पटना: कोरोना महामारी ने विश्व भर में विकराल रूप धारण कर लिया है. बिहार में इससे अछूता नहीं हैं. अब तो हवा में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसके बावजूद अस्पतालों में लापरवाही देखी जा सकती है. राजधानी पटना के जिला सिविल सर्जन कार्यालय में भी ऐसी ही लापरवाही की एक तस्वीर समाने आई है. जहां खुले में कोरोना संक्रमित की जांच में प्रयोग हुए एंटीजन किट बिखरे पड़े हैं.
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शिकायत के बाद भी नहीं खुली प्रशासन की नींद
लगातार शिकायतों के बाद भी गर्दनीबाग अस्पताल प्रशासन की ओर से इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो पाया कि वाकई गर्दनीबाग अस्पताल में यही स्थिति है.
यूज्ड एंटीजन किट और स्वॉब लिया हुआ स्टिक खुले में फेंका गया है. काफी सारे एंटीजन किट में 2 लाइन भी साफ दिख रही हैं. इसका मतलब है कि यह किसी पॉजिटिव शख्स का एंटीजन किट है. यह कचरा जहां बिखरा पड़ा है, वहीं से जिला स्वास्थ समिति के कार्यालय में जाने का रास्ता है.
यहां दिन भर कोरोना जांच कार्य के बाद लैब टेक्नीशियन अपनी रिपोर्ट जमा करने पहुंचते हैं. वर्तमान समय में काफी संख्या में लैब टेक्नीशियन संक्रमित भी हो चुके हैं. ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि अस्पताल परिसर में बिखरा पड़ा कोरोना जांच किट भारी संख्या में टेक्नीशियनों के संक्रमित होने की एक प्रमुख वजह हो सकती है.
सिविल सर्जन ने क्या कहा ?
इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने सिविल सर्जन से बात करनी चाही तो वह यह कह कर निकल गयीं कि उन्हें कोरोना से जुड़े वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने जाना है. कोरोना से जुड़े जिले के किसी भी मसले पर सिविल सर्जन का साफ कहना है कि सब कुछ जिलाधिकारी बताएंगे.
जिस प्रकार से यूज्ड एंटीजन किट और स्वॉब लिया हुआ स्टिक खुले में फेंका गया है, जाहिर है कि हवा के कारण यूज्ड किट वहां पूरे कैंपस में फैल रहे हैं. सिविल सर्जन कार्यालय के पास स्वास्थ्य विभाग की ऐसी लापरवाही से कोरोना को लेकर अस्पताल प्रशासन की गंभीरता पर सवाल उठना स्वाभाविक है.