पटना: दुर्लभ जेनेटिक बीमारी (Rare Genetic Disease) में असमर्थ मरीजों के इलाज और दवाएं उपलब्ध कराने संबंधित जनहति मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत को हलफनामा देकर जवाब देने का निर्देश दिया है. राजू यादव की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि इस मामले में प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत हलफनामा के साथ जवाब दें.
ये भी पढ़ें- बच्चों की जान बचाने के लिए इंपोर्ट करना पड़ता है 16 करोड़ का टीका, बीमारों की संख्या पर कठघरे में सरकार
याचिकाकर्ता की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि ये बीमारी डूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Duchenne Muscular Dystrophy ) नाम के दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से ग्रस्त हैं. राज्य के समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर व भागलपुर समेत विभिन्न जिलों में इन रोगियों की कुल संख्या 33 हैं. इस बीमारी के इलाज में काफी पैसे खर्च होता है, जो कि आम आदमी की पहुँच से बाहर होता है. उनका इलाज और दवाएं काफी महंगी होतीं हैं. इसके लिए इनके पास संसाधन उपलब्ध नहीं है.
पढ़ें :- सुशासन बाबू के 'जनता दरबार' पहुंचे अयांश के माता-पिता, 16 करोड़ का एक इंजेक्शन बचा सकता है जान
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि ये दवाएं अमेरिका में मिलती हैं, भारत में ये दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. DMD जैसी दुर्लभ बीमारी की दवा अमेरिका में ही उपलब्ध हैं, लेकिन कीमत बहुत ज्यादा है. इसलिए सरकार के सहयोग बिना इन मरीजों का इलाज संभव नहीं है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि रोगी को इलाज मुहैया नहीं किया जाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 28, 39, 41 व 47 का उल्लंघन होगा. इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार के प्रधान स्वास्थ्य सचिव को निर्देश देते हुए हलफनामा के साथ जवाब देने को कहा है. इस केस में अगली सुनवाई अब तीन सप्ताह बाद होगी.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP