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दीपावली की छुट्टी के बाद होगी राज्य के दिव्यांग स्कूलों की दयनीय दशा पर सुनवाई

गिरिजा शंकर दृष्टिहीन बालिका विद्यालय की दयनीय दशा पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई अब दीपावली के बाद होगी. इस संबंध में एक जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ में सुनावाई की जा रही है.

Patna High Court
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Published : Oct 17, 2022, 4:23 PM IST

पटना : बिहार के दिव्यांग (दृष्टिहीन,मूक व बधिरों के लिए) स्कूलों की दयनीय अवस्था पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई दीपावली के अवकाश के बाद की जाएगी. राज कुमार रंजन की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जा रही है.


ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी: कोई मकान मालिक किरायेदारों को बाहर नहीं कर सकता

ये जनहित याचिका भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड स्थित गिरिजा शंकर दृष्टिहीन बालिका विद्यालय के दयनीय हालत के सम्बन्ध में दायर किया गया था. कोर्ट ने इस जनहित याचिका का दायरा बढ़ा कर राज्य के सभी दिव्यांग स्कूलों की अवस्था की सुनवाई के लिए कर दिया.

6 जनवरी 2020 में इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पार्टी बनाने का आदेश देते हुए उन्हें हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. उन्हें ये बताने को कहा गया कि क्या दिव्यांग छात्रों को प्रावधानों के अनुसार मिलने वाली सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.

इस मामले पर 25 जुलाई 2022 को कोर्ट ने सुनवाई की थी. इसमें जो जवाब राज्य सरकार की ओर से दिया गया था, उसमें स्पष्ट था कि इन दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों के काफी पद रिक्त पड़े हैं. जो स्वीकृत पद रिक्त पड़े थे, उन पर शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई थीं. इन स्कूलों में या तो शिक्षक ही नहीं थे या एक या दो शिक्षक थे. दृष्टिहीन छात्रों के शिक्षा को बहुत हल्के ढंग से लिया गया.

कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और राज्य दिव्यांग आयोग को इन स्कूलों की स्थापना और स्कूलों में चल रही व्यवस्था का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया था. इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं और पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी काफी कमी है. इस मामले पर अब दीपावली के अवकाश के बाद सुनवाई की जाएगी.

पटना : बिहार के दिव्यांग (दृष्टिहीन,मूक व बधिरों के लिए) स्कूलों की दयनीय अवस्था पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई दीपावली के अवकाश के बाद की जाएगी. राज कुमार रंजन की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जा रही है.


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ये जनहित याचिका भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड स्थित गिरिजा शंकर दृष्टिहीन बालिका विद्यालय के दयनीय हालत के सम्बन्ध में दायर किया गया था. कोर्ट ने इस जनहित याचिका का दायरा बढ़ा कर राज्य के सभी दिव्यांग स्कूलों की अवस्था की सुनवाई के लिए कर दिया.

6 जनवरी 2020 में इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पार्टी बनाने का आदेश देते हुए उन्हें हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. उन्हें ये बताने को कहा गया कि क्या दिव्यांग छात्रों को प्रावधानों के अनुसार मिलने वाली सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.

इस मामले पर 25 जुलाई 2022 को कोर्ट ने सुनवाई की थी. इसमें जो जवाब राज्य सरकार की ओर से दिया गया था, उसमें स्पष्ट था कि इन दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों के काफी पद रिक्त पड़े हैं. जो स्वीकृत पद रिक्त पड़े थे, उन पर शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई थीं. इन स्कूलों में या तो शिक्षक ही नहीं थे या एक या दो शिक्षक थे. दृष्टिहीन छात्रों के शिक्षा को बहुत हल्के ढंग से लिया गया.

कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और राज्य दिव्यांग आयोग को इन स्कूलों की स्थापना और स्कूलों में चल रही व्यवस्था का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया था. इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं और पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी काफी कमी है. इस मामले पर अब दीपावली के अवकाश के बाद सुनवाई की जाएगी.

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