ETV Bharat / state

BCA अधिकारियों के स्टिंग मामले में HC सख्त, जांच रिपोर्ट जल्द सौंपने के दिए आदेश

पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि पूरे 18 साल बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी खेलने की मान्यता मिली और टीम में शामिल कई खिलाड़ी दूसरे राज्यों के थे.

वकील जगन्नाथ सिंह
author img

By

Published : Jul 23, 2019, 8:43 PM IST

पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ दर्ज हुए शिकायत पर मंगलवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस अश्विनी कुमार की अदालत ने इस मामले की सुनवाई की. सुनवाई के बाद उन्होंने पटना के गांधी मैदान थाना पुलिस को निर्देश दिया कि बीसीए अधिकारियों के खिलाफ दायर हुए एफआईआर पर अविलंब अनुसंधान पूरा किया जाए और कोर्ट को प्रतिवेदन सौंपा जाए.

वकील जगन्नाथ सिंह का बयान

मालूम हो कि इस मसले पर बीसीए के अधिकारियों का स्टिंग हुआ था. जिसके बाद गांधी मैदान थाना में 8 मार्च 2019 को केस दर्ज किया गया था. बता दें कि राज्य में होने वाले खेलों में बिहार के युवाओं के बजाए दूसरे लोगों को तरजीह दी जाने लगी थी.

बिहार के खिलाड़ियों को होगा फायदा
इस केस में क्रिमिनल रिट फाइल करने वाले वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद अब बिहार के खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा. बीसीए के अधिकारियों के धांधली की वजह से बिहार के जो खिलाड़ी टीम में चयन से वंचित रह गए थे, उन्हें भी न्याय मिलेगा. साथ ही चयन के आगे कई मौके भी मिलेंगे.

पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि पूरे 18 साल बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी खेलने की मान्यता मिली और टीम में शामिल कई खिलाड़ी दूसरे राज्यों के थे.

पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ दर्ज हुए शिकायत पर मंगलवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस अश्विनी कुमार की अदालत ने इस मामले की सुनवाई की. सुनवाई के बाद उन्होंने पटना के गांधी मैदान थाना पुलिस को निर्देश दिया कि बीसीए अधिकारियों के खिलाफ दायर हुए एफआईआर पर अविलंब अनुसंधान पूरा किया जाए और कोर्ट को प्रतिवेदन सौंपा जाए.

वकील जगन्नाथ सिंह का बयान

मालूम हो कि इस मसले पर बीसीए के अधिकारियों का स्टिंग हुआ था. जिसके बाद गांधी मैदान थाना में 8 मार्च 2019 को केस दर्ज किया गया था. बता दें कि राज्य में होने वाले खेलों में बिहार के युवाओं के बजाए दूसरे लोगों को तरजीह दी जाने लगी थी.

बिहार के खिलाड़ियों को होगा फायदा
इस केस में क्रिमिनल रिट फाइल करने वाले वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद अब बिहार के खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा. बीसीए के अधिकारियों के धांधली की वजह से बिहार के जो खिलाड़ी टीम में चयन से वंचित रह गए थे, उन्हें भी न्याय मिलेगा. साथ ही चयन के आगे कई मौके भी मिलेंगे.

पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि पूरे 18 साल बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी खेलने की मान्यता मिली और टीम में शामिल कई खिलाड़ी दूसरे राज्यों के थे.

Intro:बिहार की क्रिकेट टीम में बिहारी खिलाड़ियों के बजाय श्री राज्यों से आने वाले खिलाड़ियों के चयन मामले पर आज पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
बता दे कि 18 साल बाद बिहारक्रिकेटएसोसिएशन को रणजी खेलने की मान्यता मिली और टीम में शामिल कई खिलाड़ी दूसरे राज्यों के थे. पूरे मसले पर बीसीए के अधिकारियों का एक स्टिंग हुआ था ऑल स्टिंग के आधार पर गांधी मैदान थाने में 11 4 2019 को पुलिस डायरी में केस नंबर 122 / 2019 दर्ज हुआ था.


Body:बीसीए पर हुए एफ आई आर के इन्वेस्टिगेशन में पुलिस की सुस्ती पर सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल लीड फाइल किया गया था जिसका आज पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट के जस्टिस अश्विनी कुमार अदालत ने इस मामले की सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस अश्विनी कुमार ने पटना के गांधी मैदान थाना पुलिस को निर्देश दिया कि इस एफ आई आर अविलंब अनुसंधान पूर्ण कर कोर्ट को अपना प्रतिवेदन सौंपें.


Conclusion:इस केस में क्रिमिनल रिट फाइल करने वाले वकील जगन्नाथ सिंह ईटीवी से बातचीत में कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद अब बिहार की खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा. बीसीए के अधिकारियों के धांधली की वजह से बिहार के जो खिलाड़ी टीम में चयन से वंचित रह गए थे उन्हें न्याय मिलेगा और चयन के आगे कई मौके भी मिलेंगे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.