पटना: पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले पर कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की.
पटना हाईकोर्ट में पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन मामले की सुनवाई: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने बताया कि गोला रोड की ओर से जोड़ने वाले सड़क का काम तीन वर्षो से चल रहा है, लेकिन कोई खास प्रगति नहीं हुई है.साथ ही एनटीपीसी रोड 600 मीटर लम्बी है,लेकिन इसमें भी भू अर्जन का कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
रेलवे ने दिया था ये तर्क: एम्स एलिवेटेड रोड के निर्माण में होने वाले व्यय में राज्य सरकार ने रेलवे को आधा हिस्सा देने को कहा. लेकिन रेलवे ने स्पष्ट किया कि चूंकि ये रेलवे का प्रोजेक्ट नहीं है. इसलिए इसमें रेलवे सहयोग नहीं कर सकेगा.
पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को चारों ओर से जोड़ने की योजना: पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि सभी सम्बंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई. पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को चारों ओर से जोड़ने की योजना पर विचार हुआ ताकि सभी ओर से यात्रियों को स्टेशन आने में सुविधा हो.
एम्स एलिवेटेड रोड को स्टेशन तक बढ़ाने की योजना: एनटीपीसी रोड ,जिसकी लम्बाई 600 मीटर और चौड़ाई 22 मीटर होगी. इस मुख्य सड़क से तीन और सड़कें मिलती हैं. साथ ही ये भी कोर्ट को बताया गया था कि एम्स एलिवेटेड रोड को स्टेशन तक बढ़ाने की योजना है, ताकि यात्री सीधे स्टेशन पहुंच सके.
अधिकारियों की टीम को व्यय का ब्यौरा देने का निर्देश: पश्चिम की तरफ से दानापुर और गोला रोड की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए नहर की सड़क को चौड़ा किये जाने की योजना है. इस मामले पर पूर्व की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाटलिपुत्र स्टेशन के चारों तरफ से सड़क निर्माण में होने वाले व्यय का ब्यौरा अधिकारियों की टीम को देने का निर्देश दिया था.
यात्रियों को होती है भारी परेशानी: इसमें राज्य के नगर विकास व सड़क निर्माण विभाग के प्रधान सचिव व रेलवे के अधिकारी शामिल थे. कोर्ट ने उक्त टीम को सड़क निर्माण में होने वाले व्यय का ब्यौरा मांगा था. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया था, लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
2 फरवरी को अगली सुनवाई: कोर्ट को यह भी बताया गया कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन पर रेलों का परिचालन काफी पहले ही प्रारम्भ हो गया है, लेकिन नागरिकों के लिए बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध नहीं हो सकी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 फरवरी,2024 को होगी.
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