पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने राज्य में पुलिस स्टेशनों की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामले पर सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने मामले पर स्वयं संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. राज्य में 471 पुलिस स्टेशन के अपने भवन नहीं है. इन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ता है.
ये भी पढ़ें - Patna High Court: जाली राशन कार्ड वितरित किए जाने पर सुनवाई, 4 सप्ताह में सरकार से मांगा गया जवाब
वरीय IPS अधिकारियों का नाम सुझाने का आदेश : कोर्ट ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही को 2-2 वरीय आईपीएस अधिकारियों के नामों का सुझाव देने को कहा, जो कोर्ट और राज्य सरकार के मध्य कोऑर्डिनेट करें. जब तक दूसरे भवन में पुलिस स्टेशन के लिए सरकारी भवन नहीं बन जाते, तब तक पुलिस अधिकारी कोर्ट के अधिकारी के रूप में कोऑर्डिनेट करेंगे.
इससे पहले भी पुलिस स्टेशन की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं का मामला कोर्ट में उठाया गया था. राज्य सरकार ने इनमें सुधार लाने का वादा किया था, लेकिन ठोस परिणाम नहीं दिखा. इसी तरह के एक मामले पर जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने सुनवाई करते हुए पुलिस स्टेशनों की दयनीय अवस्था को गम्भीरता से लिया. उन्होंने इस मामले को जनहित याचिका मानते हुए आगे की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच में भेज दिया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है. उनमें भी बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है. लगभग आठ सौ थाने ऐसे हैं,जो सरकारी भवन में चल रहे है. उन्होंने बताया कि कई पुलिस स्टेशन के भवन की स्थिति खराब है. पुलिसकर्मियों को काफी कठिन परिस्थितियों में और कई सुविधाओं के अभाव में कार्य करना पड़ता है. कोर्ट ने उनके द्वारा दिए गए तथ्यों को सुनते हुए कहा कि आगे की सुनवाई में इन मुद्दों विचार किया जाएगा. इस मामले पर कल भी सुनवाई होगी.