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बिहार के सबसे बडे हॉस्टिपल में कोरोना बेड फुल, लौट रहे मरीजों पर अधिकारियों की चुप्पी

बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है. मौजूदा वक्त में स्थिति यह है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना के सारे बेड फुल हो गए हैं. जिसकी वजह से मरीजों को लौटना पड़ रहा है.

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Published : Apr 25, 2021, 8:24 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और वर्तमान स्थिति यह है कि संक्रमण की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है. कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या लगभग एक लाख तक पहुंच गई है. ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की बात करें तो यहां रोजाना काफी संख्या में कोरोना मरीज पहुंच रहे है लेकिन अस्पताल में बेड नहीं होने की वजह से मरीजों को लौटना पड़ रहा है.

पीएमसीएच में 105 बेड का कोविड-19 डेडिकेटेड वार्ड है और वर्तमान स्थिति यह है कि सभी बेड फुल हैं. पिछले 1 महीने से अस्पताल प्रबंधन कोरोना मरीज के लिए बेड बढ़ाने की बात कह रहा है. लेकिन बीते 1 महीने में कोरोना वार्ड में मात्र 5 बेड का ही इजाफा देखने को मिला है. प्रधान सचिव बीते दिनों जब पीएमसीएच का दौरा किए थे. तब भी उन्होंने अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाने की बात कही थी. लेकिन बेड बढ़े नहीं. इस वजह से प्रतिदिन शहर के विभिन्न अस्पतालों और कोरोना जांच केंद्रों से कोरोना मरीज को पीएमसीएच रेफर किया जा रहा है. लेकिन बेड उपलब्ध ना होने की वजह से मरीज अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट...

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में कोरोना का कहर जारी, शनिवार को 17 लोंगो की गई जान

पीएमसीएच के कोरोना वार्ड से 50 मीटर की दूरी पर ही कॉटेज वार्ड है. कॉटेज वार्ड कि भवन तीन मंजिला है और प्रत्येक फ्लोर पर 9 कमरे हैं. प्रत्येक कमरे में दो बेड की व्यवस्था है. लेकिन यह भवन वर्तमान समय में पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. प्रदेश में पिछले साल जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था तब इसे ही कोरोना वार्ड बनाया गया था और उस समय सभी कमरे में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पाइप लाइन की व्यवस्था भी की गई थी. पीएमसीएच का जो नया सुपर स्पेशलिटी भवन बनना है उसके नाम पर अस्पताल प्रबंधन ने इस भवन को शुरुआती दौर में ही तोड़ने का निर्णय लिया और ऑक्सीजन पाइप लाइन को कबाड़ दिया गया. वर्तमान समय में 3 मंजिला भवन काफी मजबूत स्थिति में है और इसमें तोड़फोड़ का काम भी शुरू नहीं हुआ है. पीएमसीएच प्रबंधन जब चाहे तब 2 दिन के अंदर यहां आसानी से कोरोना मरीजों के लिए 50 से अधिक बेड बढ़ाए जा सकते हैं.

मरीजों को भर्ती करने से इंनकार
रविवार के दिन भी पीएमसीएच में कई ऐसे लोग पहुंचे जो अपने कोरोना मरीज को एंबुलेंस में लेकर बड़ी उम्मीद से पीएमसीएच में एडमिट कराने पहुंचे थे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से अस्पताल में बेड की अनुपलब्धता को बता कर मरीज को एडमिट लेने से इनकार कर दिया गया.

पटना के कुर्जी इलाके से अपने कोरोना मरीज को गंभीर स्थिति में एंबुलेंस से लेकर पहुंचे पंकज कुमार ने बताया कि उनके बहनोई की हालत बहुत खराब है और वह सुबह 10:00 बजे से मरीज को लेकर भटक रहे हैं. लेकिन दिन के 3:00 बज गए और कहीं भी उन्हें बेड उपलब्ध नहीं हुआ है. सरकार की तरफ से सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को लेकर जो कुछ भी दावे किए जा रहे हैं. वह सरासर झूठ है और कहीं भी सरकारी अस्पताल में उन्हें बेड नहीं मिल रहा है.

ये भी पढ़ें: NMCH में ऑक्सीजन खत्म, 3 मरीजों की गई जान, IGIMS में सिर्फ 4 घंटे का बैकअप

पंकज ने बताया कि उनके बहनोई का ऑक्सीजन सैचुरेशन काफी कम हो गया है और एक जगह प्राइवेट में उन्होंने बात की है. अशोका हॉस्पिटल में और वहीं पर अब अपने मरीज को लेकर जा रहे हैं. पंकज ने बताया कि कहीं भी सरकारी अस्पताल में उन्हें भी उपलब्ध नहीं हो रहा है और सरकार जो कुछ भी दावे कर रही है. वह सिर्फ क्रूर मजाक कर रही है.

बिहार के सबसे बडे हॉस्टिपल में कोरोना बेड फुल, लौट रहे मरीजों पर अधिकारियों की चुप्पी

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और वर्तमान स्थिति यह है कि संक्रमण की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है. कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या लगभग एक लाख तक पहुंच गई है. ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की बात करें तो यहां रोजाना काफी संख्या में कोरोना मरीज पहुंच रहे है लेकिन अस्पताल में बेड नहीं होने की वजह से मरीजों को लौटना पड़ रहा है.

पीएमसीएच में 105 बेड का कोविड-19 डेडिकेटेड वार्ड है और वर्तमान स्थिति यह है कि सभी बेड फुल हैं. पिछले 1 महीने से अस्पताल प्रबंधन कोरोना मरीज के लिए बेड बढ़ाने की बात कह रहा है. लेकिन बीते 1 महीने में कोरोना वार्ड में मात्र 5 बेड का ही इजाफा देखने को मिला है. प्रधान सचिव बीते दिनों जब पीएमसीएच का दौरा किए थे. तब भी उन्होंने अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाने की बात कही थी. लेकिन बेड बढ़े नहीं. इस वजह से प्रतिदिन शहर के विभिन्न अस्पतालों और कोरोना जांच केंद्रों से कोरोना मरीज को पीएमसीएच रेफर किया जा रहा है. लेकिन बेड उपलब्ध ना होने की वजह से मरीज अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट...

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पीएमसीएच के कोरोना वार्ड से 50 मीटर की दूरी पर ही कॉटेज वार्ड है. कॉटेज वार्ड कि भवन तीन मंजिला है और प्रत्येक फ्लोर पर 9 कमरे हैं. प्रत्येक कमरे में दो बेड की व्यवस्था है. लेकिन यह भवन वर्तमान समय में पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. प्रदेश में पिछले साल जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था तब इसे ही कोरोना वार्ड बनाया गया था और उस समय सभी कमरे में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पाइप लाइन की व्यवस्था भी की गई थी. पीएमसीएच का जो नया सुपर स्पेशलिटी भवन बनना है उसके नाम पर अस्पताल प्रबंधन ने इस भवन को शुरुआती दौर में ही तोड़ने का निर्णय लिया और ऑक्सीजन पाइप लाइन को कबाड़ दिया गया. वर्तमान समय में 3 मंजिला भवन काफी मजबूत स्थिति में है और इसमें तोड़फोड़ का काम भी शुरू नहीं हुआ है. पीएमसीएच प्रबंधन जब चाहे तब 2 दिन के अंदर यहां आसानी से कोरोना मरीजों के लिए 50 से अधिक बेड बढ़ाए जा सकते हैं.

मरीजों को भर्ती करने से इंनकार
रविवार के दिन भी पीएमसीएच में कई ऐसे लोग पहुंचे जो अपने कोरोना मरीज को एंबुलेंस में लेकर बड़ी उम्मीद से पीएमसीएच में एडमिट कराने पहुंचे थे. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से अस्पताल में बेड की अनुपलब्धता को बता कर मरीज को एडमिट लेने से इनकार कर दिया गया.

पटना के कुर्जी इलाके से अपने कोरोना मरीज को गंभीर स्थिति में एंबुलेंस से लेकर पहुंचे पंकज कुमार ने बताया कि उनके बहनोई की हालत बहुत खराब है और वह सुबह 10:00 बजे से मरीज को लेकर भटक रहे हैं. लेकिन दिन के 3:00 बज गए और कहीं भी उन्हें बेड उपलब्ध नहीं हुआ है. सरकार की तरफ से सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को लेकर जो कुछ भी दावे किए जा रहे हैं. वह सरासर झूठ है और कहीं भी सरकारी अस्पताल में उन्हें बेड नहीं मिल रहा है.

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पंकज ने बताया कि उनके बहनोई का ऑक्सीजन सैचुरेशन काफी कम हो गया है और एक जगह प्राइवेट में उन्होंने बात की है. अशोका हॉस्पिटल में और वहीं पर अब अपने मरीज को लेकर जा रहे हैं. पंकज ने बताया कि कहीं भी सरकारी अस्पताल में उन्हें भी उपलब्ध नहीं हो रहा है और सरकार जो कुछ भी दावे कर रही है. वह सिर्फ क्रूर मजाक कर रही है.

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