पटनाः बक्सर में गंगा घाट से मिले शवों और राज्य में कोरोना महामारी की स्थिति के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इन मामलों पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बक्सर के पास गंगा नदी में मिले शवों के आंकड़े पर राज्य के चीफ सेक्रेटरी और पटना के प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में विरोधाभास पाया. इस पर कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को फिर से पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले में अगली सुनावाई 21 मई को होगी.
बता दें कि बक्सर गंगा में मिले शव को लेकर चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में वहां सिर्फ 6 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, दूसरी ओर प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार 789 शवों को पिछले 10 दिनों के अंदर जलाए जाने की बात कही गई. इसी पर हाईकोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डिविजनल कमिश्नर को दोबारा से हलफनामा दायर करने को कहा है.
कोर्ट ने मांगा मार्च में हुई मौतों का आंकड़ा
इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा कि बक्सर में मार्च 2021 में कितने कोरोना के मरीजों की मौत हुई है. वहीं, अन्य कारणों से हुई मौतों के आंकड़े भी कोर्ट ने सरकार के पेश करने को कहा है. पटना हाई कोर्ट ने कोरोना के मरीजों के अस्पताल लाने के लिए पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की व्यवस्था करने का निर्देश भी सरकार को दिया है.
ऑक्सीजन आपूर्ती पर भी होगी सुनवाई
हालांकि कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में जानकारी दी गई कि बिहार के ऑक्सीजन आपूर्ति कोटे को बढ़ा कर चार सौ मीट्रिक टन कर दिया गया है. इस पर कोर्ट ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था को बारे में सवाल किया है. उस पर सुनवाई होगी.