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गायघाट शेल्टर होम केस में पटना HC ने लिया स्वतः संज्ञान, केस किया रजिस्टर्ड

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद अब राजधानी पटना का गायघाट शेल्टर होम (Gaighat Shelter Home Patna) विवादों में आ गया है. पटना हाईकोर्ट ने इस केस में संज्ञान लेते हुए केस रजिस्टर्ड कर दिया है. 7 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना हाईकोर्ट का गायघाट शेल्टर होम केस में बड़ा एक्शन
पटना हाईकोर्ट का गायघाट शेल्टर होम केस में बड़ा एक्शन
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Published : Feb 2, 2022, 10:18 PM IST

पटनाः पटना के गाय घाट उत्तर रक्षा गृह (Gaighat Shelter Home Patna) की घटना पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाईकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर शेल्टर होम का केस रजिस्टर्ड किया है. इस कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार अध्यक्ष हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं. कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है.

यह भी पढ़ें- खुलासा: सुधार गृह से बाहर आई युवती ने खोले राज...'सुंदर लड़कियां हैं मैडम की फेवरेट'

इस केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं रहती हैं. कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी. बेसहारा महिलाओं को लेकर अखबार में छपी खबर पर बैठक में चर्चा की गई. खबर के मुताबिक पीड़िता व केअर होम में रहने वाली उसके जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती हैं.

यहां तक कि बहुतों को गृह को छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी जाती है. कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा ऐसा देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक खुलासा भी किया गया. यहां अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में बहाना बनाकर आने दिया जाता था. जो आकर बेसहारा महिला को उठा कर ले जाते थे. यह भी आश्चर्य जनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं किए गए हैं.

इससे ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने उक्त मामले में एक जांच की. केअर होम में लगाए गए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उन्होंने तथाकथित पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप को बेबुनियाद और गलत बताया. कोर्ट ने फिलहाल राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को प्रतिवादी बनाते हुए फौरन अपने स्तर से जांच करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा को भी तत्काल लागू करने का आदेश दिया है.

संस्थान के सुधार को लेकर और सीसीटीवी कैमरा लगाने, कमसे कम दो और प्रशिक्षित सलाहकार की नियुक्ति करने, संख्या को देखते हुए अन्य केअर होम की जरूरत, प्रशिक्षित स्टाफ, स्टाफ और अधीक्षक में चाइल्ड से संबंधित कानून और मुद्दों की जागरुकता समेत अन्य अनुशंसा किये गए हैं. कोर्ट ने अगली तिथि के पूर्व अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा है. इस मामले पर आगे की सुनवाई 7 फरवरी 2022 को होगी.

आपको बताएं कि आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्थित गुलजारबाग उत्तर रक्षा महिला गृह से निकलकर एक युवती ने महिला शेल्टर होम के अधीक्षिका बंदना गुप्ता (Gaighat Shelter Home superintendent bandana gupta) पर सनसनीखेज आरोप (shelter home scandal in patna) लगाया है. युवती महिला शेल्टर होम से बाहर आने पर सीधे महिला थाने में पहुंची, जहां उसने कई राज खोले. युवती ने बताया कि, गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका बंदना गुप्ता द्वारा सवासिनों को नशे की सुई देकर अवैध कारोबार करने पर मजबूर किया जाता है.

युवती के इस आरोप से राजनीतिक गलियारे से लेकर विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं युवती ने महिला थाने में अपना दर्द बयां करते हुए आरोप लगाया कि, शेल्टर होम की अधीक्षिका बंदना गुप्ता बन्द सवासिनों को नशे का इंजेक्शन दिलवाकर गलत काम करने के लिये उकसाती थीं. जब कोई सवासिन विरोध करती तो, अधीक्षिका द्वारा उसपर बेतहाशा जुल्म ढाया जाता था.

पढ़ें- बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर जल्द बनेगी फिल्म, 'नफीसा' में दिखेगी शेल्टर होम की सच्चाई!

पढ़ें- पटना के गायघाट शेल्टर होम में लड़कियों के शोषण मामले में संचालक पर हो सख्त कार्रवाई: पप्पू यादव

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पटनाः पटना के गाय घाट उत्तर रक्षा गृह (Gaighat Shelter Home Patna) की घटना पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाईकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर शेल्टर होम का केस रजिस्टर्ड किया है. इस कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार अध्यक्ष हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं. कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है.

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इस केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं रहती हैं. कमेटी की एक आपात बैठक बुलाई गई थी. बेसहारा महिलाओं को लेकर अखबार में छपी खबर पर बैठक में चर्चा की गई. खबर के मुताबिक पीड़िता व केअर होम में रहने वाली उसके जैसी और अन्य को दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती हैं.

यहां तक कि बहुतों को गृह को छोड़ने की अनुमति भी नहीं दी जाती है. कमेटी द्वारा अन्य बातों के अलावा ऐसा देखा गया कि पीड़िता द्वारा आश्चर्यजनक खुलासा भी किया गया. यहां अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में बहाना बनाकर आने दिया जाता था. जो आकर बेसहारा महिला को उठा कर ले जाते थे. यह भी आश्चर्य जनक है कि पीड़िता द्वारा किये गए खुलासे के बाद भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं किए गए हैं.

इससे ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने उक्त मामले में एक जांच की. केअर होम में लगाए गए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उन्होंने तथाकथित पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप को बेबुनियाद और गलत बताया. कोर्ट ने फिलहाल राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को प्रतिवादी बनाते हुए फौरन अपने स्तर से जांच करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा को भी तत्काल लागू करने का आदेश दिया है.

संस्थान के सुधार को लेकर और सीसीटीवी कैमरा लगाने, कमसे कम दो और प्रशिक्षित सलाहकार की नियुक्ति करने, संख्या को देखते हुए अन्य केअर होम की जरूरत, प्रशिक्षित स्टाफ, स्टाफ और अधीक्षक में चाइल्ड से संबंधित कानून और मुद्दों की जागरुकता समेत अन्य अनुशंसा किये गए हैं. कोर्ट ने अगली तिथि के पूर्व अनुपालन के संबंध में हलफनामा दायर करने को भी कहा है. इस मामले पर आगे की सुनवाई 7 फरवरी 2022 को होगी.

आपको बताएं कि आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्थित गुलजारबाग उत्तर रक्षा महिला गृह से निकलकर एक युवती ने महिला शेल्टर होम के अधीक्षिका बंदना गुप्ता (Gaighat Shelter Home superintendent bandana gupta) पर सनसनीखेज आरोप (shelter home scandal in patna) लगाया है. युवती महिला शेल्टर होम से बाहर आने पर सीधे महिला थाने में पहुंची, जहां उसने कई राज खोले. युवती ने बताया कि, गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका बंदना गुप्ता द्वारा सवासिनों को नशे की सुई देकर अवैध कारोबार करने पर मजबूर किया जाता है.

युवती के इस आरोप से राजनीतिक गलियारे से लेकर विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं युवती ने महिला थाने में अपना दर्द बयां करते हुए आरोप लगाया कि, शेल्टर होम की अधीक्षिका बंदना गुप्ता बन्द सवासिनों को नशे का इंजेक्शन दिलवाकर गलत काम करने के लिये उकसाती थीं. जब कोई सवासिन विरोध करती तो, अधीक्षिका द्वारा उसपर बेतहाशा जुल्म ढाया जाता था.

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