर ली है. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार की योजना पर सवाल खड़ा किया है.

देखें रिपोर्ट

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितनी योजनाएं चला रहे हैं ,वह लोगों का आई वाश करने के लिए सिर्फ अखबारी योजनाएं हैं. सरकार बताए कि 6 साल के बाद भी पटना स्मार्ट क्यों नहीं बना, जबकि किसी भी शहर को स्मार्ट बनाने में 3 साल का समय लगता है."- राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस

कांग्रेस को बीजेपी ने दी सलाह
वहीं विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने कांग्रेस को अपना शासनकाल याद करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी दूसरे पर उंगली उठाने से अपने शासनकाल को देख ले.

"सभी शहरों में जिस तरह से योजनाएं चल रही है, उससे काम में तेजी आएगी. आने वाले समय में पटना स्मार्ट हो जाएगा और रैंकिंग में भी सुधार दिखने लगेगा."- अरुण सिन्हा, विधायक, बीजेपी

शहरों की रैकिंग में गिरावट
गौरतलब है कि एक तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर निगम कई योजनाएं चला रहा है. वहीं, दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी योजना धरातल पर नहीं उतरने की वजह से शहरों की रैकिंग में गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में सरकार की तरफ से किया जा रहा दावा कितना सही साबित होता है, यह आने वाला समय ही बताएगा.

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