पटना: नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन करने वाले अभ्यर्थियों के मामले में पटना हाईकोर्ट में आज फैसला सुनाया जाना था. इसे अब मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया है. मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा है.
एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को नियोजन प्रक्रिया में भाग लेने श्रेणी में रखा जाए या नहीं कोर्ट इसपर अपना फैसला सुनाना है. जस्टिस पीके झा इस मामले पर कल यानी 21जनवरी को फैसला सुनाएंगे. पंचायत शिक्षकों की बहाली के मामलें में राज्य सरकार इस डिप्लोमा पाठ्यक्रम को मान्यता नहीं दे रही हैं. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था.
बिहार में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया में एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी की पात्रता को लेकर मामला कोर्ट में लंबित है. बिहार में तकरीबन 2.5 लाख शिक्षक नियोजन प्रक्रिया से वंचित हैं. कोर्ट इसपर लगातार सुनवाई करता चला आ रहा है. ऐसे में आज फैसला आने की संभावना है.
कई बार धरने पर उतरे हैं अभ्यर्थी
- बता दें कि बिहार में शिक्षकों की बहाली के दौरान एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों की मान्यता का मुद्दा तेजी से गर्माया है.
- डीएलएड को बतौर शिक्षक नियुक्ति के लिए मान्यता न देने का मामला केंद्रीय कैबिनेट में भी उठ चुका है.
- केंद्रीय कैबिनेट में प्रधानमंत्री ने इस मामले पर चिंता जताई थी.
- एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इस मामले में जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया था.
- हाल ही में राज्यसभा में राजद सांसद प्रो. मनोज कुमार झा ने इस मुद्दे को उठाया था.
- मनोज कुमार झा का कहना था कि ये बिहार के 14 लाख परिवारों से जुड़ा मामला है.
- राजधानी पटना समेत कई जिलों में एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर चुके हैं.