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हाईकोर्ट ने खारिज की 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिकाएं

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देने याचिकाओं को खारिज कर दिया. इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

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Published : Dec 22, 2022, 6:26 PM IST

पटना: हाइकोर्ट ने 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट (67th BPSC preliminary exam result ) को चुनौती देने याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस मधुरेश प्रसाद ने हर्षित शरण व अन्य की याचिकाओं सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करते हुए सीनियर एडवोकेट वाईवी गिरी ने बताया कि कई प्रश्नों के मॉडल उत्तरों में गलतियां थीं. इस कारण कई छात्रों का इस प्रारम्भिक परीक्षा में चयन नहीं हो सका.

ये भी पढ़ें- BPSC 67वीं प्रीलिम्स रिजल्ट में धांधली के खिलाफ अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, CBI जांच की मांग

याचिकाकर्ता के वकील की दलील: याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि लगभग दस ऐसे प्रश्न थे, जिनके मॉडल उत्तरों में त्रुटियां रही हैं, जिसका उनके रिजल्ट पर बुरा प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि 17 नवम्बर 2022 को BPSC ने प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया, उसमें इन विसंगतियों के कारण रिजल्ट में काफी गड़बड़ी हुईं. इसका असर उन मेधावी उम्मीदवारों पर पड़ा, जिन्हें इस परीक्षा में सफल होना था.

कोर्ट ने खारिज की याचिका : उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस त्रुटिपूर्ण रिजल्ट को रद्द कर नए सिरे सभी प्रश्नों की त्रुटियां दूर कर या गलत मॉडल उत्तरों को हटा कर फिर से संशोधित रिजल्ट घोषित किये जाएं. ताकि योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके. कोर्ट ने उनके द्वारा दी गई दलीलों को अस्वीकार करते हुए इन याचिकाओं को खारिज कर दिया.

30 सितंबर को हुई थी प्रारंभिक परीक्षाः बता दें कि बीपीएससी की 67वीं संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 30 सितंबर को किया गया था. इसके लिए राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 1153 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. इस परीक्षा के माध्यम से 802 पदों पर नियुक्ति की जानी है. एग्जाम में कुल 150 प्रश्न पूछे गए थे.

पटना: हाइकोर्ट ने 67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट (67th BPSC preliminary exam result ) को चुनौती देने याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस मधुरेश प्रसाद ने हर्षित शरण व अन्य की याचिकाओं सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करते हुए सीनियर एडवोकेट वाईवी गिरी ने बताया कि कई प्रश्नों के मॉडल उत्तरों में गलतियां थीं. इस कारण कई छात्रों का इस प्रारम्भिक परीक्षा में चयन नहीं हो सका.

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याचिकाकर्ता के वकील की दलील: याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि लगभग दस ऐसे प्रश्न थे, जिनके मॉडल उत्तरों में त्रुटियां रही हैं, जिसका उनके रिजल्ट पर बुरा प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि 17 नवम्बर 2022 को BPSC ने प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया, उसमें इन विसंगतियों के कारण रिजल्ट में काफी गड़बड़ी हुईं. इसका असर उन मेधावी उम्मीदवारों पर पड़ा, जिन्हें इस परीक्षा में सफल होना था.

कोर्ट ने खारिज की याचिका : उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस त्रुटिपूर्ण रिजल्ट को रद्द कर नए सिरे सभी प्रश्नों की त्रुटियां दूर कर या गलत मॉडल उत्तरों को हटा कर फिर से संशोधित रिजल्ट घोषित किये जाएं. ताकि योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके. कोर्ट ने उनके द्वारा दी गई दलीलों को अस्वीकार करते हुए इन याचिकाओं को खारिज कर दिया.

30 सितंबर को हुई थी प्रारंभिक परीक्षाः बता दें कि बीपीएससी की 67वीं संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 30 सितंबर को किया गया था. इसके लिए राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 1153 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. इस परीक्षा के माध्यम से 802 पदों पर नियुक्ति की जानी है. एग्जाम में कुल 150 प्रश्न पूछे गए थे.

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