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नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं मिलेगा एक्सटेंशन - पटना बिहार

कैबिनेट की बैठक में बड़ी फैसला लिया गया है. राज्य सरकार पंचायत परामर्श समिति की नियुक्ति करेगी.

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Published : Jun 1, 2021, 1:50 PM IST

Updated : Jun 1, 2021, 1:58 PM IST

पटना: नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक समाप्त हो गयी. इस बैठक में पंचायत को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. सरकार पंचायत परामर्श समिति की नियुक्ति करेगी. 15 जून को पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल हो रहा है. उसको ध्यान में रखते हुए कैबिनेट में यह फैसला लिया गया.

बता दें कि बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. ऐसे में कई दलों के नेताओं की ओर से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल चुनाव तक बढ़ाने की मांग की गई थी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी पत्र लिखकर पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी. भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. कांग्रेस की तरफ से भी कार्यकाल बढ़ाने की मांग हुई थी.

केंद्र से मिला है 5018 करोड़
15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार 2020-21 में पंचायतों को 5018 करोड़ रुपए मिला है. इसमें बड़ा हिस्सा इस साल बिहार को केंद्र ने दिया है. वहीं 2021-22 में बिहार को 15 में वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार 3709 करोड़ रुपए मिलेगा और उसमें से पहली किस्त के तौर पर 7418 करोड़ रुपए केंद्र ने दिया है. इसमें से 70% ग्राम पंचायतों को खर्च करना है. 20% राशि पंचायत समिति और 10% जिला परिषद खर्च करेगा. बिहार की राशि 1000 करोड़ से अधिक अब घटा दी गई है. अब हर साल इतनी ही राशि बिहार को पंचायती राज संस्थानों के लिए मिलेगी.

हर पंचायत को खर्च करना है 50 लाख
2020-21 से 2021-22 तक बड़ी राशि बिहार के त्रिस्तरीय पंचायतों को मिली है. ऐसे में प्रत्येक ग्राम पंचायत को 50 लाख से अधिक की राशि खर्च करनी है. कई योजना पर काम चल रहा है और फिलहाल कोरोना के समय पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अहम है. इस मामले में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि अभी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है.

8386 पंचायतों में होना था चुनाव
बिहार में 8386 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना था. 2 लाख 56 हजार से अधिक पदों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद का चुनाव होना था. मुखिया संघ के अध्यक्ष अशोक सिंह ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से मिलकर चुनाव तक पंचायत प्रतिनिधियों को काम करने देने का आग्रह किया था. कार्यकाल कम से कम 6 महीने बढ़ाने की मांग की थी.

15 जून से पहले होना था चुनाव
दरअसल, 8386 ग्राम पंचायतों में चुनाव 15 जून से पहले होना था. 2016 में 4 करोड़ 80 लाख 39 हजार 781 मतदाता थे. इस बार बढ़कर 6 करोड़ 44 लाख 54749 मतदाता हो गए हैं. कुल मिलाकर 64 लाख 14968 से अधिक मतदाता पंचायत चुनाव में बढ़े हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मुखिया, पंच, सरपंच, ग्राम कचहरी, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति 6 पदों पर चुनाव होना था.

पद संख्या

मुखिया 8386

सरपंच 8386

पंच 114667

वार्ड सदस्य 114667

पंचायत समिति सदस्य 12491

जिला परिषद सदस्य 1161

पटना: नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक समाप्त हो गयी. इस बैठक में पंचायत को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. सरकार पंचायत परामर्श समिति की नियुक्ति करेगी. 15 जून को पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल हो रहा है. उसको ध्यान में रखते हुए कैबिनेट में यह फैसला लिया गया.

बता दें कि बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. ऐसे में कई दलों के नेताओं की ओर से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल चुनाव तक बढ़ाने की मांग की गई थी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी पत्र लिखकर पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी. भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. कांग्रेस की तरफ से भी कार्यकाल बढ़ाने की मांग हुई थी.

केंद्र से मिला है 5018 करोड़
15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार 2020-21 में पंचायतों को 5018 करोड़ रुपए मिला है. इसमें बड़ा हिस्सा इस साल बिहार को केंद्र ने दिया है. वहीं 2021-22 में बिहार को 15 में वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार 3709 करोड़ रुपए मिलेगा और उसमें से पहली किस्त के तौर पर 7418 करोड़ रुपए केंद्र ने दिया है. इसमें से 70% ग्राम पंचायतों को खर्च करना है. 20% राशि पंचायत समिति और 10% जिला परिषद खर्च करेगा. बिहार की राशि 1000 करोड़ से अधिक अब घटा दी गई है. अब हर साल इतनी ही राशि बिहार को पंचायती राज संस्थानों के लिए मिलेगी.

हर पंचायत को खर्च करना है 50 लाख
2020-21 से 2021-22 तक बड़ी राशि बिहार के त्रिस्तरीय पंचायतों को मिली है. ऐसे में प्रत्येक ग्राम पंचायत को 50 लाख से अधिक की राशि खर्च करनी है. कई योजना पर काम चल रहा है और फिलहाल कोरोना के समय पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अहम है. इस मामले में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि अभी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है.

8386 पंचायतों में होना था चुनाव
बिहार में 8386 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना था. 2 लाख 56 हजार से अधिक पदों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद का चुनाव होना था. मुखिया संघ के अध्यक्ष अशोक सिंह ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से मिलकर चुनाव तक पंचायत प्रतिनिधियों को काम करने देने का आग्रह किया था. कार्यकाल कम से कम 6 महीने बढ़ाने की मांग की थी.

15 जून से पहले होना था चुनाव
दरअसल, 8386 ग्राम पंचायतों में चुनाव 15 जून से पहले होना था. 2016 में 4 करोड़ 80 लाख 39 हजार 781 मतदाता थे. इस बार बढ़कर 6 करोड़ 44 लाख 54749 मतदाता हो गए हैं. कुल मिलाकर 64 लाख 14968 से अधिक मतदाता पंचायत चुनाव में बढ़े हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मुखिया, पंच, सरपंच, ग्राम कचहरी, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति 6 पदों पर चुनाव होना था.

पद संख्या

मुखिया 8386

सरपंच 8386

पंच 114667

वार्ड सदस्य 114667

पंचायत समिति सदस्य 12491

जिला परिषद सदस्य 1161

Last Updated : Jun 1, 2021, 1:58 PM IST
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