पटना: बिहार की राजनीति (Bihar politics) में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. लोक जनशक्ति पार्टी में आज सुबह से ही उथलपुथल देखी गयी. दिल्ली में चिराग पासवान (Chirag Paswan) के चचेरे भाई और समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज पासवान (Prince Raj Paswan), वैशाली से सांसद वीणा देवी(Veena Devi), खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर (Mehboob Ali Kaiser) और नवादा से सांसद चंदन सिंह (Chandan Singh) ने पशुपति कुमार पारस(Pashupati Paras)को अपना नेता बनाया है.
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पटना लोजपा कार्यालय में बड़ा परिवर्तन
चिराग पासवान को जिस तरह सांसदों ने पार्टी से अलग थलग किया है. इसके बाद अब पटना के लोजपा कार्यालय में भी परिवर्तन दिख रहा है और अब पार्टी कार्यालय में पशुपति कुमार पारस का बोर्ड, अध्यक्ष के रूप में लगाया गया है.
चिराग के चाचा का बोर्ड बदला
अभी लोजपा कार्यालय को पूरी तरह से बंद रखा गया है. पार्टी कार्यालय में मौजूद गार्ड बताते है कि कार्यालय को खोलने का आदेश नहीं है, लेकिन जिस तरह से अब पटना के लोजपा कार्यालय में लोजपा अध्यक्ष के रूप में पशुपति कुमार पारस को दिखाया गया है इससे स्पष्ट है कि कार्यकर्ता भी पारस के साथ हैं.
विधानसभा चुनाव के समय से नाराजगी
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था. पार्टी ने जदयू के खिलाफ हर सीट पर अपना उम्मीदवार भी उतारा था. जिसके कारण जदयू को काफी नुकसान भी हुआ था. तब से ही आशंका जताई जा रही थी कि आज ना कल सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लोजपा में पाला बदलवाने का खेल जरूर करेंगे.
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पशुपति पारस थे नाराज
चिराग पासवान के रवैये से उनके चाचा पशुपति पारस खुश नहीं थे. इस बात की जानकारी सीएम नीतीश को भी थी. इसके बाद नीतीश ने परिवार और पार्टी, दोनों में 'खेल' करने के लिए अपने योद्धाओं को मैदान में उतार दिया. बताया जाता है कि पशुपति पारस को मनाने के लिए जेडीयू के वरिष्ठ नेता और विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी को कहा गया.
पशुपति पारस कर चुके हैं नीतीश की तारीफ
बता दें कि पशुपति पारस ने नीतीश कुमार को विकास पुरुष कहते हुए उनकी तारीफों के पुल बांध दिए थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि मैं शुरुआत से एनडीए के साथ रहा हूं, हम एनडीए के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार को एक अच्छा लीडर मानते हैं, वे विकास पुरुष हैं.
कौन हैं पशुपति कुमार पारस?
पशुपति कुमार पारस अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. इसके अलावा, वे लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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