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मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण केस: पटना हाईकोर्ट ने CBI को सौंपा जांच का जिम्मा, अभी तक नहीं मिला सुराग

मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण केस पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंप दिया (Khushi kidnapping case handed over to CBI) है. कोर्ट ने पाया कि एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत के द्वारा कांड का उद्भेदन नहीं हो सकता. पढ़ें पूरी खबर

Patna High Court News
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Published : Oct 17, 2022, 4:59 PM IST

पटना: मुजफ्फरपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत 6 साल की बच्ची के अपहरण के मामले को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने सीबीआई को सौंप दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले पर सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और निर्देशक, सीएफएसएल, नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत (SSP Muzaffarpur Jayantakant) ऑनलाइन उपस्थित रहे थे.


ये भी पढ़ें- दीपावली की छुट्टी के बाद होगी राज्य के दिव्यांग स्कूलों की दयनीय दशा पर सुनवाई

कोर्ट में पीड़ित पक्ष की दलील: अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी मुजफ्फरपुर द्वारा आज तक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है. लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया जा रहा है. पिछली सुनवाई में अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है जिसमें संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है. वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है.

हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा केस: इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एसएसपी को दिया जाए. एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें. लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फाइल किया गया है, उसमें ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नहीं किया गया. कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब एसएसपी मुजफ्फरपुर के द्वारा नहीं हो सकता है. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि 14 अक्टूबर 2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए. कोर्ट ने सीबीआई के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था.

क्या है पूरा मामला ? : यह मामला 16 फरवरी 2021 को 6 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. इसका सुराग आज तक नहीं मिला है. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे. जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द पता लगाने का आग्रह किया था.

बीते साल हुआ था बच्ची का अपहरण: मुजफ्फरपुर पुलिस को इस मामले में अबतक कोई सुराग नहीं मिला है. खुशी के पिता राजन साह ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत पमरिया टोला के रहने वाले हैं. वे सब्जी विक्रेता हैं. उन्होंने मुजफ्फरपुर पुलिस के रवैए से असंतुष्ट होकर पटना हाईकोर्ट में अपनी बेटी खुशी की बरामदगी के लिए याचिका दायर की.

पटना: मुजफ्फरपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत 6 साल की बच्ची के अपहरण के मामले को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने सीबीआई को सौंप दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले पर सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और निर्देशक, सीएफएसएल, नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत (SSP Muzaffarpur Jayantakant) ऑनलाइन उपस्थित रहे थे.


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कोर्ट में पीड़ित पक्ष की दलील: अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी मुजफ्फरपुर द्वारा आज तक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है. लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया जा रहा है. पिछली सुनवाई में अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है जिसमें संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है. वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है.

हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा केस: इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एसएसपी को दिया जाए. एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें. लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फाइल किया गया है, उसमें ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नहीं किया गया. कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब एसएसपी मुजफ्फरपुर के द्वारा नहीं हो सकता है. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि 14 अक्टूबर 2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए. कोर्ट ने सीबीआई के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था.

क्या है पूरा मामला ? : यह मामला 16 फरवरी 2021 को 6 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. इसका सुराग आज तक नहीं मिला है. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे. जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द पता लगाने का आग्रह किया था.

बीते साल हुआ था बच्ची का अपहरण: मुजफ्फरपुर पुलिस को इस मामले में अबतक कोई सुराग नहीं मिला है. खुशी के पिता राजन साह ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत पमरिया टोला के रहने वाले हैं. वे सब्जी विक्रेता हैं. उन्होंने मुजफ्फरपुर पुलिस के रवैए से असंतुष्ट होकर पटना हाईकोर्ट में अपनी बेटी खुशी की बरामदगी के लिए याचिका दायर की.

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