पटना: राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथों के निर्माण में हो रही देरी को पटना हाई कोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्वयं इस मामले पर सुनवाई करते हुए सभी संबंधित डीएम को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है.
उन्होंने सभी डीएम को भूमालिकों को मुआवजा देकर अवैध कब्जा हटाने और शीघ्र एनएचएआई को सौंपने का निर्देश दिया है. ताकि राष्ट्रीय उच्च पथों के निर्माण में तेजी लाई जा सके. जिन चार जिलों को इसको लेकर निर्देश दिया गया है उसमें गया, रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर शामिल हैं.
31 दिसंबर तक होगा भू अर्जन का काम पूरा
कोर्ट ने इन जिलों के डीएम को सख्त लहजे में कहा कि भू अर्जन की धीमी गति के कारण एनएच निर्माण का काफी पीछे रह गया है. इस कारण से 5100 किलोमीटर एनएच बनने का काम 80 प्रतिशत अटका पड़ा है. इस पर सभी जिलाधिकारियों ने अश्वासन दिया कि 31 दिसंबर तक भू अर्जन और क्षतिपूर्ति देने का काम पूरा कर लिया जाएगा. इस मामले पर आगे भी सुनवाई जारी रहेगी.