पटनाः आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (Aryabhatta Knowledge University) के मेडिकल अंतिम वर्ष के स्नातकोत्तर छात्रों की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के मामले में पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की. मामले में यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा गया है. जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा (Justice Sanjeev Prakash Sharma) ने राजू कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए विवि से एक सप्ताह में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता का कहना था कि जो छात्र इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वे पहले से ही पटना मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज में मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं. कोर्ट के समक्ष मामले को दायर करने से पूर्व विश्विद्यालय के कुलपति के समक्ष अनेकों अभ्यावेदन दिए गए, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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जांच का परिणाम भी लंबितः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आनंद वर्धन ने बताया कि यहां तक कि जांच का परिणाम भी लंबित है. विश्वविद्यालय पीजी(एम डी/एम एस) 12 दिसंबर, 2022 से पूरक परीक्षा प्रारंभ होने जा रहा है. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यूनिवर्सिटी के वकील से पूछा कि बार-बार आवेदन देने पर भी Vice Chancellor ने कोई जवाब नहीं दी. अब यह पूरी परीक्षा फिर से हो रही है. उसके लिए एक पेपर में उन्हें यह पूरक परीक्षा का चार पेपर फिर सब देना पड़ रहा है.
जिंदगी के साथ खिलवाड़ः उसके कारण यदि इनके मार्क्सशीट पर पूरक जुड़ता है तो ये लोग जो पहले से ही पीएमसीएच और एनएमसीएच में डॉक्टर हैं, ये लोग अपोलो और एम्स जैसे बड़े अस्पताल में नहीं चुने जाएंगे. यह मेडिकल प्रैक्टिशनर के जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हाई कोर्ट ने इसी मामले को लेकर शुक्रवार को सुनवाई की. मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी.
"आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के मेडिकल अंतिम वर्ष के स्नातकोत्तर छात्रों की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के मामले में पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की गई है. कोर्ट ने एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है." -आनंद वर्धन, अधिवक्ता सह याचिकाकर्ता