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एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट के भवन को स्थानांतरित करने के संबंध में दाखिल पीआईएल पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई - एल एन मिश्र इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक

पटना के बेली रोड स्थित एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट के भवन को स्थानांतरित करने से संबंधित पीआईएल पर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सुनवाई की. इस मामले में संस्थान के वकील ने छात्रों के भविष्य का हवाला दिया तो वहीं राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का वक्त मांगा.

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Published : Jan 9, 2023, 11:09 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना के बेली रोड स्थित एल एन मिश्र इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड सोशल चेंज के भवन को स्थानांतरित करने से सम्बंधित लोकहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि मौजूदा परिस्थितों के मद्देनजर हाईकोर्ट कैंपस का विस्तार ज़रूरी हो गया है.


ये भी पढ़ें- चीफ जस्टिस संजय करोल ने लिया संज्ञान: 3 दिव्यांग लड़कियों की पटना एम्स में हुई मेडिकल जांच, जानें मामला

वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट को अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि वकीलों, उनके स्टाफ और हाईकोर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी बढ़ी है. राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह न्यायपालिका के विस्तार से संबंधित उचित कदम उठाये.

गौरतलब है कि एलएन मिश्रा इंस्टीट्यूट के अधिवक्ता आरके शुक्ला ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि इससे एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर रहे छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि जो पूर्वी सीमा पर मूल रूप से हाईकोर्ट को भूमि आवंटित की गई थी, राज्य सरकार ने उस पर एमएलए और सरकारी अधिकारियों के फ्लैट निर्माण कर लिया है. ऐसे में इंस्टीट्यूट को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना एक मुश्किल फ़ैसला है.

इस इंस्टीट्यूट के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. उनके समक्ष इस पूरे मामले को रखना जरूरी है, ताकि कोई फ़ैसला लिया जा सके. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि राज्य को अपना पक्ष रखने के लिए फिलहाल 2 सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

पटना: बिहार की राजधानी पटना के बेली रोड स्थित एल एन मिश्र इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड सोशल चेंज के भवन को स्थानांतरित करने से सम्बंधित लोकहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि मौजूदा परिस्थितों के मद्देनजर हाईकोर्ट कैंपस का विस्तार ज़रूरी हो गया है.


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वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट को अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि वकीलों, उनके स्टाफ और हाईकोर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी बढ़ी है. राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह न्यायपालिका के विस्तार से संबंधित उचित कदम उठाये.

गौरतलब है कि एलएन मिश्रा इंस्टीट्यूट के अधिवक्ता आरके शुक्ला ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि इससे एलएन मिश्र इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर रहे छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि जो पूर्वी सीमा पर मूल रूप से हाईकोर्ट को भूमि आवंटित की गई थी, राज्य सरकार ने उस पर एमएलए और सरकारी अधिकारियों के फ्लैट निर्माण कर लिया है. ऐसे में इंस्टीट्यूट को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना एक मुश्किल फ़ैसला है.

इस इंस्टीट्यूट के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. उनके समक्ष इस पूरे मामले को रखना जरूरी है, ताकि कोई फ़ैसला लिया जा सके. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि राज्य को अपना पक्ष रखने के लिए फिलहाल 2 सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

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