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गया के पूर्व SSP आदित्य कुमार के खिलाफ जारी होगा इश्तेहार, विशेष कोर्ट का आदेश - आइपीएस आदित्य के अग्रिम जमानत पर फैसला

पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. कोर्ट में आज अग्रिम जमानत पर फैसला आना है. हालांकि वे पिछले 15 अक्टूबर से ही पुलिस की नजरों से फरार चल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर....

गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार
गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार
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Published : Dec 3, 2022, 10:35 AM IST

पटना: गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को इश्तेहार जारी करने का आदेश दिया है. पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी को फोन मामले की जांच में जुटे आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने वारंट जारी होने के बाद भी आइपीएस को गिरफ्तार करने में असफल रही. जिसके बाद इओयू ने पटना के एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक पदाधिकारी न्यायमूर्ति आदि देव की अदालत में एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ धारा 82 के तहत इश्तेहार जारी करने का आग्रह किया. जिसमें न्यायालय ने इश्तेहार जारी करने का आदेश जारी कर दिया है. वहीं आज कोर्ट में एसएसपी आदित्य कुमार के एंटीसिपेट्री बेल पर फैसला सुनाया जाना है.

ये भी पढ़ें- फर्जी फोन कॉल मामले पर पहली बार बोले DGP- 'अंदाज पर बात बिल्कुल ना करें'

एसएसपी आदित्य हुए फरार: दरअसल पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी समेत अन्य अफसरों को फोन मामले में अभियुक्त एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ बीते 4 नवंबर को वारंट जारी किया गया था. जिसके बाद गिरफ्तारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया. वहीं आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों के मुताबिक जालसाजी करने मामले में अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद आदित्य कुमार ने अपने मोबाइल को बंद दिया है. जिसकी वजह से फोन लोकेशन भी नहीं मिल रहा है. इओयू सूत्रों का कहना है कि आदित्य कुमार बिहार और उत्तर प्रदेश में ही कहीं भी छिपे हुए हैं. बताया जाता है कि आइपीएस आदित्य उत्तरप्रदेश के मेरठ निवासी हैं. इस कारण से उत्तर प्रदेश में भी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई है.

क्या था मामला: गया एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए अभिषेक अग्रवाल नामक व्यक्ति ने पटना हाइकोर्ट के फर्जी जज बन कर डीजीपी एसके सिंघल को निर्देश दिया था कि गया एसएसपी पर किसी मामले में दोष सिद्ध नहीं हुआ है. इसलिए उन्हें बाइज्जत बरी किया जाए. जिसके बाद डीजीपी ने बिना किसी जांच पड़ताल के जज के आदेश को मानकर आइपीएस आदित्य पर लगाए सारे चार्ज हटा दिए थे. जब इस मामले की जांच की गई तब जाकर यह मालूम हुआ कि यह फोन कॉल फर्जी था. जिसके बाद आइपीएस आदित्य कुमार लगातार फरार चल रहे हैं.

इधर, पटना के एडीजे-21 के कोर्ट में आदित्य कुमार के अग्रिम जमानत के आवेदन पर सुनवाई पूरी होने के बाद तीन दिसंबर की तारीख तय हुई है. इओयू इस मामले में अभी तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धाराएं 353, 387, 419, 430, 467, 468, 120 बी, आइटी एक्ट के तहत आदित्य कुमार समेत पांच को नामजद करते हुए मामले की जांच जारी है.


इसे भी पढ़ेंः गया में निवर्तमान SSP आदित्य कुमार और SHO संजय कुमार के खिलाफ FIR दर्ज


पटना: गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को इश्तेहार जारी करने का आदेश दिया है. पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी को फोन मामले की जांच में जुटे आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने वारंट जारी होने के बाद भी आइपीएस को गिरफ्तार करने में असफल रही. जिसके बाद इओयू ने पटना के एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक पदाधिकारी न्यायमूर्ति आदि देव की अदालत में एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ धारा 82 के तहत इश्तेहार जारी करने का आग्रह किया. जिसमें न्यायालय ने इश्तेहार जारी करने का आदेश जारी कर दिया है. वहीं आज कोर्ट में एसएसपी आदित्य कुमार के एंटीसिपेट्री बेल पर फैसला सुनाया जाना है.

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एसएसपी आदित्य हुए फरार: दरअसल पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी समेत अन्य अफसरों को फोन मामले में अभियुक्त एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ बीते 4 नवंबर को वारंट जारी किया गया था. जिसके बाद गिरफ्तारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया. वहीं आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों के मुताबिक जालसाजी करने मामले में अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद आदित्य कुमार ने अपने मोबाइल को बंद दिया है. जिसकी वजह से फोन लोकेशन भी नहीं मिल रहा है. इओयू सूत्रों का कहना है कि आदित्य कुमार बिहार और उत्तर प्रदेश में ही कहीं भी छिपे हुए हैं. बताया जाता है कि आइपीएस आदित्य उत्तरप्रदेश के मेरठ निवासी हैं. इस कारण से उत्तर प्रदेश में भी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई है.

क्या था मामला: गया एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए अभिषेक अग्रवाल नामक व्यक्ति ने पटना हाइकोर्ट के फर्जी जज बन कर डीजीपी एसके सिंघल को निर्देश दिया था कि गया एसएसपी पर किसी मामले में दोष सिद्ध नहीं हुआ है. इसलिए उन्हें बाइज्जत बरी किया जाए. जिसके बाद डीजीपी ने बिना किसी जांच पड़ताल के जज के आदेश को मानकर आइपीएस आदित्य पर लगाए सारे चार्ज हटा दिए थे. जब इस मामले की जांच की गई तब जाकर यह मालूम हुआ कि यह फोन कॉल फर्जी था. जिसके बाद आइपीएस आदित्य कुमार लगातार फरार चल रहे हैं.

इधर, पटना के एडीजे-21 के कोर्ट में आदित्य कुमार के अग्रिम जमानत के आवेदन पर सुनवाई पूरी होने के बाद तीन दिसंबर की तारीख तय हुई है. इओयू इस मामले में अभी तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धाराएं 353, 387, 419, 430, 467, 468, 120 बी, आइटी एक्ट के तहत आदित्य कुमार समेत पांच को नामजद करते हुए मामले की जांच जारी है.


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