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SRI के माध्यम से बिहार के ये किसान कर रहे चौगुनी कमाई, आप जानते हैं ये तकनीक

मसौढ़ी में कम लागत में अच्छी उपज को लेकर किसान इस बार श्री विधि तकनीक से धान रोपनी में रूचि ले रहे हैं. वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लक्ष्य से चौगुना इस बार धान रोपनी हुई है. तो आइये जानते है श्री विधि तकनीक और इसके फायदे...

श्रीविधि तकनीक
श्रीविधि तकनीक
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Published : Jul 13, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Jul 13, 2021, 10:40 AM IST

पटना: कम लागत और अच्छी उपज को लेकर किसान ने इस बार श्री विधि तकनीक (SRI Technique) से धान की रोपाई (Paddy Transplanted) कर रहे हैं. मसौढ़ी के भैसवां पूरे पटना जिला का पहला ऐसा पंचायत है. जहां किसानों ने 100 एकड़ से अधिक में श्री विधि तकनीक से धान की रोपाई की गई है.

यह भी पढ़ें: अगेती धान से बदल रही किसानों की किस्मत, अप्रैल में रोपाई और अगस्त में फसल तैयार

दरअसल, श्रीविधि तकनीक एक वैज्ञानिक खेती है. जिसमें एकल धान की रोपनी होती है और हर एक धान की दुरी 8-10 ईंच की होती है. इसमें खास तौर पर उल्टे अंगुठे से रोपाई की जाती है. खासियत यह है कि एक धान रोपने पर कई धान उग आते हैं, पानी की जरूरतें कम पड़ती है. एक सीधी लाइन में यह लगाया जाता है.

देखें यह रिपोर्ट.

''(SRI) System Of Rice Intensification, यानि इसके माध्यम से एक कल्ला लगाने पर 50-60 कल्ला निकलता है. इस विधि में पानी का कम से कम इस्तेमाल होता है''- रश्मि कुमारी, एग्रीकल्चर टेक्नीकल मैनेजर

मसौढ़ी के भैसवां पंचायत में श्रीविधि तकनीक से हो रहे रोपाई का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग के नोडल पदाधिकारी, कृषि समन्यवक, एग्रीकल्चर टेक्निकल मनेजर की टीम पहुंची. ईटीवी भारत से खास बाचतीत में किसानों को जागरूक करते हुए इस तकनीक से फायदे के बारे बताया है.

मसौढ़ी प्रखंड में धान की रोपनी के लिए 17 पंचायतों में कुल 290 एकड़ का लक्ष्य रखा गया, लेकिन 1000 एकड़ में श्रीविधि तकनीक से धान की रोपनी हुई है. धनरूआ प्रखंड में धान की रोपनी के लिए 20 पंचायतों में कुल 120 एकड़ का लक्ष्य रखा गया,लेकिन 140 एकड़ में धान की रोपनी हुई. जबकि पुनपुन प्रखंड में 14 पंचायतों में कुल 84 एकड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 97 एकड़ में धान की रोपनी हुई.

''श्री विधि का पालन हमलोग वर्ष 2006 से कर रहे हैं. इस विधि को अपनाने से तीगुना उपज होता है. पहले 1-2 बीघा में इसके अनुसार खेती करते थे अब सैकड़ों बीघा में करते हैं.''- सुनिल सिंह
किसान, भैंसवा, मसौढ़ी

पटना: कम लागत और अच्छी उपज को लेकर किसान ने इस बार श्री विधि तकनीक (SRI Technique) से धान की रोपाई (Paddy Transplanted) कर रहे हैं. मसौढ़ी के भैसवां पूरे पटना जिला का पहला ऐसा पंचायत है. जहां किसानों ने 100 एकड़ से अधिक में श्री विधि तकनीक से धान की रोपाई की गई है.

यह भी पढ़ें: अगेती धान से बदल रही किसानों की किस्मत, अप्रैल में रोपाई और अगस्त में फसल तैयार

दरअसल, श्रीविधि तकनीक एक वैज्ञानिक खेती है. जिसमें एकल धान की रोपनी होती है और हर एक धान की दुरी 8-10 ईंच की होती है. इसमें खास तौर पर उल्टे अंगुठे से रोपाई की जाती है. खासियत यह है कि एक धान रोपने पर कई धान उग आते हैं, पानी की जरूरतें कम पड़ती है. एक सीधी लाइन में यह लगाया जाता है.

देखें यह रिपोर्ट.

''(SRI) System Of Rice Intensification, यानि इसके माध्यम से एक कल्ला लगाने पर 50-60 कल्ला निकलता है. इस विधि में पानी का कम से कम इस्तेमाल होता है''- रश्मि कुमारी, एग्रीकल्चर टेक्नीकल मैनेजर

मसौढ़ी के भैसवां पंचायत में श्रीविधि तकनीक से हो रहे रोपाई का जायजा लेने के लिए कृषि विभाग के नोडल पदाधिकारी, कृषि समन्यवक, एग्रीकल्चर टेक्निकल मनेजर की टीम पहुंची. ईटीवी भारत से खास बाचतीत में किसानों को जागरूक करते हुए इस तकनीक से फायदे के बारे बताया है.

मसौढ़ी प्रखंड में धान की रोपनी के लिए 17 पंचायतों में कुल 290 एकड़ का लक्ष्य रखा गया, लेकिन 1000 एकड़ में श्रीविधि तकनीक से धान की रोपनी हुई है. धनरूआ प्रखंड में धान की रोपनी के लिए 20 पंचायतों में कुल 120 एकड़ का लक्ष्य रखा गया,लेकिन 140 एकड़ में धान की रोपनी हुई. जबकि पुनपुन प्रखंड में 14 पंचायतों में कुल 84 एकड़ का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 97 एकड़ में धान की रोपनी हुई.

''श्री विधि का पालन हमलोग वर्ष 2006 से कर रहे हैं. इस विधि को अपनाने से तीगुना उपज होता है. पहले 1-2 बीघा में इसके अनुसार खेती करते थे अब सैकड़ों बीघा में करते हैं.''- सुनिल सिंह
किसान, भैंसवा, मसौढ़ी

Last Updated : Jul 13, 2021, 10:40 AM IST
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