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टॉपर घोटाले के लिए बदनाम बिहार के स्कूलों में पहुंच रहे देशभर के छात्र, नेपाल और भूटान भी शामिल - पटना की खबर

2020 में जब पूरा देश कोरोनावायरस का दंश झेल रहा था उसी दौर में बिहार बोर्ड ने सबसे पहले मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट जारी करके इतिहास रच दिया. बिहार बोर्ड में परिवर्तन के बाद बिहार की शिक्षा में काफी बदलाव आया है.

एडमिशन
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Published : Aug 15, 2020, 3:15 PM IST

पटनाः बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कदाचार और परीक्षा के रिजल्ट टॉपर घोटाले के लिए ज्यादा प्रचलित थी. इस मामले में लगातार बिहार की किरकिरी होती रही है, जब तक कि बिहार बोर्ड में एक बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ.

अब खुश करने वाली खबर ये है कि 2019 में 19 राज्य बोर्ड के छात्रों ने बिहार बोर्ड में दिलचस्पी दिखाई थी. वहीं, इस साल 26 राज्य बोर्ड के छात्र 11वीं में एडमिशन के लिए आवेदन कर चुके हैं.

बिहार बोर्ड में परिवर्तन के बाद आया बदलाव
दरअसल बिहार बोर्ड में परिवर्तन के बाद एक नई तकनीक अपनाई गई. ना सिर्फ परीक्षा का पैटर्न बदला गया बल्कि पूरी व्यवस्था में सुधार लाकर अब बिहार बोर्ड देश के टॉप बोर्ड में शामिल हो गया है. अब ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों के छात्र भी बिहार के सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए अप्लाई कर रहे हैं. देखिए ये खास रिपोर्ट....

एडमिशन के लिए पहुंचे बच्चे
एडमिशन के लिए पहुंचे बच्चे

कोरोना वायरस के दौर में जारी किया सबसे पहले रिजल्ट
वर्ष 2020 में जब पूरा देश कोरोनावायरस का दंश झेल रहा था उसी दौर में बिहार बोर्ड ने सबसे पहले मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट जारी करके इतिहास रच दिया. बिहार बोर्ड ने सिर्फ रिजल्ट ही नहीं घोषित किया बल्कि कदाचार मुक्त परीक्षा के बावजूद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सफलता अर्जित की. बदलाव की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई जब बिहार बोर्ड ने विषय आधारित प्रश्नों का पैटर्न मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में बदल दिया.

कंपटीशन की तैयारी में मिल रही है मदद
परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रशनों की संख्या बढ़ाई गई. जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार बोर्ड का पैटर्न विभिन्न कॉन्पिटिटिव एग्जाम्स के पैटर्न से काफी मिलता है. जिससे दूसरे बोर्ड से आने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न तरह की कंपटीशन की तैयारी में मदद मिल रही है. प्रश्न पत्रों के पैटर्न में बदलाव करने वाला बिहार बोर्ड देश का पहला बोर्ड है.

पटना कॉलेज
पटना कॉलेज

कई राज्यों के छात्रों ने किया बिहार का रुख
इस सिलसिले में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि तकनीक आधारित परीक्षा सुधार, समय पर परीक्षा और समय पर परीक्षा फल का प्रकाशन के कारण देश के कई राज्यों के बोर्ड के छात्र बिहार बोर्ड की तरफ रुख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी अब सरकारी स्कूलों से इंटर की पढ़ाई करना चाहते हैं. इसकी वजह प्राइवेट स्कूलों की मनमानी भी है. वहीं, बिहार बोर्ड पर लोगों का विश्वास पहले से काफी बढ़ा है.

'बिहार के लिए है बहुत गर्व की बात'
शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि बिहार के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि सिर्फ विभिन्न राज्यों के ही नहीं बल्कि नेपाल और भूटान जैसे देशों से भी स्टूडेंट बिहार में इंटर में एडमिशन के लिए आवेदन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सब बिहार बोर्ड में आमूलचूल परिवर्तन करने के कारण संभव हुआ है.

उन्होंने बताया कि बिहार में तकनीकी बदलाव और कदाचार मुक्त परीक्षा के साथ नए तौर-तरीकों की जानकारी के लिए नेपाल के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य बोर्ड के प्रतिनिधियों ने पिछले दिनों बिहार बोर्ड का दौरा किया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

21,000 छात्रों ने लिया सरकारी संस्थान में नामांकन
बिहार बोर्ड के मुताबिक पिछले 2 साल में बिहार बोर्ड के जरिए इंटर करने वाले छात्रों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल 16,000 से ज्यादा छात्रों ने बिहार के सरकारी स्कूल और कॉलेजों में नामांकन लिया. जबकि इस साल 21, 000 से ज्यादा छात्र बिहार के सरकारी स्कूल और कॉलेजों में नामांकन ले चुके हैं.

इन राज्यों के छात्रों ने 11वीं में लिया नामांकन
11वीं में एडमिशन वाले छात्रों में उत्तर प्रदेश, झारखंड , पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र ,तेलंगाना ,नागालैंड, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, गोवा, पंजाब, असम, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, हरियाणा, त्रिपुरा, सिक्किम और तमिलनाडु राज्य के छात्र शामिल हैं.

पटनाः बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कदाचार और परीक्षा के रिजल्ट टॉपर घोटाले के लिए ज्यादा प्रचलित थी. इस मामले में लगातार बिहार की किरकिरी होती रही है, जब तक कि बिहार बोर्ड में एक बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ.

अब खुश करने वाली खबर ये है कि 2019 में 19 राज्य बोर्ड के छात्रों ने बिहार बोर्ड में दिलचस्पी दिखाई थी. वहीं, इस साल 26 राज्य बोर्ड के छात्र 11वीं में एडमिशन के लिए आवेदन कर चुके हैं.

बिहार बोर्ड में परिवर्तन के बाद आया बदलाव
दरअसल बिहार बोर्ड में परिवर्तन के बाद एक नई तकनीक अपनाई गई. ना सिर्फ परीक्षा का पैटर्न बदला गया बल्कि पूरी व्यवस्था में सुधार लाकर अब बिहार बोर्ड देश के टॉप बोर्ड में शामिल हो गया है. अब ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों के छात्र भी बिहार के सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए अप्लाई कर रहे हैं. देखिए ये खास रिपोर्ट....

एडमिशन के लिए पहुंचे बच्चे
एडमिशन के लिए पहुंचे बच्चे

कोरोना वायरस के दौर में जारी किया सबसे पहले रिजल्ट
वर्ष 2020 में जब पूरा देश कोरोनावायरस का दंश झेल रहा था उसी दौर में बिहार बोर्ड ने सबसे पहले मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट जारी करके इतिहास रच दिया. बिहार बोर्ड ने सिर्फ रिजल्ट ही नहीं घोषित किया बल्कि कदाचार मुक्त परीक्षा के बावजूद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सफलता अर्जित की. बदलाव की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई जब बिहार बोर्ड ने विषय आधारित प्रश्नों का पैटर्न मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में बदल दिया.

कंपटीशन की तैयारी में मिल रही है मदद
परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रशनों की संख्या बढ़ाई गई. जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार बोर्ड का पैटर्न विभिन्न कॉन्पिटिटिव एग्जाम्स के पैटर्न से काफी मिलता है. जिससे दूसरे बोर्ड से आने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न तरह की कंपटीशन की तैयारी में मदद मिल रही है. प्रश्न पत्रों के पैटर्न में बदलाव करने वाला बिहार बोर्ड देश का पहला बोर्ड है.

पटना कॉलेज
पटना कॉलेज

कई राज्यों के छात्रों ने किया बिहार का रुख
इस सिलसिले में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि तकनीक आधारित परीक्षा सुधार, समय पर परीक्षा और समय पर परीक्षा फल का प्रकाशन के कारण देश के कई राज्यों के बोर्ड के छात्र बिहार बोर्ड की तरफ रुख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी अब सरकारी स्कूलों से इंटर की पढ़ाई करना चाहते हैं. इसकी वजह प्राइवेट स्कूलों की मनमानी भी है. वहीं, बिहार बोर्ड पर लोगों का विश्वास पहले से काफी बढ़ा है.

'बिहार के लिए है बहुत गर्व की बात'
शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि बिहार के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि सिर्फ विभिन्न राज्यों के ही नहीं बल्कि नेपाल और भूटान जैसे देशों से भी स्टूडेंट बिहार में इंटर में एडमिशन के लिए आवेदन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सब बिहार बोर्ड में आमूलचूल परिवर्तन करने के कारण संभव हुआ है.

उन्होंने बताया कि बिहार में तकनीकी बदलाव और कदाचार मुक्त परीक्षा के साथ नए तौर-तरीकों की जानकारी के लिए नेपाल के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य बोर्ड के प्रतिनिधियों ने पिछले दिनों बिहार बोर्ड का दौरा किया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

21,000 छात्रों ने लिया सरकारी संस्थान में नामांकन
बिहार बोर्ड के मुताबिक पिछले 2 साल में बिहार बोर्ड के जरिए इंटर करने वाले छात्रों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल 16,000 से ज्यादा छात्रों ने बिहार के सरकारी स्कूल और कॉलेजों में नामांकन लिया. जबकि इस साल 21, 000 से ज्यादा छात्र बिहार के सरकारी स्कूल और कॉलेजों में नामांकन ले चुके हैं.

इन राज्यों के छात्रों ने 11वीं में लिया नामांकन
11वीं में एडमिशन वाले छात्रों में उत्तर प्रदेश, झारखंड , पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र ,तेलंगाना ,नागालैंड, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, गोवा, पंजाब, असम, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, हरियाणा, त्रिपुरा, सिक्किम और तमिलनाडु राज्य के छात्र शामिल हैं.

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