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बिहार नगरपालिका एक्ट 2007 को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई कल तक टली

पटना हाईकोर्ट में 'बिहार नगरपालिका एक्ट 2007' के मार्च 2021 में राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कल तक टल गई है. चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

Patna High Court News
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Published : Aug 2, 2022, 10:56 PM IST

पटना: बिहार में यह मामला नगरपालिका (Bihar Municipal Act 2007) में संवर्ग की स्वायत्तता से जुड़ा हुआ है. पटना हाई कोर्ट को अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि इस संशोधन के तहत नियुक्ति और तबादला को सशक्त स्थाई समिति में निहित अधिकार को ले लिया गया है. यह अधिकार अब राज्य सरकार में निहित हो गया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि अन्य सभी राज्यों में नगर निगम के कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार निगम द्वारा ही की जाती है.

ये भी पढ़ें- जल्दी फैसला देने पर HC ने कर दिया अररिया ADJ को निलंबित, SC ने सुनवाई में मांगा जवाब

उनका कहना था कि नगर निगम एक स्वायत्त निकाय है, इसलिए इसे दैनिक क्रियाकलापों में स्वयं काम करने देना चाहिए. कोर्ट को आगे यह भी बताया गया की चेप्टर 5 में दिए गए प्रावधान के मुताबिक निगम में ए और बी केटेगरी में नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को है. जबकि सी और डी केटेगरी में नियुक्ति के मामले में निगम को बहुत थोड़ा सा नियंत्रण दिया गया है.


पटना हाईकोर्ट में 'बिहार नगरपालिका एक्ट 2007' के मार्च 2021 में राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका (Challenging the validity of the amendment) पर सुनवाई कल तक टल गई है. चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. 31 मार्च को किये गए संशोधन से सी और डी केटेगरी के मामले में भी निगम के ये सीमित अधिकार को भी मनमाने ढंग से ले लिये गए है.

पटना: बिहार में यह मामला नगरपालिका (Bihar Municipal Act 2007) में संवर्ग की स्वायत्तता से जुड़ा हुआ है. पटना हाई कोर्ट को अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि इस संशोधन के तहत नियुक्ति और तबादला को सशक्त स्थाई समिति में निहित अधिकार को ले लिया गया है. यह अधिकार अब राज्य सरकार में निहित हो गया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि अन्य सभी राज्यों में नगर निगम के कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार निगम द्वारा ही की जाती है.

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उनका कहना था कि नगर निगम एक स्वायत्त निकाय है, इसलिए इसे दैनिक क्रियाकलापों में स्वयं काम करने देना चाहिए. कोर्ट को आगे यह भी बताया गया की चेप्टर 5 में दिए गए प्रावधान के मुताबिक निगम में ए और बी केटेगरी में नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को है. जबकि सी और डी केटेगरी में नियुक्ति के मामले में निगम को बहुत थोड़ा सा नियंत्रण दिया गया है.


पटना हाईकोर्ट में 'बिहार नगरपालिका एक्ट 2007' के मार्च 2021 में राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका (Challenging the validity of the amendment) पर सुनवाई कल तक टल गई है. चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. 31 मार्च को किये गए संशोधन से सी और डी केटेगरी के मामले में भी निगम के ये सीमित अधिकार को भी मनमाने ढंग से ले लिये गए है.

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