पटना: आपदा विभाग ने बाढ़ संबंधित आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि कुल 16 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई है. इसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण पश्चिम चंपारण, खगड़िया ,समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा और सारण जिले के 130 प्रभावित प्रखंड है. इसके साथ ही कुल 13,33 प्रभावित पंचायत प्रभावित हुए हैं.
83 लाख से अधिक लोग प्रभावित
जिले में 83 लाख 62 हजार 4 सौ 51 लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं निस्क्रमिट जनसंख्या 55 हजार 7 सौ 92 है. कुल 6 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में रहने वाले कुल 5186 लोग हैं. वहीं बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग कुल 16 जिलों में 119 सामुदायिक रसोई चला रहा है. इसमें 97 हजार 6 सौ 33 लोग प्रतिदिन सामुदायिक रसोई में भोजन कर रहे हैं. आपदा विभाग के आंकड़े के अनुसार 27 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 88 जानवरों की भी मौत हो चुकी है.
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बाढ़ को लेकर निर्देश जारी
बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश जारी किया है. आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है. बिहार के संभावित 16 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई है. कुल 21 टीमों की तैनाती की गई है और आपदा मुख्यालय में कुछ टीमों को रिजर्व में रखने की जरूरत है. आपदा विभाग के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ का मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसके साथ ही लगातार अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर रहे हैं.
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मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था
आपदा विभाग के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है. महिलाओं, बच्चे और बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था की गई है. सभी राहत शिविरों में मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था राज्य सरकार के तरफ से की जा रहा है. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. वहीं जरूरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर तक पहुंचाया जा रहा है.