पटना: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ दर्ज हुए शिकायत पर मंगलवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस अश्विनी कुमार की अदालत ने इस मामले की सुनवाई की. सुनवाई के बाद उन्होंने पटना के गांधी मैदान थाना पुलिस को निर्देश दिया कि बीसीए अधिकारियों के खिलाफ दायर हुए एफआईआर पर अविलंब अनुसंधान पूरा किया जाए और कोर्ट को प्रतिवेदन सौंपा जाए.
मालूम हो कि इस मसले पर बीसीए के अधिकारियों का स्टिंग हुआ था. जिसके बाद गांधी मैदान थाना में 8 मार्च 2019 को केस दर्ज किया गया था. बता दें कि राज्य में होने वाले खेलों में बिहार के युवाओं के बजाए दूसरे लोगों को तरजीह दी जाने लगी थी.
बिहार के खिलाड़ियों को होगा फायदा
इस केस में क्रिमिनल रिट फाइल करने वाले वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद अब बिहार के खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा. बीसीए के अधिकारियों के धांधली की वजह से बिहार के जो खिलाड़ी टीम में चयन से वंचित रह गए थे, उन्हें भी न्याय मिलेगा. साथ ही चयन के आगे कई मौके भी मिलेंगे.
पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि पूरे 18 साल बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी खेलने की मान्यता मिली और टीम में शामिल कई खिलाड़ी दूसरे राज्यों के थे.