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बोले मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा- नियोजित शिक्षकों को नौकरी मिलने के बाद मिलेगा ज्यादा दहेज - Opposition raises questions

शिक्षा मंत्री की ओर से दहेज प्रथा पर दिए बयान को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं. विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों पर संज्ञान लेना चाहिए.

विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री
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Published : Jul 26, 2019, 2:42 PM IST

पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा के बयान को लेकर सवाल उठ रहे हैं. विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने तिलक, दहेज की बात की. इसको लेकर राबड़ी देवी समेत विपक्ष के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के अभियान पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.

विधान परिषद में शुक्रवार को नियोजित शिक्षकों के मामले में शिक्षा मंत्री एक सवाल का जवाब दे रहे थे. नवल किशोर यादव के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों का सम्मान पहले से बढ़ा है. उन्होंने अपने गांव का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे गांव के युवकों की जब से नियोजित शिक्षक की नौकरी लगी तब से उनका सोशल वैल्यू बढ़ गया है. अब उन्हें ज्यादा दहेज मिलेगा.

शिक्षा मंत्री की ओर से दहेज प्रथा पर दिए बयान को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं

विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. इस पर प्रतिबंध लागू भी है. ऐसे में शिक्षा मंत्री का यह बयान उनके लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है. सदन के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री के इस बयान की निंदा की है और मुख्यमंत्री के अभियान पर सवाल खड़े किए हैं.

विपक्ष ने साधा निशाना
राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भी योजनाएं बनाई वह सब फेल हो गई. वहीं प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिन लोगों को मंत्री बनाया है उनके योग्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों पर संज्ञान लेना चाहिए.

शिक्षा मंत्री ने दी सफाई
इधर, शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनका यह बयान सिर्फ एक हंसी-मजाक था. इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा कहने का मतलब सिर्फ इतना ही था कि नियोजित शिक्षकों का सम्मान पहले से बढ़ गया है.

पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा के बयान को लेकर सवाल उठ रहे हैं. विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने तिलक, दहेज की बात की. इसको लेकर राबड़ी देवी समेत विपक्ष के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के अभियान पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.

विधान परिषद में शुक्रवार को नियोजित शिक्षकों के मामले में शिक्षा मंत्री एक सवाल का जवाब दे रहे थे. नवल किशोर यादव के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों का सम्मान पहले से बढ़ा है. उन्होंने अपने गांव का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे गांव के युवकों की जब से नियोजित शिक्षक की नौकरी लगी तब से उनका सोशल वैल्यू बढ़ गया है. अब उन्हें ज्यादा दहेज मिलेगा.

शिक्षा मंत्री की ओर से दहेज प्रथा पर दिए बयान को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं

विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. इस पर प्रतिबंध लागू भी है. ऐसे में शिक्षा मंत्री का यह बयान उनके लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है. सदन के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री के इस बयान की निंदा की है और मुख्यमंत्री के अभियान पर सवाल खड़े किए हैं.

विपक्ष ने साधा निशाना
राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भी योजनाएं बनाई वह सब फेल हो गई. वहीं प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिन लोगों को मंत्री बनाया है उनके योग्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों पर संज्ञान लेना चाहिए.

शिक्षा मंत्री ने दी सफाई
इधर, शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनका यह बयान सिर्फ एक हंसी-मजाक था. इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा कहने का मतलब सिर्फ इतना ही था कि नियोजित शिक्षकों का सम्मान पहले से बढ़ गया है.

Intro:बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा के बयान को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने तिलक दहेज़ की बात की, जिसे लेकर राबड़ी देवी समेत तमाम सदस्यों ने मुख्यमंत्री के अभियान पर ही सवाल खड़े किए हैं। एक रिपोर्ट।


Body:विधान परिषद में शुक्रवार को नियोजित शिक्षकों के मामले में शिक्षा मंत्री एक सवाल का जवाब दे रहे थे। नवल किशोर यादव के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों का सम्मान पहले से बढ़ा है। उन्होंने अपने गांव का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे गांव में तो जब युवकों को नियोजित शिक्षकों की नौकरी लग गई उसके बाद उनका तिलक बढ़ गया।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी और इस पर प्रतिबंध लागू भी है। ऐसे में शिक्षा मंत्री का यह बयान उनके लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। सदन के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री के इस बयान की निंदा की है और मुख्यमंत्री के अभियान पर भी सवाल खड़े किए हैं। राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भी योजनाएं बनाई वह सब फेल हो गई। वही प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिन लोगों को मंत्री बनाया है उनके योग्यता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों पर संज्ञान लेना चाहिए।
इधर शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनका यह बयान सिर्फ एक हंसी मजाक था और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा कहने का मतलब सिर्फ इतना ही था कि नियोजित शिक्षकों का सम्मान पहले से बढ़ गया है।


Conclusion:राबड़ी देवी पूर्व मुख्यमंत्री बिहार
प्रेमचंद्र मिश्रा कांग्रेस नेता
कृष्ण नंदन वर्मा शिक्षा मंत्री बिहार
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